नई दिल्ली (मा.स.स.). ईपीएफओ के 20 नवम्बर, 2022 को जारी अस्थायी कुल वेतन भुगतान आंकड़ों से पता चलता है कि ईपीएफओ ने सितम्बर, 2022 के महीने में असल में 16.82 लाख सदस्य जोड़े हैं। कुल वेतन भुगतान की साल-दर-साल तुलना सितम्बर, 2022 में पिछले वर्ष 2021 में इसी महीने की तुलना में असल में 9.14 प्रतिशत सदस्यता वृद्धि दर्शाती है। महीने के दौरान वास्तविक नामांकन पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान दर्ज मासिक औसत से 21.85 प्रतिशत अधिक है। आंकड़ों के अनुसार, लगभग 2861 नए प्रतिष्ठानों ने कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान कानून, 1952 के तहत अपने कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अनुपालन शुरू कर दिया है।
माह के दौरान जोड़े गए कुल 16.82 लाख सदस्यों में से लगभग 9.34 लाख नए सदस्य पहली बार ईपीएफओ के दायरे में आए। नये सदस्यों में 2.94 लाख सदस्यों के साथ 18-21 वर्ष के आयु वर्ग के लोगों की संख्या सबसे अधिक थी। इसके बाद 2.54 लाख सदस्य 21-25 वर्ष की आयु वर्ग के थे। लगभग 58.75 प्रतिशत 18-25 वर्ष के आयु वर्ग के हैं। इससे पता चलता है कि पहली बार नौकरी चाहने वाले अपनी शिक्षा के बाद बड़ी संख्या में संगठित क्षेत्र के कार्यबल में शामिल हो रहे हैं और संगठित क्षेत्र में नई नौकरियां बड़े पैमाने पर देश के युवाओं को दी जा रही हैं।
असल में लगभग 7.49 लाख सदस्य ईपीएफओ से बाहर निकल गए लेकिन ईपीएफओ द्वारा कवर किए गए प्रतिष्ठानों के भीतर अपनी नौकरी बदलकर ईपीएफओ में शामिल हो गए और उन्होंने अंतिम निपटान का विकल्प चुनने के बजाय पिछले पीएफ खाते से अपने फंड को चालू खाते में स्थानांतरित करने का विकल्प चुना। कुल वेतन भुगतान के आंकड़े बताते हैं कि पिछले तीन महीनों के दौरान ईपीएफओ के कवरेज से बाहर निकलने वाले सदस्यों की संख्या में लगातार गिरावट आई है। महीने-दर-महीने तुलना से पता चलता है कि सितम्बर, 2022 के दौरान लगभग 9.65 प्रतिशत कम सदस्य उससे पिछले महीने की तुलना में ईपीएफओ से बाहर निकले हैं।
कुल वेतन भुगतान आंकड़ों के लिंग-वार विश्लेषण से संकेत मिलता है कि सितम्बर, 2022 में वास्तव में महिला सदस्यों का नामांकन 3.50 लाख रहा है। नामांकन आंकड़ों की साल-दर-साल तुलना से पता चलता है कि सितम्बर 2022 में संगठित कार्यबल में महिलाओं की सदस्यता में पिछले वर्ष सितम्बर 2021 की तुलना में 6.98 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। महीने के दौरान ईपीएफओ में शामिल होने वाले कुल नए सदस्यों में, महिला कार्यबल का नामांकन 26.36 प्रतिशत दर्ज किया गया है। कुल वेतन भुगतान के राज्य-वार आंकड़े बताते हैं कि महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, उड़ीसा आदि राज्यों में वास्तविक सदस्य जोड़ में महीने-दर-महीने बढ़ती प्रवृत्ति देखी गई। महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, हरियाणा, गुजरात और दिल्ली महीने के दौरान लगभग 11.41 लाख सदस्यों को जोड़कर अग्रणी बने रहे, जो सभी आयु वर्गों में कुल वेतन भुगतान में जोड़ का 67.85 प्रतिशत है।
उद्योग-वार कुल वेतन भुगतान के आंकड़े संकेत देते हैं कि मुख्य रूप से दो श्रेणियां अर्थात ‘विशेषज्ञ सेवाएं’ (जनशक्ति एजेंसियों, निजी सुरक्षा एजेंसियों और छोटे ठेकेदारों आदि को मिलाकर)और ‘व्यापार-वाणिज्यिक प्रतिष्ठान’ महीने के दौरान कुल सदस्य वृद्धि का 48.52 प्रतिशत हैं। पिछले महीने के उद्योग-वार आंकड़ों की तुलना करने पर, उद्योगों में जैसे ‘राष्ट्रीयकृत बैंकों के अलावा अन्य बैंक’, ‘कपड़ा’, ‘सामान्य बीमा’, ‘होटलों’, ‘अस्पतालों’ आदि में उच्च नामांकन देखा गया।
कुल वेतन भुगतान के आंकड़े अस्थायी हैं क्योंकि आंकड़े तैयार करना एक निरन्तर प्रक्रिया है, क्योंकि कर्मचारी रिकॉर्ड को अपडेट करने का कार्य निरन्तर किया जाता है। पिछले आंकड़े इसलिए हर महीने अपडेट किए जाते हैं। सितम्बर, 2017 की अवधि को शामिल करते हुए ईपीएफओ अप्रैल-2018 के महीने से कुल वेतन भुगतान के आंकड़े जारी कर रहा है। कुल वेतन भुगतान के मासिक आंकड़ों में, आधार मान्य यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन)के माध्यम से पहली बार ईपीएफओ में शामिल होने वाले सदस्यों, ईपीएफओ के कवरेज से बाहर निकलने वाले मौजूदा सदस्यों और बाहर निकलने वाले लेकिन सदस्य के रूप में दोबारा शामिल होने वालों की गिनती, शुद्ध मासिक कुल वेतन भुगतान को निकालने के लिए ली गई है।
ईपीएफओ भारत का प्रमुख संगठन है जो कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान कानून, 1952 के तहत संगठित क्षेत्र के कार्यबल को सामाजिक सुरक्षा कवरेज प्रदान करने के लिए जिम्मेदार है। यह अपने सदस्यों को भविष्य निधि, सदस्यों को उनकी सेवानिवृत्ति पर पेंशन लाभ और परिवार पेंशन और सदस्य की असामयिक मृत्यु के मामले में उनके परिवारों को बीमा लाभ जैसी अनेक सेवाएं देता है।