नई दिल्ली. पीएम नरेंद्र मोदी 30 मई की शाम से 1 जून की शाम तक कन्याकुमारी के राॅक मेमोरियल पर ध्यान लगाएंगे। ये खबर सामने आने के बाद से ही विपक्ष पीएम मोदी पर हमलावर हो गया है। कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी की अगुवाई में एक दल आज इलेक्शन कमीशन के ऑफिस पहुंचा और इस संबंध में आपत्ति दर्ज कराई।
अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हमने चुनाव आयोग से कहा है कि 48 घंटे के मौन काल में किसी को भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रचार करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। कोई भी नेता कुछ भी करे, हमें उससे कोई आपत्ति नहीं है। चाहे वे मौन व्रत रखें या कुछ और, मौन काल में अप्रत्यक्ष प्रचार नहीं होना चाहिए। हमने शिकायत की है कि प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की है कि वे 30 मई की शाम से मौन व्रत पर बैठेंगे। मौन काल 30 मई को शाम 7 बजे से 1 जून तक रहेगा। यह आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है। ये या तो प्रचार जारी रखने या खुद को सुर्खियों में बनाए रखने के हथकंडे हैं। हमने चुनाव आयोग से कहा है कि उन्हें इसे (मौन व्रत) 1 जून की शाम 24-48 घंटे बाद शुरू करना चाहिए। लेकिन अगर वे इसे कल शुरू करने पर जोर देते हैं, तो इसे प्रिंट या ऑडियो-विजुअल मीडिया द्वारा प्रसारित करने से रोका जाना चाहिए।
ममता बोलीं- ध्यान पर कैमरे की क्या जरूरत
वहीं पीएम मोदी के मौन व्रत पर कांग्रेस के अलावा टीएमसी भी हमलावर है। सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि ध्यान के समय कैमरा ले जाना जरूरी है क्या ममता ने कहा कि मोदी ध्यान लगा सकते हैं लेकिन उसे टीवी पर नहीं दिखाया जाना चाहिए। हम इसे लेकर शिकायत करेंगे। उन्होंने कहा कि ध्यान के दौरान कैमरा ले जाने की क्या जरूरत है?
साभार : न्यूज24
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