गुरुवार, दिसंबर 25 2025 | 01:23:48 AM
Breaking News
Home / राष्ट्रीय / समग्र युद्ध तत्परता अभ्यास (ट्रॉपेक्स-23): भारतीय नौसेना का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास

समग्र युद्ध तत्परता अभ्यास (ट्रॉपेक्स-23): भारतीय नौसेना का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास

Follow us on:

नई दिल्ली (मा.स.स.). वर्ष 2023 के लिए भारतीय नौसेना का प्रमुख परिचालन स्तरी अभ्यास ट्रॉपेक्स,  नवंबर 2022 से  मार्च 2023 तक चार महीने की अवधि में आईओआर में आयोजित किया गया। सैन्याभ्यास इस सप्ताह अरब सागर में सम्पन्न हो गया। समग्र अभ्यास में तटीय रक्षा अभ्यास सी-विजिल और जमीन व जल में अभ्यास एम्फेक्स शामिल थे। साथ में, इन अभ्यासों में भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना और तटरक्षक बल की महत्त्वपूर्ण भागीदारी भी रही। अरब सागर और बंगाल की खाड़ी सहित हिंद महासागर में कायम किया जाने वाले  अभ्यास के लिए संचालन का क्षेत्र उत्तर से दक्षिण तक 4300 समुद्री मील तक और पश्चिम में फारस की खाड़ी से 35 डिग्री दक्षिण अक्षांस पूर्व में उत्तरी ऑस्ट्रेलिया तट तक लगभग 5000 समुद्री मील में फैला हुआ था। यह पूरा इलाका 21  मिलियन वर्ग समुद्री मील से अधिक के क्षेत्र में फैला हुआ था। ट्रॉपेक्स-23 में लगभग 70  भारतीय नौसेना के जहाजों, छह पनडुब्बियों और 75 से अधिक विमानों ने भाग लिया।

ट्रॉपेक्स 23  का अंतिम पड़ाव आते-आते भारतीय नौसेना  का गहन परिचालन चरण सम्पन्न हो गया। यह नवंबर 2022 में शुरू हुआ था। अंतिम संयुक्त चरण के हिस्से के रूप में,  रक्षा मंत्री ने छह मार्च 2023 को नए कमीशन किए गए स्वदेशी विमान वाहक विक्रांत पर समुद्र में एक दिन बिताया। उन्होंने भारतीय नौसेना की परिचालन तैयारियों और साजो-सामान की समीक्षा की, जिसमें नौसेना ने स्वदेशी एलसीए के डेक संचालन और प्रत्यक्ष हथियार फायरिंग सहित परिचालन कौशल और लड़ाकू अभियानों के विभिन्न पहलुओं का प्रदर्शन किया। बेड़े को संबोधित करते हुए, उन्होंने भारतीय नौसेना की परिचालन तैयारियों की सराहना की और इस बात पर जोर दिया कि देश आशा से नौसेना की ओर देखता है कि वह हमारे दुश्मनों की आर्थिक जीवन-रेखा और सैन्य क्षमताएं इस हद तक बाधित कर सकती है कि वे अपने युद्ध के प्रयासों को जारी न रख सकें। उन्होंने यह भी कहा कि वह पूरी तरह आश्वस्त हैं कि भारतीय नौसेना समुद्री क्षेत्र में भारत के राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने में पूरी तरह से सक्षम है और भारत के शांतिपूर्ण अस्तित्व को खतरे में डालने वाले किसी भी संभावित दुश्मन के गलत इरादों को विफल कर देगी। रक्षा मंत्री ने ‘मेक इन इंडिया’ पहल में सबसे आगे रहने और ‘युद्ध तत्परता, विश्वसनीयता, सामंजस्यपूर्णता और सुरक्षित भविष्य ‘ की दिशा में आत्मनिर्भरता के मार्ग का लाभ उठाने के लिए भारतीय नौसेना की सराहना की।

 

भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

https://www.amazon.in/dp/9392581181/

https://www.flipkart.com/bharat-1857-se-1957-itihas-par-ek-drishti/p/itmcae8defbfefaf?pid=9789392581182

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

इसरो ने 6100 किलो वजनी संचार उपग्रह को 16 मिनट में पृथ्वी की कक्षा में किया स्थापित

नई दिल्ली. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने इतिहास रच दिया है। दरअसल इसरो ने …