जयपुर. राजस्थान में लगातार हो रही बारिश की वजह से अब ग्रामीण और शहरी ओलिंपिक 10 जुलाई शुरू नहीं हो पाएंगे। सरकार ने ओलिंपिक के आयोजन को 26 दिन के लिए आगे बढ़ा दिया है। खेल विभाग ने आदेश जारी कर ग्रामीण और शहरी ओलंपिक का आयोजन अब 5 अगस्त से करने का फैसला किया है।
खेल विभाग के शासन सचिव नरेश कुमार ठकराल ने बताया कि अगले कुछ दिनों में बारिश की संभावना और अन्य कारणों के मध्य नजर इन खेलों के आयोजन की तारीख को आगे बढ़ने का फैसला लिया गया है। ऐसे में इस समय अवधि में खिलाड़ियों को अभ्यास करने का पर्याप्त वक्त मिलेगा। जिसके बाद 5 अगस्त से शुरू होने वाले ग्रामीण और शहरी ओलिंपिक खेलों में प्रदेश के 57 लाख से ज्यादा खिलाड़ी और बेहतर प्रदर्शन कर रिकॉर्ड बनायगे।
दरअसल, राजस्थान सरकार इस साल 26 जनवरी से शहरी ओलिंपिक की शुरुआत करने वाली थी। लेकिन आखिरी वक्त पर आयोजन को स्थगित कर शहरी और ग्रामीण ओलिंपिक एक साथ कराने का फैसला किया गया। इसके बाद खेल मंत्री अशोक चांदना ने 30 जून को शहरी और ग्रामीण ओलिंपिक के आयोजन कराने का दावा किया। गांव-ढाणी स्तर पर इसको लेकर अधिकारियों ने तैयारी भी शुरू कर दी। लेकिन आखरी वक्त पर विभाग की आधी अधूरी तैयारियों की वजह से ओलिंपिक की तारीख को एक बार फिर 17 दिन आगे बढ़ाकर 10 जुलाई से कराने का फैसला किया गया।
वहीं अब खेल विभाग द्वारा मानसून का हवाला देकर ओलिंपिक के आयोजन को आगे बढ़ाने की बात कही जा रही है जबकि अगस्त तक मानसून सक्रिय रहता है। ऐसे में माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अस्वस्थ होने की वजह से ओलिंपिक को 26 दिनों के लिए स्थगित किया है। क्योंकि मुख्यमंत्री गहलोत के टांग में फिलहाल लगी हुई है। जिसकी वजह से वह खुद ग्राउंड पर नहीं पहुंच पाएंगे। ऐसे में माना जा रहा है कि 5 अगस्त तक मुख्यमंत्री तंदरुस्त हो जाएंगे। जिसके बाद वह खुद ग्राउंड में पहुंचे राजस्थान में पहली बार होने वाले शहरी और ग्रामीण ओलिंपिक का उद्घाटन करेंगे।
ओलिंपिक के लिए होंगे 130 करोड़ खर्च
गौरतलब है कि शहरी और ग्रामीण ओलिंपिक के आयोजन को भव्य बनाने के लिए सरकार ने इस बार बजट में 90 करोड़ की बढ़ोतरी की है। जहां पिछले साल सरकार ने 40 करोड़ रुपए खर्च कर ग्रामीण ओलिंपिक का आयोजन करवाया था। वहीं इस बार शहरी और ग्रामीण ओलिंपिक के लिए कुल 130 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इसके तहत ब्लॉक, वार्ड और जिला स्तर पर खिलाड़ियों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी। वहीं, जिला स्तर पर पहुंचने वाले खिलाड़ियों को ड्रेस किट भी उपलब्ध करवाया जाएगा।
बता दें कि अब तक दोनों के लिए 57 लाख खिलाड़ी रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं। वहीं सीएम अशोक गहलोत ने शहरी और ग्रामीण खेलों में स्टेट लेवल पर जीतने वाली टीम के खिलाड़ियों के गांवों में मनरेगा से 50 लाख रुपए तक की लागत के स्टेडियम बनाने का फैसला किया है। इसके साथ ही इन खेलों में मेडल जीतने वालों के लिए सरकारी कॉलेजों में एडमिशन में प्रायोरिटी देने का प्रावधान करने पर विचार चल रहा है।
खेल राज्यमंत्री अशोक चांदना ने बताया कि राज्य स्तर पर जो टीमें जीतेंगी, उनके गांवों में महात्मा गांधी नरेगा योजना के माध्यम से 50-50 लाख रुपए की लागत के स्टेडियम बनाए जाएंगे। जो खिलाड़ी राज्य स्तर पर चैम्पियन बनेंगे, उन्हें होम गार्ड भर्ती में प्राथमिकता मिलेगी। शहरी और ग्रामीण ओलिंपिक में मेडल विजेता खिलाड़ियों को सरकारी कॉलेज में एडमिशन में प्राथमिकता मिले, ऐसी योजना बनाई जाएगी। जिला स्तर पर विजेता खिलाड़ियों को ट्रैक सूट और तहसील स्तर पर विजेता खिलाड़ियों को मेडल, सर्टिफिकेट दिए जाएंगे। खेलों में भाग लेने वाले सभी लगभग 57 लाख खिलाड़ियों को टी-शर्ट उपलब्ध करवाई जाएगी।
साभार : दैनिक भास्कर
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