लखनऊ (मा.स.स.). राष्ट्रीय ताप विद्युत् निगम (एनटीपीसी) के स्कूल ऑफ बिजनेस द्वारा अपने नोएडा परिसर में एक इंडो-स्कैंडिनेवियाई नेतृत्व सम्मेलन और कार्यशाला का आयोजन किया गया। बदलते आर्थिक और पर्यावरण परिवेश के इस सम्मेलन का आयोजन यह स्वीकारते हुए किया गया है कि ऐसा करना एक ऐसी दुनिया में सुसंगतता और उद्देश्य उन्मुखीकरण के लिए आवश्यक है जो उच्च स्तर की समावेशिता की मांग करती है। आपदा न्यूनीकरण, सामुदायिक सशक्तिकरण, ऊर्जा दक्षता और उत्सर्जन में कमी, उच्च प्रबंधन शिक्षा एवं शोध क्षेत्रों के द्विपक्षीय और बहुपक्षीय मंचों से लगभग 150 अग्रणी पेशेवरों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया।
डायरेक्टिव कम्युनिकेशन मेथडोलॉजी के संस्थापक, डॉ. आर्थर कार्माज़ी ने रंगीन मस्तिष्क आकृति (कलर्ड ब्रेन कंटूअर्स) के विभुन्न पहलुओं और उनके विश्लेषण पर प्रकाश डाला। भारतीय प्रबन्धन संस्थान (आईआईएम) अहमदाबाद, के निदेशक डॉ. भारत भास्कर ने नेतृत्व के मुख्य गुणों के रूप में विश्वसनीयता और समग्रता पर बल दिया । डेलोइट इंडिया,के सहभागी (पार्टनर) एस. वी. नाथन ने नेतृत्व के छह सांकेतिक गुणों (सिग्नेचर लीडरशिप ट्रेट्स) जैसे कि जिज्ञासा, सहयोग, प्रतिबद्धता, साहस, सांस्कृतिक बुद्धिमत्ता और तैयारी के साथ जो सीखा है उसे छोड़ने, फिर से सीखने मन के क्षितिज और विस्तारित करने के बारे में बात की I
डॉ. हकन स्वेनरस्टल ने आंतरिक नेतृत्व और मनोविज्ञान-सुरक्षा के बारे में बात की। एनटीपीसी में निदेशक मानव संसाधन (एचआर) डी. के. पटेल ने उद्योग नेतृत्व की रूपरेखा पर प्रकाश डाला। राष्ट्रीय ताप विद्युत् निगम के मुख्य महा प्रबन्धक (सीएमडी) गुरदीप सिंह ने जलवायु- सक्षम (क्लाईमेट एफिशिएन्ट) उपायों के एक पोर्टफोलियो के माध्यम से भारत को उसकी विकासात्मक आकांक्षाओं को पूरा करने में सहायता करने के लिए एनटीपीसी के प्रबंधन दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करते हुए अध्यक्षीय भाषण दिया। ये सभी जी-20 में भारत की रणनीतिक भूमिका के अनुरूप राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर प्रासंगिक आर्थिक और पर्यावरणीय लाभ सुनिश्चित करेंगे ।
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