गुरुवार , मई 02 2024 | 01:03:04 AM
Breaking News
Home / राज्य / उत्तरप्रदेश / सुप्रीम कोर्ट कर रहा था हत्या पर सुनवाई, खुद पेश होकर दिया जिंदा होने का सबूत

सुप्रीम कोर्ट कर रहा था हत्या पर सुनवाई, खुद पेश होकर दिया जिंदा होने का सबूत

Follow us on:

लखनऊ. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान एक ऐसा मामला सामने आया, जिसे लेकर कोर्ट में हंगामा हो गया. दरअसल, पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट में एक विशेष अनुमति याचिका की सुनवाई के दौरान अदालत में एक ऐसा लड़का पेश हुआ, जिसकी हत्या के मामले की सुनवाई चल रही थी. पीलीभीत का रहने वाला एक 11 साल का लड़का सुनवाई करने वाली बेंच के सामने पेश हुआ और न्यायाधीशों को बताया कि अदालत में उसकी ‘हत्या’ के मामले की ही सुनवाई हो रही है. उसने कहा कि केस झूठा है और जिंदा है.

कोर्ट ने यूपी सरकार के भेजा नोटिस
लड़के ने दावा किया कि उसके पिता ने उसके नाना और मामाओं को उसकी हत्या के मामले में फंसाया. मामला सामने आने के बाद अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार, पीलीभीत के पुलिस अधीक्षक और पुलिस अधिकारी भी नोटिस जारी किया. मामले की अगली सुनवाई जनवरी 2024 में होगी.

नाना के साथ रह रहा था लड़का
लड़के के वकील कुलदीप जौहरी ने बताया कि लड़के को यह साबित करने के लिए अदालत में पेश होना पड़ा कि वह जिंदा है और अभी मरा नहीं है. उन्होंने कहा कि लड़का फरवरी 2013 से अपने नाना के साथ रह रहा था. लड़के का पिता उसकी मां को बेरहमी से पीटता था और परिवार से अधिक दहेज की मांग कर रहा था.

लड़के की मां के साथ मारपीट करता था पिता
जौहरी ने कहा कि लड़के के पिता ने मार्च 2013 में उसकी मां के साथ मारपीट की थी. इसके कारण वह घायल हो गईं और उनकी मौत हो गई. उसकी मौत के बाद उसके नाना ने अपने दामाद के खिलाफ आईपीसी की धारा 304-बी (दहेज हत्या) के तहत एफआईआर दर्ज कराई थी. इस बीच दामाद ने अपने बेटे की कस्टडी की मांग की थी, जिसके चलते दोनों परिवारों के बीच कानूनी लड़ाई शुरू हो गई.

ससुराल वालों पर लगाया बेटे की हत्या का आरोप
जौहरी के मुताबिक इस साल की शुरुआत में दामाद ने अपने ससुर और उनके चार बेटों पर अपने बेटे की हत्या का आरोप लगाया था. पुलिस ने उनके पर आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 504 (जानबूझकर अपमान) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया.
जौहरी ने कहा, “उन्होंने एफआईआर को रद्द करने के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन अदालत ने उनकी याचिका खारिज कर दी, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें लड़के के साथ उसके जिंदा होने के सबूत के तौर पर सुप्रीम कोर्ट में पेश करना पड़ा.”

साभार : एबीपी न्यूज़

भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

https://www।amazon।in/dp/9392581181/

https://www।flipkart।com/bharat-1857-se-1957-itihas-par-ek-drishti/p/itmcae8defbfefaf?pid=9789392581182

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

सपा प्रमुख अखिलेश यादव कल दोपहर कन्नौज से करेंगे लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन

लखनऊ. सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव कन्नौज लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे. गुरुवार को दोपहर 12 बजे …