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झारखण्ड बंद के पहले दिन दिखा मिला जुला असर, कुछ जगह हुई आगजनी

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रांची. हेमंत सोरेन सरकार की रिक्रूटमेंट पॉलिसी के विरोध में झारखंड स्टेट स्टूडेंट्स एसोसिएशन (JSSA) और झारखंड यूथ एसोसिएशन की ओर से बंद बुलाया गया है। दो दिन के बुलाए गए झारखंड बंद (Jharkhand Bandh Update) का मिला जुला असर देखने को मिल रहा। राजधानी रांची हो या फिर दूसरे जिले, बड़ी संख्या में बंद समर्थक सड़कों पर उतरे। कहीं टायर जलाकर प्रदर्शन किया गया तो कहीं रास्ता ही रोक दिया गया। सड़कों पर यातायात प्रभावित रहे। कुछ जगहों पर बस संचालकों ने भी छात्रों के समर्थन में बसें बंद रखीं। जिससे आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। तस्वीरों में देखिए ‘झारखंड बंद’ का असर।

10 और 11 जून को बुलाए गए झारखंड बंद का राज्य के ज्यादातर जिलों में मिला-जुला असर दिख रहा है। बंद समर्थक संगठनों की मांग है कि राज्य में तीसरे और चौथे दर्जे की नौकरियां 100 फीसदी झारखंडियों के लिए आरक्षित की जाएं। यही नहीं झारखंडी उन्हें माना जाए, जिनके पूर्वजों के नाम 1932 के लैंड सर्वे के कागजात (खतियान) में दर्ज हों। अभी सरकार ने रिक्रूटमेंट की जो पॉलिसी लाई है, उसमें इन नौकरियों में 40 फीसदी सीटें ओपन टू ऑल हैं। यानी 40 फीसदी सीटों पर झारखंड से बाहर के प्रदेशों के कैंडिडेट्स की भी बहाली हो सकती है। पिछले तीन महीनों में यह तीसरी बार है, जब इस मुद्दे को लेकर छात्र संगठनों ने झारखंड बंद बुलाया है। इस बार ये बंद शनिवार और रविवार को है।

रांची, हजारीबाग, रामगढ़, गिरिडीह, बोकारो, धनबाद, साहिबगंज सहित कई शहरों में बंद समर्थक सुबह से ही सड़कों पर उतरे हैं। सबसे ज्यादा असर लंबी दूरी की गाड़ियों पर इस बंद का असर पड़ा है। राजधानी रांची में सामान्य दिनों की अपेक्षा आज कम गाड़ियां सड़कों पर दिखाई दे रहीं। वहीं दूसरी ओर राजधानी से खुलने वाली अधिकांश बसों को बस स्टैंड में ही रोक दिया गया है। हालांकि बाजार सामान्य दिनों की तरह खुले हैं। झारखंड बंद को देखते हुए रांची जिला प्रशासन ने 107 नेताओं को नोटिस भेजा है। इनमें अमर महतो, विनय कुमार वर्मा, शैलेंद्र यादव, अनिल महतो, कमलेश राम शामिल हैं। इनके अलावा शमीम अली, सुमित उरांव, उमेश यादव, संजय महतो, मोतीलाल महतो, सोनू कुमार, मनोज यादव, योगेश भारती, सत्यनारायण शुक्ला, अमनदीप मुंडा सहित अन्य लोग शामिल हैं।

रांची में सुरक्षा के मद्देनजर 1500 पुलिस के जवान तैनात किए गए हैं। बंद समर्थकों पर नजर रखने के लिए मुख्यमंत्री आवास, मोरहाबादी मैदान और उसके आसपास के इलाके में दो दर्जन से अधिक अलग से सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इसके अलावा दो ड्रोन कैमरा भी रखा गया है। झारखंड बंद के दौरान ड्रोन कैमरे से बंद समर्थकों की गतिविधियों की निगरानी की जाएगी। रांची के एसएसपी कौशल किशोर ने कहा कि झारखंड बंद के दौरान अशांति फैलाने वाले लोगों को कतई बख्शा नहीं जाएगा। रांची-टाटा रोड पर नामकुम थाना क्षेत्र के रामपुर के पास बंद समर्थकों ने शनिवार को सड़क पर टायर जलाया। हालांकि जैसे ही पुलिस को सूचना मिली, वहां पहुंचकर हालात काबू में किया गया। इसके बाद बंद समर्थक भाग निकले।

सरायकेला-खरसावां जिले में चौका-कांड्रा सड़क पर बंद समर्थक निकले और छिटपुट रूप से चल रहे मालवाहक गाड़ियों को बंद कराया। साहिबगंज में बंद समर्थकों ने बाजार और दुकानें भी बंद करा दीं। यहां गाड़ियों को चलने से रोका जा रहा है। चाईबासा में बंद का मिला-जुला असर है। यहां भी बंद समर्थकों ने जगह-जगह रास्ता रोका है।

साभार : नवभारत टाइम्स

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