तिरुवनंतपुरम. केरल के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ओमान चांडी (Oommen Chandy) का मंगलवार (18 जुलाई) को निधन हो गया. लंबी बीमारी के बाद 79 साल की उम्र में उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया. केरल की राजनीति में ओमान का कद काफी बड़ा था. वह दो बार केरल के मुख्यमंत्री रहे और 12 बार विधायक चुने गए. अपने राजनीतिक सफर में उन्होंने और भी कई पदों पर रहकर काम किया.
ओमान चांडी 1970 में पहली बार पुथुपल्ली सीट से चुनाव जीतकर केरल विधानसभा पहुंचे और 50 साल तक वहां एक भी चुनाव नहीं हारे. 2021 में उन्होंने अपना आखिरी चुनाव लड़ा था. 26 साल की उम्र में उन्होंने अपना पहला चुनाव लड़ा था और 5 दशकों तक पुथुपल्ली सीट लगातार कांग्रेस के पास रही. हालांकि, फिलहाल इस सीट पर कांग्रेस की स्थिति उतनी मजबूत नहीं है, जितनी ओमान चांडी के समय पर थी. चांडी ने 1970, 1970, 1977, 1980, 1982, 1987, 1991, 1996, 2001, 2006, 2011, 2016 और 2021 में यहां से चुनाव लड़ा.
दो बार चुने गए मुख्यमंत्री
ओमान चांडी दो बार केरल के मुख्यमंत्री चुने गए. उन्होंने 2004 से 2006 और 2011 से 2016 के दौरान सीएम पद की जिम्मेदारी संभाली. इसके अलावा 2006 से 2011 के दौरान ओमान केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे. अपने राजनीतिक सफर के दौरान दो घोटालों में भी ओमान चांडी का नाम सामने आया. केरल के वित्त मंत्री रहते हुए उनका नाम पामोलेन स्कैम में सामने आया था. 1991 के इस घोटाले ने केरल की सियासत में भूचाल मचा दिया था. इस मामले में दो करोड़ रुपये से ज्यादा के घोटाले का आरोप था. इसके अलावा, केरल के सोलर स्कैम में भी उनका नाम सामने आया था.
कॉलेज के समय से ही राजीनित में सक्रिय थे ओमान
ओमान चांडी का जन्म 13 अक्टूबर, 1943 को केरल के कोट्टायम जिले में हुआ था. उनके पिता का नाम केओ चांडी और मां का नाम बेबी चांडी था. वह कॉलेज के समय से ही पॉलिटिक्स में काफी सक्रिय रहे. सीएमएस कॉलेज से बीए की पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने पॉलिटिकल एक्टिविटीज मे रहना शुरू कर दिया था. ओमान ने कानून की भी पढ़ाई की. एरनाकुलम के गवर्मेंट लॉ कॉलेज से कानून की पढ़ाई की थी.
साभार : एबीपी न्यूज़
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