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ऑनलाइन गेम में हारने पर मिलती थी कुरान पढ़ने की सजा

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गाजियाबाद. गेमिंग ऐप के जरिए नाबालिगों का धर्म परिवर्तन कराने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने एक धर्मगुरु को गिरफ्तार किया है। पुलिस का दावा है कि वह नाबालिगों को विशेष धार्मिक ग्रंथ पढ़ने के लिए उकसाता था। वह एनसीआर के चार लड़कों का धर्म परिवर्तन करा चुका है।

गिरोह यूरोप में भी धर्म परिवर्तन करवाने में संलिप्त रहा है। देशभर के हजारों नाबालिगों का धर्म परिवर्तन कराए जाने का अंदेशा है। पुलिस के मुताबिक, गिरोह फर्जी आईडी के जरिए गेम में हारने के बाद नाबालिगों को धार्मिक ग्रंथ का कुछ हिस्सा पढ़ने को भेजता था, जिसके पढ़ने के बाद वे गेम जीत जाते थे। हर बार यही प्रक्रिया अपनाई जाती थी। उसके बाद उन्हें अपने समुदाय की खूबियां बताकर उससे जुड़े वीडियो दिखाए जाते थे।

राजनगर निवासी उद्योगपति ने 30 मई को कविनगर थाने में अपने इकलौते नाबालिग बेटे का धर्म परिवर्तन कराने का केस दर्ज कराया था। जांच में सामने आया कि संजयनगर स्थित धर्म स्थान के धर्मगुरु अब्दुल रहमान और मुंबई निवासी बद्दो इस गिरोह के सदस्य हैं। उसने गाजियाबाद के दो, फरीदाबाद और चंडीगढ़ के एक-एक नाबालिग का धर्म परिवर्तन कराने की पुष्टि की। बद्दो की गिरफ्तारी के लिए गाजियाबाद पुलिस मुंबई में दबिश दे रही है। मामले में सुरक्षा एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं।

नाबालिगों को बरगलाया

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि गेमिंग ऐप के जरिये धर्म परिवर्तन कराने के बाद नाबालिगों को पाकिस्तानी धर्मगुरु डॉक्टर तारिक जमील की तकरीरें सुनाई जाती थीं। डॉ. तारिक जमील तबलीगी जमात से जुड़े हैं।

चैट और तकरीर से कराते थे नाबालिगों का धर्म परिवर्तन

गेमिंग ऐप के जरिए नाबालिगों का धर्म परिवर्तन कराने वाले गिरोह के बारे में पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने अहम खुलासा किया है। अधिकारियों के मुताबिक गिरोह तीन चरणों में धर्म परिवर्तन कराता था। पहले और दूसरे चरण में धर्म बदलने के लिए किशोरों को उकसाया जाता था, तीसरे चरण में उन्हें भड़काऊ भाषणों से ब्रेनवॉश कर कट्टर बनाया जाता था।

डिस्कॉर्ड ऐप से चैटिंग

नाबालिग का ब्रेनवॉश करने के लिए गिरोह के सदस्य डिस्कॉर्ड ऐप का इस्तेमाल करते थे। नाबालिगों को इस ऐप के जरिए ग्रुप में जोड़कर उन्हें उनके धर्म की खामियां और दूसरे धर्म की खूबियां गिनाई जाती थीं। चैटिंग के जरिए उन्हें धर्म परिवर्तन करने के लिए उकसाया जाता था। धर्म बदलने के बाद उन्हें आगे की प्रक्रिया में जोड़ा जाता था।

 

साभार : हिन्दुस्तान

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