शुक्रवार, नवंबर 22 2024 | 10:00:42 AM
Breaking News
Home / राष्ट्रीय / भारत सरकार ने आतंकवादी समूह सिख फॉर जस्टिस पर 5 साल के लिए बढ़ाया प्रतिबंध

भारत सरकार ने आतंकवादी समूह सिख फॉर जस्टिस पर 5 साल के लिए बढ़ाया प्रतिबंध

Follow us on:

नई दिल्ली. आतंकवादी समूह सिख फॉर जस्टिस पर लगे प्रतिबंध को भारत सरकार ने फिर से पांच साल के लिए बढ़ा दिया है। खालिस्तानियों पर गृह मंत्रालय की तरफ से आज बड़ा एक्शन लिया गया है। इस कड़ी में 10 जुलाई, 2024 से पांच साल की अवधि के लिए एसएफजे को फिर से गैरकानूनी संगठन घोषित किया गया है।

‘भारत की संप्रभुता-अखंडता को बाधित में संलिप्तता’

गृह मंत्रालय ने भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को बाधित करने के उद्देश्य से राष्ट्र-विरोधी और विध्वंसक गतिविधियों में एसएफजे की संलिप्तता का हवाला देते हुए गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत प्रतिबंध बढ़ाया है। गृह मंत्रालय की तरफ से जारी एक अधिसूचना के अनुसार, एसएफजे को भारत की आंतरिक सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के लिए हानिकारक गतिविधियों में शामिल पाया गया है, जिसमें भारतीय क्षेत्र से एक संप्रभु खालिस्तान बनाने के लिए पंजाब और अन्य जगहों पर हिंसक उग्रवाद और उग्रवाद का समर्थन करना शामिल है।

गृह मंत्रालय की अधिसूचना में कहा गया है, इसलिए गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 (1967 का 37) की धारा 3 की उप-धाराओं (1) और (3) की तरफ से प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, केंद्र सरकार सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) को एक गैरकानूनी संगठन के रूप में घोषित करने की अवधि बढ़ाती है और निर्देश देती है कि यह अधिसूचना, उक्त अधिनियम की धारा 4 के तहत किए जा सकने वाले किसी भी आदेश के अधीन, 10 जुलाई, 2024 से पांच साल की अवधि के लिए प्रभावी होगी।

एसएफजे पर उग्रवादी संगठनों के साथ संपर्क का आरोप

वहीं इस अधिसूचना में आरोप लगाया गया है कि एसएफजे उग्रवादी संगठनों और कार्यकर्ताओं के साथ घनिष्ठ संपर्क में है और कानून की तरफ से स्थापित सरकार को अस्थिर करने के प्रयासों समेत अलगाववादी गतिविधियों को प्रोत्साहित और सहायता कर रहा है। गृह मंत्रालय ने चिंता व्यक्त की है कि अगर एसएफजे की गतिविधियों पर अंकुश नहीं लगाया गया, तो यह अपनी विध्वंसक गतिविधियों को बढ़ा सकता है, राष्ट्र-विरोधी भावनाओं का प्रचार कर सकता है और देश में हिंसा भड़का सकता है। अधिसूचना में कहा गया है, कि एसएफजे पर प्रतिबंध तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है और पांच साल तक लागू रहेगा, जब तक कि सरकार की तरफ से इसे रद्द या संशोधित नहीं किया जाता।

2019 में भी गृह मंत्रालय ने लगाया था प्रतिबंध

इस कदम को देश में अलगाववादी और आतंकवादी गतिविधियों पर नकेल कसने के लिए सरकार द्वारा एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है। इससे पहले, गृह मंत्रालय ने 2019 में एसएफजे के खिलाफ इसी तरह का प्रतिबंध जारी किया था। बता दें कि सिख फॉर जस्टिस एक अंतरराष्ट्रीय खालिस्तानी संगठन है, जो पंजाब में अलगाववाद को बढ़ावा देता है और राज्य में स्वतंत्र सिख राष्ट्र खालिस्तान की स्थापना करना चाहता है। सिख फॉर जस्टिस की स्थापना साल 2007 में की गई थी।

साभार : अमर उजाला

भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

https://www.amazon.in/dp/9392581181/

https://www.flipkart.com/bharat-1857-se-1957-itihas-par-ek-drishti/p/itmcae8defbfefaf?pid=9789392581182

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

भारत में रोजगार के संदर्भ में बदलना होगा अपना नजरिया

– प्रहलाद सबनानी भारतीय प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार समिति की सदस्य सुश्री शमिका रवि द्वारा …