हैदराबाद. आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर सभी दल चुनाव प्रचार में जोर-शोर से जुट गए हैं। इस बीच, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) और कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव अपने बेटे केटी रामा राव को अगला मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं, जबकि कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी अपने बेटे राहुल गांधी को अगला प्रधानमंत्री बनाना चाहती हैं। तीन नवंबर को राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सूर्यापेट में एक रैली को संबोधित करते हुए शाह ने कहा, तेलंगाना में भाजपा का विरोध करने वाली दो पार्टियां केसीआर की टीआरएस और सोनिया गांधी की कांग्रेस हैं। ये दोनों ही तेलंगाना का कल्याण नहीं चाहती हैं। जहां केसीआर चाहते हैं कि केटीआर मुख्यमंत्री बनें, वहीं सोनिया चाहती हैं कि राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनें।
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा, जहां भाजपा का लक्ष्य (गरीबों का) कल्याण है, वहीं केसीआर की पार्टी और कांग्रेस का लक्ष्य परिवार कल्याण (परिवार का कल्याण) है। तेलंगाना की पिछड़ी जाति के मतदाताओं को लुभाने के लिए शाह ने शुक्रवार को घोषणा की कि अगर पार्टी सत्ता में आती है तो वह पिछड़ी जाति से एक मुख्यमंत्री बनाएंगे। उन्होंने कहा, पीएम (नरेंद्र) मोदी ने पिछड़े वर्गों को संवैधानिक सुरक्षा प्रदान की है। विधानसभा चुनाव में हमें वोट दें। हमने तय किया है कि तेलंगाना में भाजपा का अगला मुख्यमंत्री पिछड़े वर्ग से होगा। शाह ने भरोसा जताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केवल भाजपा ही तेलंगाना का विकास कर सकती है। उन्होंने कहा, न तो टीआरएस (तेलंगाना राष्ट्र समिति, जिसे अब भारत राष्ट्र समिति के नाम से जाना जाता है) और न ही कांग्रेस तेलंगाना का विकास कर सकती है। केवल भाजपा ही पीएम मोदी के नेतृत्व में तेलंगाना का विकास कर सकती है। राज्य में टीआरएस और कांग्रेस शीर्ष दावेदार हैं।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री पर हमला जारी रखते हुए शाह ने उन्हें नवगठित राज्य में सत्ता में आने से पहले पिछड़े वर्गों से किए गए वादों की याद दिलाई। उन्होंने कहा, टीआरएस गरीबों, दलितों और पिछड़े वर्गों की विरोधी पार्टी है। उन्होंने सत्ता में आने पर दलित के बेटे को मुख्यमंत्री बनाने का वादा किया था। मैं चंद्रशेखर राव से उनके वादे के बारे में पूछना चाहता हूं। 2014 में केसीआर ने दलितों को तीन एकड़ जमीन देने का वादा किया था। क्या हुआ तेरा वादा?
भाजपा केसीआर के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति को सत्ता से हाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है। पार्टी ने 52 उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची जारी की है, जिसमें तीन मौजूदा सांसदों सोयम बापू राव, अरविंद धर्मपुरी और बंडी संजय को बोथ, कोराटला और करीमनगर से मैदान में उतारा है। तेलंगाना में विधानसभा चुनाव तीस नवंबर को होंगे और वोटो की गिनती तीन दिसंबर को होगी। तेलंगाना में बीआरएस, कांग्रेस और बीजेपी के बीच एक दिलचस्प त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है। 2018 के पिछले विधानसभा चुनावों में बीआरएस ने 119 सीटों में से 88 सीटें जीतीं थीं और कुल वोट शेयर का 47.4 फीसदी हासिल किया था। कांग्रेस 19 सीटों और 28.7 प्रतिशत वोट शेयर के साथ दूसरे स्थान पर रही।
साभार : अमर उजाला
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