नई दिल्ली. पर्थ टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया की हार की कहानी लिख दी गई है. टीम इंडिया ने सबकी उम्मीदों से परे जाते हुए पर्थ में ये कमाल किया है. ऑस्ट्रेलिया पर जीत के साथ ही भारत ने सूद समेत अपना बदला भी ले लिया. पर्थ टेस्ट में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 295 रन से हराया जो कि ऑस्ट्रेलिया में उसकी सबसे बड़ी जीत है . पर्थ में 5 टेस्ट की सीरीज का पहला मैच खेला जा रहा था, जिसे जीतकर टीम इंडिया ने 1-0 की बढ़त बना ली है.
भारत ने पर्थ में लिया बदला!
भारत ने पर्थ टेस्ट जीतने के लिए ऑस्ट्रेलिया के सामने 534 रन का लक्ष्य रखा था. लेकिन जैसा कि उम्मीद थी वो भारत के खड़े किए रनों के पहाड़ को चढ़ने में नाकाम रहे. इसमें भारत की तेज गेंदबाजी की भूमिका निर्णायक रही. कप्तान बुमराह की अगुवाई में भारत के पेस अटैक ने दोनों ही पारियों में ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों की नाक में दम करके रख दिया. जिसका असर ये हुआ कि पर्थ में भारत को बड़ी जीत तो मिली ही. साथ ही उसका बदला भी पूरा हो गया.
2018 में हारे, 2024 में दोगुने अंतर से हराया
अब आप सोच रहे होंगे कि ये बदले वाली बात क्या है? इसके तार पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम पर खेले पिछले मैच से जुड़े हैं. भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच ऑप्टस स्टेडियम पर पिछला मैच साल 2018 में खेला गया था, जो कि इस मैदान पर खेला गया पहला टेस्ट था. ऑस्ट्रेलिया ने भारत को उस टेस्ट मैच में 146 रनों के बड़े अंतर से हराया था. 6 साल बाद पर्थ के उसी ऑप्टस स्टेडियम भारत और ऑस्ट्रेलिया फिर से आमने-सामने थे. इस बार भारत ने ऑस्ट्रेलिया को पहली टक्कर में खुद को मिली हार के करीब दोगुने अंतर से हराया और ऑस्ट्रेलिया में अपनी सबसे बड़ी टेस्ट जीत की स्क्रिप्ट भी लिखी.इतना ही नहीं वो पहली ऐसी टीम भी बनी जिसने पर्थ स्टेडियम में उसे हराया है.
पर्थ टेस्ट में खेल का लेखा-जोखा
पर्थ टेस्ट में पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारत की पहली पारी 150 रन से आगे नहीं बढ़ी. जवाब में बुमराह ने भी 5 विकेट झटके और ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी को 104 रन पर ही लुढ़का दिया. इस तरह पहली पारी में भारत को 46 रन की बढ़त मिली. उसके बाद दूसरी पारी में भारत ने यशस्वी जायसवाल और विराट कोहली के शतकों के दम पर 6 विकेट पर 487 रन बनाए और पारी घोषित की. यशस्वी ने 161 रन बनाए जबकि विराट 100 रन बनाकर नाबाद रहे.
136 साल का रिकॉर्ड टूटा, ऑस्ट्रेलिया हारा
अब ऑस्ट्रेलिया के सामने पर्थ टेस्ट में 534 रन का लक्ष्य था, जिसका पीछा करते हुए उन्होंने टॉप के अपने 4 विकेट सिर्फ 29 रन पर गंवा दिए. नतीजा ये हुआ कि इससे 136 साल पुराना रिकॉर्ड टूट गया. इससे पहले ऑस्ट्रेलियाई टॉप के 4 बल्लेबाज साल 1888 में मैनचेस्टर में खेले टेस्ट में 38 रन पर आउट हुए थे.
भारतीय गेंदबाजों के कहर के आगे ऑस्ट्रेलिया 238 रन पर ढेर
दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया की ओर से सबसे ज्यादा 89 रन ट्रेविस हेड ने बनाए. उनके अलावा मिचेल मार्श ने 47 रन की पारी खेली. मगर ये उस पहाड़ जैसे स्कोर की चढ़ाई करने के लिए काफी नहीं रहे जो टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया के सामने सेट किए थे. भारतीय गेंदबाजों के कहर के आगे ऑस्ट्रेलिया ने दूसरी पारी में सिर्फ 238 रन बनाए. भारत की ओर से बुमराह ने 8 विकेट लिए. सिराज ने 5 विकेट झटके जबकि राणा ने 4 विकेट लिए.
साभार : टीवी9 भारतवर्ष
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