रविवार, दिसंबर 22 2024 | 09:26:32 PM
Breaking News
Home / राष्ट्रीय / चंद्रयान 3 की हुई सफल लॉन्चिंग, इसरो के साथ ही नासा भी रख रहा है नजर

चंद्रयान 3 की हुई सफल लॉन्चिंग, इसरो के साथ ही नासा भी रख रहा है नजर

Follow us on:

नई दिल्ली. चंद्रयान 3 की सफल लांचिंग के बाद दुनिया की नजरें, भारत की अंतरिक्ष यात्रा पर लग गई हैं। अमेरिका की नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) ने शुक्रवार को इस सफल लांचिंग के बाद से ही चंद्रयान 3 को ट्रैक करना शुरू कर दिया है। केवल अमेरिका ही नहीं, बल्कि आस्ट्रेलिया और स्पेन में बने सेंटर से भी चंद्रयान 3 पर नजर रखी जा रही है। इसके अलावा ब्रूनेई और इंडोनेशिया के स्पेस सेंटर की भी इस मिशन पर नजरें हैं।

वरिष्ठ वैज्ञानिक एसके ढाका के मुताबिक, जिस तरह से भारत का स्पेस नेटवर्क बंगलुरू में है, ठीक उसी तरह कई विकसित देशों में भी ऐसे ही नेटवर्क सेंटर बने हुए हैं। इस तरह की लांचिंग पर नजर रखने के लिए अमेरिका, आस्ट्रेलिया और स्पेन में सेंटर बने हैं। अमेरिका स्थित ‘नासा’ से ‘चंद्रयान 3’ को ट्रैक किया जा रहा है। इस बाबत एसके ढाका ने कहा, ये कोई गलत नहीं है। हालांकि नासा सहित कई ऐसे संगठनों के साथ संधियां और समझौते हैं। उन्हीं के तहत वे देश, दूसरे राष्ट्र के लॉन्चिंग मिशन पर नजर रखते हैं। ये सब अंतरराष्ट्रीय संधि का हिस्सा है।

बतौर वैज्ञानिक ढाका, इस तरह की ट्रैकिंग से हमारा क्लेम भी वैरिफाई हो जाता है। नासा सहित दूसरे स्पेस संगठन, आपस में डाटा साझा करते हैं। दुनिया में ब्रूनेई और इंडोनेशिया के पास भी इस तरह की तकनीक है। वे भी नजर रख सकते हैं। चंद्रयान 3, 23 अगस्त की शाम को लैंडिंग करेगा। अब केवल एक टॉस्क है कि हमें किसी भी तरह से चंद्रयान 3 की सॉफ्ट एवं सेफ लैंडिंग करानी है। वरिष्ठ वैज्ञानिक, नरेंद्र भंडारी का कहना है कि इस बार मजबूत लैंडर बनाया गया है। रोबोट वही है, जो चंद्रयान के दौरान इस्तेमाल हुआ था। चंद्रयान 1 से पता चला था कि चंद्रमा के कई हिस्सों पर बर्फ है, पानी है या गीलेपन की स्थिति है। पूरी उम्मीद है कि टेस्टेड इंजन के जरिए इस बार चंद्रयान 3 की सुरक्षित लैंडिंग होगी।

एसके ढाका के अनुसार, चंद्रयान 3 की कामयाबी भविष्य के द्वार खोलेगी। इसकी सफलता के बाद भारत, चंद्रमा पर अपना सर्विस स्टेशन बना सकेगा। लाइट के पोलेराइलेशन को स्टडी किया जा सकेगा। स्टेशन का इस्तेमाल, आगे की रिसर्च के लिए होगा। उस वक्त दुनिया में भारत की धमक होगी। दुनिया, भारत की तरफ देखेगी। संभव है कि अब खर्च हुआ एक पैसा आगे चलकर हमारे देश को एक अरब रुपये देगा।

साभार : अमर उजाला

भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

https://www.amazon.in/dp/9392581181/

https://www.flipkart.com/bharat-1857-se-1957-itihas-par-ek-drishti/p/itmcae8defbfefaf?pid=9789392581182

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

मायावती आंबेडकर मुद्दे पर 24 दिसंबर को पूरे देश में करेगी आंदोलन

नई दिल्ली. बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा बाबा साहब …