रांची. नियोजन नीति के खिलाफ छात्र संगठनों की ओर से आहूत झारखंड बंद के दूसरे दिन प्रदर्शनकारी रविवार सुबह सड़कों पर उतरे। बंद समर्थकों ने रांची के ओरमांझी के निकट रांची-पटना हाईवे को जाम कर दिया। सड़क जाम के कारण एनएच-33 पर ओरमांझी के निकट करीब 3 किलोमीटर तक वाहनों की लंबी कतार लग गई। बाद में पुलिस ने जाम हटाकर आवागमन को शुरू कराया। जाम में छोटे से लेकर कई बड़े वाहन घंटों फंसे रहे। गर्मी के कारण वाहन में सवार यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। पुलिस काफी देर तक बंद समर्थकों को समझा कर जाम हटाने की कोशिश में जुटी रही। लेकिन प्रदर्शनकारी सड़क से हटने को तैयार नहीं थे। जिसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ कर जाम हटाया।
कई स्थानों पर सड़क पर टायर जलाकर प्रदर्शन
झारखंड स्टेट स्टूडेंट यूनियन के नेता देवेंद्र नाथ महतो रविवार सुबह अपने समर्थकों के साथ बंद को सफल बनाने के लिए रांची के राहे प्रखंड पहुंचे। जहां पुलिस ने सभी बंद समर्थकों को रास्ते में ही रोक दिया। इससे पहले देवेंद्र नाथ महतो ने रात के 1 बजे सिल्ली-चौका रोड को जाम कराने की कोशिश की। लेकिन कुछ देर बार प्रशासन की ओर से जाम को हटा दिया गया। प्रदर्शनकारी छात्रों ने जुलूस के साथ कई जगह पर सड़क जाम करने की कोशिश की। इस दौरान कुछ स्थानों पर टायर जलाकर आवागमन को बाधित करने की कोशिश भी कई। बंद समर्थकों ने राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
बंद के कारण सड़कों पर सन्नाटा
दूसरी तरफ बंद की वजह से रांची से लंबी दूरी की गाड़ियां काफी कम चलीं। रविवार होने के कारण रांची में अधिकांश दुकान और व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद रहते हैं। जबकि सड़क पर ऑटो और अन्य निजी वाहनों का परिचालन भी आम दिनों की अपेक्षा कम रहा।
बंद समर्थकों से निपटने के लिए व्यापक तैयारियां
झारखंड बंद से निपटने के लिए पुलिस-प्रशासन की ओर से भी व्यापक तैयारियां की गई थी। रांची में बंद समर्थकों के किसी भी तरह के उत्पात से निपटने के लिए 1500 से अधिक जवानों को लगाया गया था। सभी प्रमुख चौक-चौराहों पर दंडाधिकारियों के नेतृत्व में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई थी। जगह-जगह सीसीटीवी कैमरा लगा कर स्थिति पर नजर रखी जा रही थी।
साभार : नवभारत टाइम्स
भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं