बुधवार , मई 08 2024 | 10:23:00 AM
Breaking News
Home / राष्ट्रीय / सौर फोटोवोल्टिक मॉड्यूल के लिए मॉडल और विनिर्माण क्षेत्र में सुधारों की घोषणा की

सौर फोटोवोल्टिक मॉड्यूल के लिए मॉडल और विनिर्माण क्षेत्र में सुधारों की घोषणा की

Follow us on:

नई दिल्ली (मा.स.स.). नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) सौर फोटोवोल्टिक मॉड्यूल के लिए अपने मॉडल तथा निर्माताओं की स्वीकृत सूची (एएलएमएम) तंत्र में कई सुधार किये हैं। सुधारों का मुख्य उद्देश्य सौर फोटोवोल्टिक (पीवी) निर्माताओं की लागत को कम करना, आवेदन से लेकर सूचीबद्धता की मध्यावधि के साथ-साथ अनुपालन बोझ और पूरी एएलएमएम प्रक्रिया में व्यापार करने में सुगमता को बढ़ाना है। प्रमुख सुधारों निम्नलिखित हैं :

  1. आवेदन शुल्क में 80 प्रतिशत की कमी।
  2. निरीक्षण शुल्क में पर्याप्त कमी, कुछ मामलों में कमी 70 प्रतिशत तक हो गई।
  3. एएलएमएम में अतिरिक्त मॉडलों की सूची के मामले में कारखाने के निरीक्षण से छूट। यह छूट उन मामलों में दी गई है जहां एएलएमएम में अतिरिक्त मॉडलों की सूचीबद्ध है और वे आवेदक द्वारा पहले से सूचीबद्ध मॉडलों के समान हैं लेकिन कम वाट क्षमता के हैं।
  4. विनिर्माताओं को आवेदन शुल्क के 90 प्रतिशत की वापसी के साथ कारखाना निरीक्षण से पहले अपने आवेदन वापस लेने की अनुमति देना।
  5. मॉडल तथा निर्माताओं की स्वीकृत सूची (एएलएमएम) भर्ती वैधता को 2 वर्ष से बढ़ाकर 4 वर्ष करना।
  6. भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) से पंजीकरण प्राप्त होने के 7 दिनों के भीतर एएलएमएम में अनंतिम भर्ती प्रदान करना और कारखाना सूची और अंतिम सूचीकरण के लिए दो महीने की समय-सीमा, ऐसा न करने पर जिसे सूचीबद्ध माना जाता है।
  7. भविष्य में सभी एएलएमएम आवेदनों के साथ आवेदनों की स्कैन की गई प्रतियां और एएलएमएम आवेदनों की प्रक्रिया हार्ड कॉपी जमा करने की प्रतीक्षा किए बिना शुरू हो जाएगी, जिसे बाद में प्रस्तुत किया जा सकता है।
  8. मॉडल तथा निर्माताओं की स्वीकृत सूची (एएलएमएम) में भर्ती के लिए निम्नलिखित अंतिम उपयोग श्रेणी-वार न्यूनतम मॉड्यूल दक्षता सीमा की शुरूआत :
  • ग्रिड स्केल पावर प्लांट: 00 प्रतिशत
  • छत और सौर पंपिंग: 50 प्रतिशत
  • सौर प्रकाश व्यवस्था: 00 प्रतिशत

नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) के सचिव बी. एस. भल्ला ने कहा कि फोटोवोल्टिक मॉड्यूल के लिए एएलएमएम में बदलाव से व्यापार करने में आसानी बढ़ेगी और वर्तमान और भविष्य की मांग को पूरा करने के लिए सौर फोटोवोल्टिक मॉड्यूल के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने में मदद मिलेगी। प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम (पीएलआई) योजना के परिणामस्वरूप न केवल सौर मॉड्यूल की घरेलू विनिर्माण क्षमता को बढ़ावा मिला है, बल्कि भारत में मूल्य श्रृंखला में भी वर्टिकल एकीकरण हुआ है। हमने पहले ही अगले 5 वर्षों के लिए प्रत्येक वर्ष 50 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा की बोली आमंत्रित करने की घोषणा की है। इसमें 40 गीगावॉट की सौर ऊर्जा क्षमता शामिल है। इसका उद्देश्य देश में विनिर्माण उद्योग को प्रोत्साहित करना है। एएलएमएम शुल्क और नियमों में ढील कारोबार सुगमता बढ़ाने, अनुपालन बोझ को कम करने और एएलएमएम के तहत सूचीबद्ध करने की विभिन्न प्रक्रियाओं में लगने वाले शुल्क को कम करने की दिशा में एक कदम है।

पृष्ठभूमि

  1. सौर फोटोवोल्टिक (पीवी) विद्युत प्रतिष्ठान 25 वर्षों की अवधि के लिए स्थापित किए जाते हैं और संयंत्रों में उपयोग किए जाने वाले सौर पीवी सेल और मॉड्यूल को दीर्घकालिक वारंटी की आवश्यकता होती है। यह सुनिश्चित करना वांछनीय है कि ऐसे उत्पाद वास्तव में उन इकाइयों में बनाए गए हैं जिनमें उत्पादन का दावा किया गया है। यह संभव है कि कुछ इकाइयां कहीं और उत्पादित या बनाए गई सौर कोशिकाओं और मॉड्यूल के उत्पादन का दावा कर सकती हैं। उपभोक्ता हितों की रक्षा और देश की व्यापक ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उत्पादक की विश्वसनीयता आवश्यक है।
  2. तदनुसार, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) ने 01.2019 को “सौर फोटोवोल्टिक मॉड्यूल (अनिवार्य पंजीकरण की आवश्यकता) आदेश, 2019 के अनुमोदित मॉडल और निर्माता” की सूची जारी की।
  3. एएलएमएम आदेश में कहा गया है कि एएलएमएम में सूची-I शामिल होगी, जिसमें सौर पीवी मॉड्यूल और सूची -2 के मॉडल और निर्माताओं को निर्दिष्ट किया जाएगा, जिसमें सौर पीवी सेल के मॉडल और निर्माताओं को निर्दिष्ट किया जाएगा। सौर पीवी मॉड्यूल के लिए पहली एएलएमएम सूची 03.2021 को जारी की गई थी। सौर पीवी कोशिकाओं के लिए एएलएमएम सूची अभी तक जारी नहीं की गई है।
  4. एएलएमएम सूची-I (सौर पीवी मॉड्यूल) में शामिल मॉडल और निर्माता ही विद्युत अधिनियम 2003 और उसमें संशोधन की धारा 63 के तहत के संस्थापित सरकारी परियोजनाओं/सरकारी सहायता प्राप्त परियोजनाओं/परियोजनाओं/ओपन एक्सेस/नेट-मीटरिंग परियोजनाओं में उपयोग के लिए पात्र हैं। केन्द्र सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अंतर्गत सरकार को विद्युत की बिक्री के लिए स्थापित परियोजनाओं सहित देश में “सरकार” शब्द में केंद्र सरकार, राज्य सरकारें, केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम, राज्य सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम और केंद्रीय और राज्य संगठन/ स्वायत्त निकाय शामिल हैं।
  5. हालांकि, 10.03.2023 से, एएलएमएम आदेश को एक वित्तीय वर्ष, यानी वित्त वर्ष 2023-24 के लिए स्थगित रखा गया है। इस प्रकार, 31.03.2024 तक चालू परियोजनाओं को एएलएमएम से सौर पीवी मॉड्यूल की खरीद की आवश्यकता से छूट दी जाएगी।
  6. अद्यतन एएलएमएम सूची में 91 मॉड्यूल विनिर्माण सुविधाएं (सभी घरेलू) शामिल हैं जिनकी कुल सौर पीवी मॉड्यूल विनिर्माण क्षमता प्रति वर्ष 22,389 मेगावाट है।

भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

https://www.amazon.in/dp/9392581181/

https://www.flipkart.com/bharat-1857-se-1957-itihas-par-ek-drishti/p/itmcae8defbfefaf?pid=9789392581182

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

महारानी तपस्विनी उपाख्य माताजी : क्रांति से अध्यात्म तक

महारानी तपस्विनी का जन्म 1842 में हुआ था। वो महारानी लक्ष्मीबाई की भतीजी और बेंगलुरु …