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सिर्फ 45 दिनों में बना देश का पहला 3डी-प्रिंटेड पोस्ट ऑफिस

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बेंगलुरु. यूनियन मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार (18 अगस्त) को बेंगलुरु में देश के पहले 3D-प्रिंटेड पोस्ट ऑफिस की बिल्डिंग का इनॉगरेशन किया। यह बिल्डिंग लार्सन एंड टुब्रो कंस्ट्रक्शन कंपनी ने 3D कंक्रीट प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी से लगभग 1000 स्क्वायर फीट में बनाई है।

45 दिन में बनी 3D-प्रिंटेड पोस्ट ऑफिस बिल्डिंग
इस पोस्ट ऑफिस के स्ट्रक्चरल डिजाइन को IIT मद्रास ने अप्रूव किया है। वहीं इस कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट को पूरा होने में सिर्फ 45 दिन का समय लगा है। अगर इसे कन्वेंशनल मेथड से बनाया जाता, तो इसमें 6 से 8 महीने का समय लग जाता।

बिल्डिंग 3 मई को पूरी हो गई थी, इस वजह से हुई इनोग्रेशन में देरी
रिपोर्ट के अनुसार, यह 3D-प्रिंटेड पोस्ट ऑफिस बिल्डिंग 3 मई को पूरी हो गई थी, लेकिन इसके ड्रेनेज और वाटर नेटवर्क को बनाने में लगभग दो महीने लग गए। फिर इसके इनॉगरेशन के लिए एक और महीना इंतजार करना पड़ा क्योंकि मंत्री अश्विनी वैष्णव व्यस्त थे।

हलासुरू बाजार में मौजूदा पोस्ट ऑफिस नई बिल्डिंग में शिफ्ट होगा
रिपोर्ट के मुताबिक, नई 3D-प्रिंटेड पोस्ट ऑफिस बिल्डिंग बनने के बाद अब हलासुरू बाजार में मौजूदा पोस्ट ऑफिस को बंद किया जाएगा। फिर स्टाफ और सामान को नई बिल्डिंग में शिफ्ट किया जाएगा।

अश्विनी वैष्णव ने शेयर किया 3D-प्रिंटेड पोस्ट ऑफिस का वीडियो
अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर 3D-प्रिंटेड पोस्ट ऑफिस बिल्डिंग का एक वीडियो भी शेयर किया है। जिसके कैप्शन में उन्होंने लिखा, ‘आत्मनिर्भर भारत की भावना। भारत का पहला 3D-प्रिंटेड पोस्ट ऑफिस। कैम्ब्रिज लेआउट, बेंगलुरु।’

3D-प्रिंटेड पोस्ट ऑफिस देखकर हर भारतीय को गर्व होगा: प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस 3D-प्रिंटेड पोस्ट ऑफिस की कुछ फोटोज X पर शेयर कर लिखा, ‘कैंब्रिज लेआउट, बेंगलुरु में भारत का पहला 3D-प्रिंटेड पोस्ट ऑफिस देखकर हर भारतीय को गर्व होगा। यह हमारे देश के इनोवेशन और प्रोग्रेस का एक प्रमाण है। यह आत्मनिर्भर भारत की भावना का भी प्रतीक है। उन लोगों को बधाई, जिन्होंने इस पोस्ट ऑफिस को बनाने के लिए कड़ी मेहनत की है।’ इनोग्रेशन प्रोग्राम में अश्विनी वैष्णव ने कहा, ‘बेंगलुरु शहर हमेशा भारत की एक नई तस्वीर पेश करता है। आज आपने इस 3D-प्रिंटेड पोस्ट ऑफिस बिल्डिंग की जो नई तस्वीर देखी, वही आज भारत की भावना है। इसी भावना के साथ आज हमारा देश प्रगति कर रहा है।’

3D कंक्रीट प्रिंटिंग एक उभरती टेक्नोलॉजी
इस साल अप्रैल में लार्सन एंड टुब्रो कंस्ट्रक्शन ने एक प्रेस रिलीज में बताया था कि 3D कंक्रीट प्रिंटिंग एक उभरती हुई टेक्नोलॉजी है, जिसमें कंस्ट्रक्शन प्रोसेस को तेज करके और बिल्ड क्वालिटी को बढ़ाकर कंस्ट्रक्शन प्रैक्टिस को ट्रांसफॉर्म करने की क्षमता है।

इस तरह काम करती है 3D प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी
रोबोटिक प्रिंटर का यूज करते हुए 3D प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी 3D-मॉडल ड्राइंग इनपुट के जरिए कंक्रीट लेयर-बाय-लेयर जमा करती है। इस प्रोसेस में कंक्रीट प्रॉपर्टीज के डेलिकेट बैलेंस यानी नाजुक संतुलन की आवश्यकता होती है। इस टेक्नोलॉजी में फ्लोएबिलिटी, लोड-बेयरिंग कैपेसिटी के लिए क्विक हार्डनिंग, इंटर-लेयर बॉन्डिंग के लिए ग्रीन कंक्रीट स्टेटस और सक्सेसफुल प्रिंटिंग सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त ताकत है।

साभार : दैनिक भास्कर

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