लखनऊ. बरेली जिला जेल में बंद रहे माफिया अशरफ के साले सद्दाम को एसटीएफ बरेली यूनिट ने दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है। प्रयागराज में हुए उमेश पाल हत्याकांड के बाद से सद्दाम फरार था। उस पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित था। कई टीमें उसकी तलाश में जुटी थीं। एसटीएफ के डीएसपी अब्दुल कादिर के नेतृत्व में टीम ने दिल्ली में डेरा डाला और सद्दाम को गिरफ्तार कर लिया। जेल में अशरफ से अवैध मुलाकात कराने और सहूलियत पहुंचाने के मामले में सद्दाम के खिलाफ बिथरी चैनपुर थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था।
बृहस्पतिवार को एसटीएफ उसे लेकर बरेली के बिथरी चैनपुर थाना पहुंची। एसटीएफ और पुलिस की संयुक्त टीम सद्दाम से पूछताछ कर रही है। उसे कोर्ट में पेश कर जेल भेजा जाएगा। माना जा रहा है कि सद्दाम से अशरफ और अतीक अहमद के कई राज खुल सकते हैं। गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद भी सद्दाम के न मिलने पर प्रयागराज में उसकी संपत्ति की कुर्की की तैयारी की जा रही थी। लखनऊ और प्रयागराज की टीम भी उसकी तलाश में जुटी थी। आखिरकार एसटीएफ ने उसे दबोच लिया।
जेल में रची थी उमेश पाल हत्याकांड की साजिश
उमेश पाल की हत्या की साजिश बरेली जिला जेल में रची गई थी। यहां बंद रहे माफिया अशरफ का साला सद्दाम तीन साल से बरेली में ही किराये पर रह रहा था। वह प्रयागराज के रसूखदारों, शूटरों व अन्य जगह से आए लोगों की अशरफ से मुलाकात कराता था। यहां जिला जेल में अफसरों से लेकर सिपाहियों तक उसने नेटवर्क फैला रखा था। जीजा-साले दोनों मिलकर जेल प्रशासन को अंगुलियों के इशारे पर नचाते थे।
उमेश पाल की हत्या करने वाले शूटरों की अशरफ से मुलाकात कराने में भी सद्दाम और उसके खास गुर्गे बरेली निवासी लल्ला गद्दी की भूमिका सामने आई थी। बिथरी थाने में सद्दाम, लल्ला गद्दी और उसके अन्य गुर्गों पर मुकदमा दर्ज किया गया था। दूसरा मुकदमा सद्दाम व उसके साथियों के खिलाफ बारादरी थाने में दर्ज हुआ था।
दोनों मुकदमों की विवेचना के लिए सीओ तृतीय के नेतृत्व में एसआईटी गठित की गई थी। अशरफ व सद्दाम के गुर्गों को जेल भेजा गया था। जेल के आरक्षी भी जेल गए थे। फिर नौ लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी। उमेश पाल की हत्या के बाद सद्दाम भूमिगत हो गया था। बताया जा रहा है कि प्रयागराज में अतीक और अशरफ की पुलिस हिरासत में हत्या के बाद एनकाउंटर के डर से वह दुबई भाग गया था।
साभार : अमर उजाला
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