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प्रधानमंत्री ने मांड्या, कर्नाटक में प्रमुख विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया

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बेंगलुरु (मा.स.स.). प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कर्नाटक के मांड्या में प्रमुख विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। परियोजनाओं में बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे को राष्ट्र को समर्पित करना और मैसूरु-कुशलनगर 4-लेन राजमार्ग के लिए आधारशिला रखना शामिल हैं। सभा के अपने संबोधन की शुरुआत, प्रधानमंत्री ने देवी भुवनेश्वरी और आदिचुनचनागिरी तथा मेलुकोटे के गुरुओं को श्रद्धासुमन अर्पित करके की। प्रधानमंत्री ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में कर्नाटक के लोगों के बीच उपस्थित होने का अवसर मिलने पर प्रसन्नता व्यक्त की और सभी को उन्हें आशीर्वाद देने के लिए धन्यवाद दिया।

प्रधानमंत्री ने मांड्या के लोगों द्वारा किए गए स्वागत पर विशेष रूप से टिप्पणी करते हुए कहा कि उनका आशीर्वाद मधुरता से सराबोर है। राज्य के लोगों के प्यार और स्नेह पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि डबल इंजन सरकार तेजी से विकास के साथ हर नागरिक की मांगों को पूरा करने का प्रयास करती है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि हजारों करोड़ रुपये की आज की अवसंरचना परियोजनाएं, कर्नाटक के लोगों के प्रति डबल इंजन सरकार के ऐसे प्रयासों का हिस्सा हैं। बेंगलुरू-मैसूरू एक्सप्रेसवे पर हो रही राष्ट्रीय चर्चा के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के युवा ऐसे आधुनिक और उच्च गुणवत्ता वाले एक्सप्रेसवे पर गर्व महसूस कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस एक्सप्रेसवे से मैसूरु और बेंगलुरु के बीच यात्रा-अवधि आधी रह गयी है। उन्होंने मैसूर-कुशलनगर 4-लेन राजमार्ग की आधारशिला रखने पर भी प्रकाश डाला और कहा कि ये परियोजनाएं ‘सबका विकास’ की भावना को आगे बढ़ाएंगी और समृद्धि के द्वार खोलेंगी। प्रधानमंत्री ने इन परियोजनाओं के लिए कर्नाटक के लोगों को बधाई दी।

नरेंद्र मोदी ने भारत में अवसंरचना विकास के संदर्भ में दो महान विभूतियों को याद किया। “कर्नाटक के महान सपूतों, कृष्णराज वाडियार और सर एम विश्वेश्वरैया ने देश को एक नई दृष्टि और शक्ति दी। इन गणमान्य व्यक्तियों ने आपदा को अवसर में बदल दिया, अवसंरचना के महत्व को समझा और वर्तमान पीढ़ी भाग्यशाली है कि वह उनके प्रयासों का लाभ उठा रही है।“ प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए देश में उन्नत अवसंरचना परियोजनाओं का विकास हो रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा, “भारतमाला और सागरमाला योजनाएँ, आज भारत और कर्नाटक के परिदृश्य को बदल रही हैं।” उन्होंने रेखांकित किया कि जब पूरी दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही थी, तब भी देश में अवसंरचना बजट को कई गुना बढ़ाया गया।

उन्होंने बताया कि देश में अवसंरचना के विकास के लिए इस साल के बजट में 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक आवंटित किये गए हैं। प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि अवसंरचना, सुविधा के अलावा, नौकरियां, निवेश और आय-प्राप्ति के अवसरों को साथ लाती है। उन्होंने बताया कि सरकार ने हाल के वर्षों में अकेले कर्नाटक में राजमार्ग से जुड़ी परियोजनाओं के लिए 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है।कर्नाटक के प्रमुख शहरों के रूप में बेंगलुरु और मैसूरु के महत्व को रेखांकित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रौद्योगिकी और परंपरा के इन दो केंद्रों के बीच सड़क-संपर्क कई दृष्टियों से महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि लोग अक्सर दोनों शहरों के बीच यात्रा करते समय भारी ट्रैफिक की शिकायत करते थे; एक्सप्रेसवे दोनों शहरों के बीच की यात्रा-अवधि को घटाकर डेढ़ घंटे कर देगा और इस क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देगा।

इस बात को रेखांकित करते हुए कि बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे रामनगर और मांड्या जैसे विरासत शहरों से होकर गुजरता है, प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे न केवल पर्यटन क्षमता को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि मां कावेरी की जन्मस्थली तक पहुंचना भी संभव होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि बेंगलुरू-मंगलुरु राजमार्ग, जो मानसून के दौरान हमेशा भूस्खलन से प्रभावित होता रहा है, इस क्षेत्र में बंदरगाह संपर्क को प्रभावित करता है, बेंगलुरु-मंगलुरु राजमार्ग को चौड़ा करके इसका समाधान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सड़क-संपर्क बढ़ने से क्षेत्र में उद्योग भी विकसित होने लगेंगे। प्रधानमंत्री ने पिछली सरकारों के संवेदनहीन रवैये की आलोचना की और कहा कि गरीबों के विकास के लिए आवंटित धन के बड़े हिस्से की चोरी हो जाती थी। उन्होंने कहा कि 2014 में, गरीबों के प्रति एक संवेदनशील सरकार, जो गरीब वर्गों के दर्द को समझती है, सत्ता में आई। सरकार ने गरीबों की सेवा के लिए लगातार काम किया और आवास, पाइप से पानी, उज्ज्वला गैस कनेक्शन, बिजली, सड़क, अस्पताल को प्राथमिकता दी और गरीबों के लिए उनके इलाज की चिंता को कम किया। उन्होंने कहा कि पिछले 9 वर्षों में, सरकार ने गरीब लोगों के घर पर जाकर उनके जीवन को आसान बनाया है और मिशन मोड में पूर्णता-प्राप्ति ले लक्ष्य को हासिल किया जा रहा है।

लंबे समय से चली आ रही समस्याओं के स्थायी समाधान के प्रति सरकार के दृष्टिकोण पर चर्चा करते हुए, प्रधानमंत्री ने बताया कि पिछले 9 वर्षों में 3 करोड़ से अधिक आवासों का निर्माण किया गया है, जिनमें से लाखों घर कर्नाटक में निर्मित हुए हैं और जल जीवन मिशन के तहत 40 लाख नए परिवारों को पाइप से पानी की आपूर्ति की जा रही है। प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि इस वर्ष के बजट में ऊपरी भद्रा परियोजना के लिए 5,300 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जबकि दशकों से लंबित सिंचाई परियोजनाओं को भी तेजी से पूरा किया जा रहा है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि इससे क्षेत्र के लोगों की सिंचाई संबंधी समस्याओं का समाधान हो जाएगा। कर्नाटक के किसानों की छोटी-छोटी समस्याओं का समाधान करने के अलावा, प्रधानमंत्री ने बताया कि सरकार ने पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत कर्नाटक के किसानों के बैंक खातों में सीधे 12,000 करोड़ रुपये अंतरित किए हैं, जिसमें मांड्या क्षेत्र के 2.75 लाख से अधिक किसानों को केवल केंद्र सरकार द्वारा 600 करोड़ रुपये प्रदान किए गए हैं। प्रधानमंत्री ने पीएम किसान सम्मान निधि की 6000 रुपये की किस्त में 4000 रुपये जोड़ने पर कर्नाटक सरकार की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, “डबल इंजन की सरकार से किसानों को दोहरा लाभ मिल रहा है।“

प्रधानमंत्री ने कहा कि फसलों की अनिश्चितता के कारण चीनी मिलों के पास गन्ना किसानों का लंबे समय से बकाया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इथेनॉल की शुरुआत से समस्या काफी हद तक दूर हो जाएगी। बंपर फसल के मामले में, अतिरिक्त गन्ने से इथेनॉल का उत्पादन होगा, जो किसानों के लिए स्थिर आय सुनिश्चित करेगा। उन्होंने बताया कि पिछले साल देश की चीनी मिलों ने तेल कंपनियों को 20 हजार करोड़ रुपये के एथनॉल की बिक्री की है, जिससे गन्ना किसानों को समय पर भुगतान प्राप्त करने में मदद मिली है। उन्होंने कहा कि 2013-14 से अब तक चीनी मिलों से 70 हजार करोड़ रुपये का एथनॉल खरीदा जा चुका है और यह पैसा किसानों तक पहुंच चुका है। उन्होंने कहा कि इस साल के बजट में भी गन्ना किसानों के लिए कई प्रावधान किए गए हैं, जैसे चीनी सहकारी समितियों के लिए 10 हजार करोड़ रुपये की सहायता और कर में छूट। इनसे किसानों को लाभ होगा।

मोदी ने आगे कहा कि भारत अवसरों की भूमि है और दुनिया भर के लोग देश के प्रति अपनी रुचि दिखा रहे हैं। उन्होंने बताया कि भारत ने 2022 में रिकॉर्ड विदेशी निवेश प्राप्त किया और सबसे बड़ा लाभार्थी होने के नाते, कर्नाटक को 4 लाख करोड़ से अधिक का निवेश मिला। प्रधानमंत्री ने कहा, “यह रिकॉर्ड निवेश डबल इंजन सरकार के प्रयासों को दर्शाता है।“ आईटी के अलावा, जैव प्रौद्योगिकी, रक्षा विनिर्माण और ईवी विनिर्माण जैसे उद्योगों का तेजी से विस्तार हो रहा है, जबकि एयरोस्पेस और अंतरिक्ष जैसे उद्योगों में अभूतपूर्व निवेश देखा जा रहा है।प्रधानमंत्री ने कुछ राजनीतिक दलों के कार्यों की ओर इशारा करते हुए कहा कि जहां डबल-इंजन सरकार के प्रयासों से अभूतपूर्व विकास हो रहा है, वहीँ कुछ लोग मोदी की कब्र खोदने के सपने देखने में व्यस्त हैं, जबकि मोदी बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे के विकास कार्यों और गरीबों के जीवन को आसान बनाने में व्यस्त है। उन्होंने अपने विरोधियों को आगाह किया कि करोड़ों माताओं, बहनों और बेटियों तथा भारत की जनता का आशीर्वाद उनके लिए सुरक्षा कवच का काम करता है। संबोधन का समापन करते हुए, प्रधानमंत्री ने आज की परियोजनाओं के लिए कर्नाटक के लोगों को बधाई दी और कहा, “कर्नाटक के तेजी से विकास के लिए डबल इंजन सरकार अपरिहार्य है।”

इस अवसर पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई; केंद्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी; केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी; मांड्या से संसद सदस्य  सुमलता अंबरीश और कर्नाटक सरकार के मंत्री उपस्थित थे।

पृष्ठभूमि

अवसंरचना परियोजनाओं के विकास की तीव्र गति, देश भर में विश्व स्तरीय कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण का प्रमाण है। इस प्रयास के तहत, प्रधानमंत्री ने बेंगलुरु-मैसूरु एक्सप्रेसवे राष्ट्र को समर्पित किया। इस परियोजना में एनएच-275 के बेंगलुरु-निदाघट्टा-मैसूरु खंड को 6 लेन का बनाना शामिल है। 118 किलोमीटर लंबी इस सड़क परियोजना को लगभग 8480 करोड़ रुपये की कुल लागत से विकसित किया गया है। यह बेंगलुरु और मैसूरु के बीच यात्रा-अवधि को 3 घंटे से घटाकर लगभग 75 मिनट कर देगी। यह परियोजना क्षेत्र में सामाजिक आर्थिक विकास के लिए एक प्रोत्साहन के रूप में कार्य करेगी।

प्रधानमंत्री ने मैसूरु-कुशलनगर 4-लेन राजमार्ग की आधारशिला भी रखी। 92 किलोमीटर लम्बी यह परियोजना लगभग 4130 करोड़ रुपये की लागत से विकसित की जाएगी और बेंगलुरू के साथ कुशलनगर के सड़क-संपर्क को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। यात्रा-अवधि लगभग 5 घंटे से घटकर केवल 2.5 घंटे रह जाएगी।

 

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