नई दिल्ली. दिल्ली आबकारी नीति मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ईडी के सामने गुरुवार पेश नहीं हुए। उन्होंने ईडी को पत्र लिखकर उसे अपना नोटिस वापस लेने की मांग की। केजरीवाल ने दावा किया कि यह गैरकानूनी व राजनीति से प्रेरित है। ईडी ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को कथित आबकारी नीति घोटाला से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए समन भेजा था। केजरीवाल ने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी के इशारे प उन्हें नोटिस भेजा गया है। केजरीवाल ने दावा किया कि उन्हें चुनावी राज्यों में चुनाव प्रचार से रोकने कि लिए जांच एजेंसी द्वारा नोटिस जारी कराया गया। अरविंद केजरीवाल की ओर से ईडी को लिखे पत्र में कई सवाल उठाए गए हैं।
अरविंद केजरीवाल ने पूछा है कि उन्हें जो समन भेजा गया है वह गवाह या संदिग्ध किस नाते भेजा गया है। समन को लेकर कोई विस्तृत जानकारी नहीं है। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जिस दिन समन भेजा गया उसी दिन बीजेपी नेताओं की ओर से पहले से बयानबाजी शुरू हो गई। यह लीक कैसे हुआ। इन सब बातों के साथ ही अरविंद केजरीवाल की ओर से 5 राज्यों के चुनाव का हवाला दिया गया है और ईडी से नोटिस वापस लेने की मांग की गई है।
केजरीवाल ईडी ऑफिस नहीं गए लेकिन इससे पहले कई जगहों पर पुलिस की ओर से कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। दिल्ली पुलिस ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के तहत बड़ी संख्या में कर्मियों को तैनात किया था ताकि आम आदमी पार्टी (आप) के कार्यकर्ताओं को केंद्रीय एजेंसी के कार्यालय के आसपास एकत्र होने से रोका जा सके। दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया फरवरी से ही जेल में बंद हैं। इसके साथ ही ईडी ने आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह को भी गिरफ्तार किया है। वहीं मनी लॉन्ड्रिंग के मामले गुरुवार को दिल्ली के एक और मंत्री राजकुमार आनंद के ठिकानों पर ईडी की ओर से छापेमारी की गई।
साभार : नवभारत टाइम्स
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