नई दिल्ली (मा.स.स.). प्रधानमंत्री ने भविष्य के लिए जल संरक्षण के दृष्टिकोण से 24 अप्रैल, 2022 को मिशन अमृत सरोवर का शुभारंभ किया। मिशन का उद्देश्य आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर देश के हर जिले में कम से कम 75 अमृत सरोवरों का निर्माण और विकास करना है। कुल मिलाकर, इस मिशन के अंतर्गत 15 अगस्त, 2023 तक 50 हजार अमृत सरोवर बनाने का लक्ष्य रखा गया था, जिसे निर्धारित समय-सीमा के पूर्व प्राप्त कर लिया गया है। अब तक, 50071 अमृत सरोवरों का निर्माण किया जा चुका है।
मिशन अमृत सरोवर के माध्यम से वर्षा जल संरक्षण एवं संचयन के संकल्प को साकार करने के लिए भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय ने नोडल मंत्रालय के रूप में कार्य करते हुए, विभिन्न मंत्रालयों के सहयोग से इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए मिशन मोड में काम किया। विलुप्त होने की कगार पर पहुँच चुके सरोवरों के जीर्णोद्धार करने से लेकर नए सरोवरों के निर्माण का विस्तृत एक्शन प्लान तैयार किया गया। मिशन के सभी पहलुओं में “संपूर्ण सरकार” दृष्टिकोण और “जनभागीदारी” को केन्द्र में रखकर किए गए प्रयासों का ही परिणाम है कि समय से पहले 50 हजार अमृत सरोवरों के निर्माण का लक्ष्य हासिल किया जा सका। राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों में जिला प्रशासन, पंचायतराज पदाधिकारियों, जनप्रतिनिधियों, पंचायतों, स्वयंसेवी संगठनों, विभिन्न संस्थानों के समन्वित प्रयासों और आमजनों की भागीदारी से 10 मई, 2023 तक अमृत सरोवरों के निर्माण के लिए लगभग 1,05,243 स्थलों की पहचान की गई है, जिनमें से 72,297 स्थलों पर काम शुरु किया गया। अब तक 50,071 हजार अमृत सरोवरों का निर्माण हो चुका है।
इस मिशन का ध्येय यह भी है कि सरोवरों का निर्माण अथवा जीर्णोद्धार इस तरह किया जाये कि वे स्थानीय सामुदायिक गतिविधियों का केन्द्र बन जाए। सरोवरों के रख-रखाव में समुदाय का स्वामित्व हो ताकि उनका दीर्घकालीन संरक्षण सुनिश्चित हो सके। इस हेतु प्रत्येक सरोवर के लिए उपयोगकर्ता समूह का गठन किया जा रहा है। अब तक 59,282 उपयोगकर्ता समूह सरोवरों के रख-रखाव और उससे अपनी आजीविका सृजन के लिए मिशन अमृत सरोवर से जुड़ चुके हैं। मिशन अमृत सरोवर के अंतर्गत 50 हजार अमृत सरोवरों के निर्माण/विकास के लक्ष्य को समय-सीमा के पूर्व हासिल करने में जनभागीदारी को पुनः रेखांकित करना आवश्यक है, जिसने इस मिशन को जनांदोलन में तब्दील कर दिया है। अब तक, 1784 स्वतंत्रता सेनानियों, शहीदों के 684 परिजनों, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के 448 परिजनों, पंचायतों के 18173 वरिष्ठ सदस्यों और 56 पद्म पुरस्कार से सम्मानित लोगों ने मिशन में भागीदारी की है।
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