मुंबई. सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया यानी SEBI ने शुक्रवार (25 अगस्त) को अडाणी-हिंडनबर्ग मामले पर सुप्रीम कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट फाइल की है। रिपोर्ट में मार्केट रेगुलेटर सेबी ने एक एफिडेविट में सुप्रीम कोर्ट को बताया कि इस मामले में उसकी 24 इन्वेस्टिगेशन यानी जांच में से 22 फाइनल हो चुकी हैं और 2 अब भी अधूरी हैं। SEBI ने बताया कि इन 2 इन्वेस्टिगेशन पर बाहरी एजेंसियों से जानकारी मिलने का इंतजार है। अधूरी जांच में अडाणी की कंपनियों की 13 विदेशी यूनिट्स शामिल थीं। मार्केट रेगुलेटर ने कहा कि जांच के फाइनल नतीजों के बाद ही आगे उचित कदम उठाए जाएंगे।
SEBI ने FPIs पर पांच देशों से डिटेल्स मांगी है
SEBI ने फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टमेंट यानी FPIs पर पांच देशों से डिटेल्स मांगी है। FPIs लिस्टेड कंपनियों में नॉन प्रमोटर्स/पब्लिक शेयरहोल्डर्स के ग्रुप का एक कंपोनेंट है। सेबी के मुताबिक, लिस्टेड कंपनियों को कम से कम 25% MPS बनाए रखना होगा।
अपनी एक इंटरिम रिपोर्ट के बारे में सेबी ने कहा कि इसमें 13 विदेशी एंटिटीज शामिल हैं, जिन्हें अडाणी ग्रुप की कंपनियों के पब्लिक शेयरहोल्डर्स के रूप में क्लासीफाइड किया गया था। चूंकि इन फॉरेन इन्वेस्टर्स से जुड़ी कई एंटिटीज टैक्स हेवन जुरिस्डिक्शन में स्थित हैं। वहीं 12 FPIs के इकोनॉमिक इंटरेस्ट शेयरहोल्डर्स को स्थापित करना एक चुनौती बनी हुई है।’
सेबी ने 14 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट से 15 दिन का और समय मांगा था
सेबी ने 14 अगस्त को अडाणी-हिंडेनबर्ग मामले की जांच पूरी करने और अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए सुप्रीम कोर्ट से 15 दिन का और समय मांगा है। यह दूसरी बार है, जब सेबी ने शीर्ष अदालत से इस मामले की जांच के लिए अतिरिक्त समय मांगा है।
सुप्रीम कोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई 29 अगस्त को करेगा
तब सेबी ने बताया था कि वह अडाणी ग्रुप के 24 ट्रांजैक्शन की जांच कर रही है, जिसमें से 17 की जांच पूरी हो चुकी है। इसके साथ ही इस मामले के बारे में अन्य रेगुलेटर्स और दूसरे देशों से और जानकारी मांगी गई है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई 29 अगस्त को करेगा।
इससे पहले सेबी ने मांगा था 6 महीने का समय
2 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में एक कमेटी बनाई थी और सेबी को भी जांच के लिए 2 महीने का समय दिया था। मार्केट रेगुलेटर को 2 मई तक अपनी रिपोर्ट सौंपनी थी, लेकिन सेबी की ओर से कोर्ट में पेश सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया तुषार मेहता ने सुनवाई के दौरान जांच के लिए 6 महीने की मोहलत मांगी थी।
हालांकि, बेंच ने 6 महीने का समय देने से इनकार कर दिया था। बेंच ने कहा था कि वह “अनिश्चित विस्तार” नहीं दे सकती। हमने 2 महीने का समय दिया था और अब इसे अगस्त तक बढ़ा दिया है। यानी सेबी को कुल 5 महीने का समय मिल चुका है।
19 मई को कमेटी सार्वजनिक कर चुकी है रिपोर्ट
सुप्रीम कोर्ट की कमेटी अडाणी-हिंडनबर्ग मामले की जांच रिपोर्ट 19 मई 2023 को सार्वजनिक कर चुकी है। कमेटी ने कहा था कि अडाणी के शेयरों की कीमत में कथित हेरफेर के पीछे सेबी की नाकामी थी, अभी इस नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सकता। कमेटी ने ये भी कहा था कि ग्रुप की कंपनियों में विदेशी फंडिंग पर सेबी की जांच बेनतीजा रही है।
साभार : दैनिक भास्कर
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