नई दिल्ली (मा.स.स.). पंचायती राज मंत्रालय राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस (24 अप्रैल, 2023) के क्रम में आजादी का अमृत महोत्सव (एकेएएम) 2.0 के हिस्से के रूप में 17 से 21 अप्रैल, 2023 के दौरान राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार सप्ताह का आयोजन कर रहा है।इस महत्वपूर्ण अवसर को सही भावना और एकेएएम2.0 के निर्देशों के अनुरूप मनाने के लिए “संपूर्ण-समाज” और “संपूर्ण-सरकार”का दृष्टिकोण अपनाया जाएगा। इसके साथ-साथ एकेएएम2.0 की पहुंच को बढ़ाने और प्रत्येक भारतीय के जीवन को छूने के लिए पंचायती राज मंत्रालय ने “पंचायतों के संकल्पों की सिद्धि का उत्सव” विषय पर राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार सप्ताह समारोह का आयोजन करने का निर्णय लिया है। इसके लिए विषयगत सम्मेलनों की एक श्रृंखला की परिकल्पना की गई है।
जिसमें उच्च प्रदर्शन करने वाले पंचायती राज संस्थानों के प्रतिनिधि(पीआरआई) न केवल अपने प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त करेंगे बल्कि अन्य हितधारकों की उपस्थिति में अपनी उपलब्धियों के बारे में विचार-विमर्श और चर्चा करेंगे जो दूसरों के अनुसरण के लिए अच्छे उदाहरण भी स्थापित कर सकते हैं। यह पांच दिवसीय राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार सप्ताह कल नई दिल्ली में ‘पंचायतों के प्रोत्साहन-सह-पुरस्कार समारोह पर राष्ट्रीय सम्मेलन के आयोजन के साथ प्रारम्भ होगा।राष्ट्रपति ने 17 अप्रैल, 2023 को राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार सप्ताह को झंडी दिखाने, राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार प्रदान करने और गणमान्य व्यक्तियों की सभा को संबोधित करने तथा’पंचायतों के प्रोत्साहन-सह-पुरस्कार समारोह पर राष्ट्रीय सम्मेलन’ का उद्घाटन करने के लिए अपनी सहमति प्रदान की है।इस सम्मेलन में पूरे देश से 1500 से अधिक प्रतिनिधियों के भाग लेने की उम्मीद है।
केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह, केंद्रीय पंचायती राज राज्य मंत्री कपिल मोरेश्वर पाटिल और केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते की इस अवसर पर गरिमामयी उपस्थिति रहेगी।पंचायती राज मंत्रालय के सचिव सुनील कुमार, पंचायती राज मंत्रालय के अपर सचिव (डॉ.) चंद्रशेखर कुमार और पंचायती राज मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे।राज्यों के पंचायती राज मंत्रीसंबंधित मंत्रालयों/विभागों और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के पंचायती राज विभाग, एनआईआरडी एंड पीआर, एसआईआरडी और पीआर के वरिष्ठ अधिकारियों तथा निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ-साथ पंचायतों के पदाधिकारियों को भी इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है।इसके बाद, सी. सुब्रमण्यम ऑडिटोरियम, एनएएससी परिसर, पूसा, नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलनों के माध्यम से सतत विकास लक्ष्यों (एलएसडीजी) के स्थानीयकरण पर अब तक की उपलब्धियों और आगे की राह के बारे में विचार-विमर्श किया जाएगा।आजादी का अमृत महोत्सव 2.0 के उपलक्ष्य में आयोजित राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार सप्ताह के दौरान नियोजित राष्ट्रीय सम्मेलनों का विवरण निम्नानुसार है:
क्रं. सं. | तिथि/दिन | राष्ट्रीय सम्मेलन | कार्यक्रम का स्थान |
1. | 17 अप्रैल, 2023 (सोमवार) | पंचायतों के प्रोत्साहन-सह-पुरस्कार समारोह पर राष्ट्रीय सम्मेलन | प्लेनरी हॉल,
विज्ञान भवन, नयी दिल्ली |
2. | 18 अप्रैल, 2023 (मंगलवार) | गरीबी मुक्त और उन्नत आजीविका पंचायत, आत्मनिर्भर बुनियादी ढांचा पंचायत और सुशासन के साथ पंचायत पर राष्ट्रीय सम्मेलन | सी. सुब्रमण्यम ऑडिटोरियम, एनएएससी, पूसा, नई दिल्ली |
3. | 19 अप्रैल, 2023 (बुधवार) | बाल हितैषी पंचायत, महिला हितैषी पंचायत और सामाजिक रूप से सुरक्षित पंचायत पर राष्ट्रीय सम्मेलन | सी. सुब्रमण्यम ऑडिटोरियम, एनएएससी, पूसा, नई दिल्ली |
4. | 20 अप्रैल, 2023 (गुरुवार) | जल पर्याप्त पंचायत, स्वच्छ और हरित पंचायत और स्वस्थ पंचायत पर राष्ट्रीय सम्मेलन | सी. सुब्रमण्यम ऑडिटोरियम, एनएएससी, पूसा, नई दिल्ली |
5. | 21 अप्रैल, 2023 (शुक्रवार) | सर्वोत्तम पंचायत सतत विकास प्रयासों पर राष्ट्रीय सम्मेलन – 2047 के लिए आगे की राह | सी. सुब्रमण्यम ऑडिटोरियम, एनएएससी, पूसा, नई दिल्ली |
राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार-2023 की विभिन्न श्रेणियों के तहत पुरस्कृत पंचायतें, (i) व्यक्तिगत एलएसडीजी विषयों के तहत अच्छे प्रदर्शन के लिए दीन दयाल उपाध्याय पंचायत सतत विकास पुरस्कार (डीडीयूपीएसवीपी), (ii) सभी 9 एलएसडीजी विषयों और विशेष श्रेणियों से संबंधित हरित पहल के तहत समेकित कार्य प्रदर्शन के लिए नानाजी देशमुख सर्वोत्तम पंचायत सतत विकास पुरस्कार (एनडीएसपीएसवीपी)(iii) ग्राम ऊर्जा स्वराज विशेष पंचायत पुरस्कार और (iv) कार्बन न्यूट्रल विशेष पंचायत पुरस्कार के तहत पुरस्कार विजेता पंचायतों को सम्मानित किया जाएगा और इन पंचायतों को पुरस्कार राशि डिजिटल रूप से हस्तांतरित की जाएगी। पुरस्कार विजेता पंचायतों के कार्यों के बारे में सर्वोत्तम प्रथाओं पर एक पुस्तिका का केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह द्वारा विमोचन किया जाएगा और इस पुस्तिका की पहली प्रति राष्ट्रपति को भेंट की जाएगी।
सहभागी लोकतंत्र को सुनिश्चित करने और लोगों को सशक्त बनाने तथा पंचायतों को जवाबदेह बनाने एवं ग्राम सभा को और मजबूत बनाने के उद्देश्य से एक नया मोबाइल एप्लिकेशन जीएस निर्णय- नेशनल इनिसिएटिव फॉर रूरल इंडिया टू नेविगेट, इनोवेट एंड रिजॉल्व पंचायत डिसिजन्स विकसित किया गया है। इसका उद्देश्य ग्रामसभा की कार्यवाही को जनता के लिए रिकॉर्ड और अपलोड करना है। इस अवसर पर ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह द्वारा ग्राम सभा निर्णय ऐप लॉन्च किया जाएगा।जीएस निर्णय ऐप के माध्यम से की गई रिकॉर्डिंग जहां आवश्यक हो या ग्राम सभा के दौरान किए गए संकल्पों के संबंध में उत्पन्न होने वाले प्रश्नों के मामले में तथ्यों के सत्यापन का साधन बनेगी।इससे पंचायतों के कामकाज में अधिक पारदर्शिता आएगी और उनकी दक्षता में बढ़ोत्तरी होगी और इससे 73वें संविधान संशोधन में यथा स्थापित विकेन्द्रीकृत सहभागी लोकतंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन होगा। यहऐप भविष्य के संदर्भ के लिए सूचना के मूल्यवान भंडार के रूप में भी काम करेगा।
राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार सप्ताह के उद्घाटन समारोह के दौरान, राज्यों के पंचायती राज मंत्री सतत विकास लक्ष्यों और अब तक की उपलब्धियों को प्राप्त करने के महान लक्ष्य की दिशा में राज्यों के विचारों, रणनीतियों और तैयारियों को आपस में साझा करेंगे।राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार सप्ताह के दौरान आयोजित सम्मेलनों की श्रृंखला इस दिशा में केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा की गई विभिन्न पहलों को साझा करने के लिए भी एक शानदार मंच के रूप में काम करेगी। राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार सप्ताह के शेष दिनों मेंविषयगत सम्मेलनों की एक श्रृंखला में पंचायती राज संस्थानों के माध्यम से सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के स्थानीयकरण के लिए सभी हितधारकों के विचारों, तैयारियों, तकनीकी उपायों, सफलता की कहानियों, सर्वोत्तम प्रथाओं और अत्याधुनिक अंतर्दृष्टि के समावेश का प्रदर्शन किया जाएगा।
राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार सप्ताह के पांच दिनों के आयोजन में सभी प्रतिनिधियों की सक्रिय, निरंतर और उत्साही भागीदारी से ग्रामीण भारत में स्थानीयकरण और एसडीजी को अर्जित करने की प्रक्रिया में मदद मिलेगी और तेजी आएगी और अन्य पंचायतों को बड़े लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिलेगी।संशोधित राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कारों की प्रक्रिया के माध्यम से जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर कई अच्छा प्रदर्शन करने वाली कई पंचायतों को मान्यता मिली, जिन्होंने पंचायतों को गरीबी मुक्त, स्वस्थ, बच्चों और महिलाओं के अनुकूल बनाने, पर्याप्त जल उपलब्ध कराने, स्वच्छ और हरित बनाने, आत्मनिर्भर बुनियादी ढ़ांचा स्थापित कर सामाजिक न्याय और सुरक्षित और सुशासित पंचायतों के निर्माण की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य किया है। ऐसी पंचायतें पूरे देश के पंचायती राज संस्थानों के प्रतिनिधियों के साथअपने अनुभव, प्रमुख उपलब्धियां, स्थिरता के रोडमैप के बारे में जानकारी साझा करेंगी।
पृष्ठभूमि:
12 मार्च, 2021 को आजादी का अमृत महोत्सव की आधिकारिक यात्रा शुरू होने के साथ पंचायती राज मंत्रालय पंचायती राज संस्थानों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों के पंचायती राज विभागों को साथ लेकर आजादी के अमृत महोत्सव के बारे में ग्रामीण जनता के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए गंभीर प्रयास कर रहा है। भारत की आजादी की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम शुरु किया गया था। पंचायती राज मंत्रालय आजादी का अमृत महोत्सव के बारे में ग्रामीण जनता के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए गंभीर प्रयास कर रहा है।एकेएएम समारोह के दूसरे वर्ष (एकेएएम2.0) में, प्रत्येक भारतीय के जीवन को छूने के लिए इस कार्यक्रम की पहुंच को और भी बढ़ाने की परिकल्पना की गई है।उच्च जनभागीदारी और सार्वजनिक भागीदारी पर पूरा जोर दिया गया है। नये दृष्टिकोण उन विषयों पर दीर्घकालिक अभियान भी आयोजित करना है जो नए भारत के विजन को स्पष्ट करते हैं और प्रत्येक भारतीय के साथ प्रतिध्वनित होते हैं।
आजादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में विभिन्न गतिविधियों को पूरा करने में पंचायती राज संस्थानों की सक्रिय भागीदारी से ग्रामीण जनता तक पहुंचना और उन्हें आजादी का अमृत महोत्सव के महत्व और उद्देश्यों के बारे में संवेदनशील बनाना संभव हुआ है।पंचायती राज मंत्रालय ने भी ग्रामीण भारत में पंचायती राज संस्थाओं के माध्यम से सतत विकास लक्ष्यों (एलएसडीजी) के स्थानीयकरण के लिए एक उपयुक्त, अनुकूल और सकारात्मक वातावरण बनाने के लिए ठोस प्रयास किए हैं जिसके कारण सतत विकास लक्ष्यों की अवधारणा का प्रसार करने में सफलता हासिल हुई है और इससे ग्रामीण भारत के सपनों और आकंक्षाओं को गति मिली है। पंचायती राज मंत्रालय ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायती राज संस्थाओं के माध्यम से सतत विकास लक्ष्यों (एलएसडीजी) के स्थानीयकरण में सबसे आगे रहा है, और पंचायती राज मंत्रालय कई हितधारकों को एक साथ लाने, स्पष्ट रणनीतिक लक्ष्य निर्धारित करने और ग्रामीण क्षेत्रों में सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को स्थानीय बनाने के लिए संयुक्त राष्ट्र संगठनों की तकनीकी सहायता को उत्प्रेरित करने में लगातार महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए आह्वान के उत्तर में, पंचायती राज संस्थाओं ने विशिष्ट लक्ष्यों को निर्धारित करने, सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के साथ सही तरीके से तालमेल करने और स्थानीय रणनीति और समग्र पंचायत विकास के माध्यम से एसडीजी प्राप्त करने की दिशा में काम करना शुरू कर दिया है और उसका उचित कार्यान्वयन भी किया जा रहा है। पंचायत योजनाओं को प्रोत्साहन देना राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए) की केंद्र प्रायोजित योजना के केंद्रीय घटकों में से एक है।इस योजना के तहत, विभिन्न प्राथमिकता वाले क्षेत्रों/विषयों के तहत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली पंचायतों को ‘राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार’ दिए जाते हैं, जिसमें पुरस्कार विजेता पंचायतों को वित्तीय प्रोत्साहन देना भी शामिल है। पिछले साल, एलएसडीजी के नौ विषयों के अनुरूप एक बहु-स्तरीय प्रतियोगिता स्थापित करने के लिए राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कारों के प्रारूप, प्रक्रियाओं और श्रेणियों में व्यापक रूप से संशोधन किया गया था।
यह कल्पना की गई थी कि इससे एलएसडीजी प्राप्त करने की गति को तेज करने में मदद मिलेगी।अब तक की गई पहलों के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं।तदनुसार, इस वर्ष के राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार विभिन्न विषयगत क्षेत्रों में पंचायतों को गरीबी मुक्त, स्वस्थ, बाल एवं महिला मित्रवत, पर्याप्त जल, स्वच्छ और हरित, आत्मनिर्भर बुनियादी ढांचा, सामाजिक रूप से न्यायसंगत और सुरक्षित तथा सुशासित बनाने के बारे में उत्कृष्ट कार्य करने वाली पंचायतों को प्रदान किए जाएंगे।भारत को एक आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने के बारे में प्रधानमंत्री के विजन को आगे बढ़ाते हुए, एलएसडीजी के नौ विषयगत क्षेत्रों में पंचायतों को उनके अनुकरणीय प्रदर्शन के आधार पर प्रोत्साहित करने के लिए पंचायती राज मंत्रालय ने ठोस प्रयास किए हैं जिनसे संयुक्त राष्ट्र 2023 के एजेंडे को पूरा करने के लिए और आत्मनिर्भर पंचायतों के सृजन के लिए एलएसडीजी लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में प्रगति को पूरकता और गति मिलेगी।
भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं