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आईएसओ सीओपीओएलसीओ की 44वीं पूर्ण बैठक सफल बहुपक्षीय भागीदारी की साक्षी बनी

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नई दिल्ली (मा.स.स.). भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा चार दिवसीय 44वें आईएसओ सीओपीओएलसीओ प्लेनरी का समापन नई दिल्ली में उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव सुनिधि खरे के मुख्य भाषण के साथ समापन हुआ। इस अवसर पर अतिरिक्त महानिदेशक, बीआईएस सुममता उपाध्याय लाल, भारतीय प्रबंधन संस्थान, नागपुर में निदेशक और मैनेजमेंट एंड सिस्टम्स डिवीजन काउंसिल, बीआईएस के चेयरमैन प्रो. बी. मेत्री और आईएसओ एवं सदस्य देशों के अधिकारी और प्रतिनिधि उपस्थित रहे। कार्यक्रम में बीआईएस के वरिष्ठ अधिकारी, वैज्ञानिक और कर्मचारियों ने भी भाग लिया।

अपने मुख्य संबोधन में, सुनिधि खरे ने कहा, “हमने हाल के वर्षों के दौरान उपभोक्ता संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय सुधार किया है। साथ ही, ऐसे मामलों के तेजी से समाधान में मदद के लिए मजबूत उपभोक्ता शिकायत निवारण प्रणाली विकसित की गई है।” मानकीकरण में स्थिरता को मुख्य विचार के रूप में रखने की आवश्यकता पर जोर देते हुए, उन्होंने कहा, “विनिर्माताओं को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उत्पादों को टिकाऊ मानकों पर तैयार किया जाए, जिससे वे ई-कचरे को कम करने की प्रक्रिया में भागीदार भी हो सकें।” सुममता उपाध्याय लाल ने बीआईएस की गतिविधियों और पहलों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “बीआईएस ने मानक मंथन, क्वालिटी कनेक्ट आदि कई पहल की हैं, जिनका उद्देश्य मानकीकरण में उपभोक्ताओं के जुड़ाव को बढ़ाना है।”

सुसैडी डेंटन ने उपभोक्ता संरक्षण के लिए मानकों के मूल्य के बारे में उपभोक्ता हितधारकों के बीच जागरूकता बढ़ाने और विश्वसनीय और मजबूत मानकों को विकसित करने के लिए उपभोक्ताओं को जोड़ने और शामिल करने के उद्देश्य से जारी जुड़ाव और प्रतिबद्धता के लिए सभी सदस्य देशों की सराहना की। इससे उपभोक्ताओं को होने वाले नुकसान के जोखिम को न्यूनतम करने के उद्देश्य से अच्छी परम्पराएं स्थापित होती हैं और साथ ही, वास्तविक लोगों के सामने आने वाली वास्तविक समस्याओं का समाधान होता है।

समापन समारोह में शामिल होने वाले आईएसओ अधिकारियों ने कहा कि 44वें सीओपीओएलसीओ प्लेनरी ने गहन चर्चाओं और टिकाऊ विकल्प बनाने एवं सर्कुलर अर्थव्यवस्था के विकास को बढ़ावा देने में उपभोक्ताओं के सामने आने वाली चुनौतियों के राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय अनुभवों के आदान-प्रदान के माध्यम से, एक टिकाऊ भविष्य के लिए उपभोक्ताओं को सशक्त बनाने के अपने उद्देश्यों को सफलतापूर्वक हासिल किया है। अधिकारियों ने यह भी बताया कि आईएसओ ने अपने मानक कार्यक्रम में संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों के उद्देश्यों को शामिल करने और अपने मानकों और नीतिगत कार्यों में जलवायु परिवर्तन से सबसे अधिक प्रभावित कमजोर हितधारकों को आवाज देने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है।

आईएसओ सचिवालय ने भी कहा, “आईएसओ की तरफ से हम आईएसओ/सीओपीओएलसीओ की 44वीं बैठक की मेजबानी करने और समाज और अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण भागीदार के रूप में उपभोक्ता के महत्व को बनाए रखने में उनके आतिथ्य और समर्थन के लिए भारतीय मानक ब्यूरो और भारत सरकार के प्रति अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त करते हैं। हमें दुनिया भर के 40 से अधिक सदस्यों और संपर्क संगठनों के प्रतिनिधियों और 21 भारतीय उपभोक्ता संगठनों के साथ व्यक्तिगत रूप से और ऑनलाइन संवाद करके बहुत खुशी हुई।”

उल्लेखनीय है कि इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन फॉर स्टैंडर्डाइजेशन (आईएसओ) कमेटी ऑन कंज्यूमर पॉलिसी (सीओपीओएलसीओ) की पूर्ण बैठक उपभोक्ता जुड़ाव के क्षेत्र से जुड़े बहुपक्षीय संगठन का प्रमुख वार्षिक कार्यक्रम है। आईएसओ में 168 देश सदस्य के रूप में हैं और यह मानकीकरण की प्रक्रिया को मजबूत करने और दुनिया भर में उपभोक्ता भागीदारी बढ़ाने के उद्देश्य से हितधारक समूहों, समितियों और समुदायों की संवेदनशील बैठकों की एक श्रृंखला आयोजित करता है।

प्रतिभागियों और प्रतिनिधियों के मुताबिक, लोगों पर केंद्रित दृष्टिकोण और “उपभोक्ता जुड़ाव के लिए चुनौतियों और अच्छी परम्पराओं”; टिकाऊ भविष्य के लिए उपभोक्ता सशक्तिकरण; उपभोक्ता सुरक्षा और कानूनी तंत्र जैसी विषय वस्तुओं ने इस साल की पूर्ण बैठक को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण बना दिया है। सम्मेलन में कार्यशालाएं और मंत्रियों और दुनिया भर के प्रतिष्ठित व्यक्तियों सहित प्रख्यात वक्ताओं द्वारा दिए गए संबोधन भी शामिल थे। इस कार्यक्रम में उपभोक्ता जुड़ाव से संबंधित मामलों पर पैनल चर्चा भी हुई।

आईएसओ के अधिकारियों के अनुसार, 1947 में स्थापना के बाद से इसके संस्थापक सदस्यों में से एक होने के नाते, आईएसओ भारत को जीवन को आसान, सुरक्षित और बेहतर बनाने में अपने विजन को आगे बढ़ाने में एक बहुत ही महत्वपूर्ण भागीदार मानता है। इस पूर्ण सत्र में उपभोक्ता मामलों से संबंधित विभिन्न विषयों पर संवाद सत्र, कार्यशालाएं और इंटरैक्टिव सत्र भी आयोजित किए गए। कार्यशालाओं के दौरान, विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों के समूह बनाए गए जहां उन्होंने विचारों, सूचनाओं, अनुभवों आदि का आदान-प्रदान किया।

चार दिवसीय कार्यक्रम में न केवल भारत सरकार और व्यावसायिक क्षेत्रों के प्रमुखों बल्कि प्रतिष्ठित वैश्विक हितधारकों के अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल की विशिष्ट उपस्थिति दर्ज की गई। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण और वस्‍त्र मंत्री पीयूष गोयल ने कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र के दौरान अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों, अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय उपभोक्ता कल्याण संगठनों के प्रतिनिधियों के समूह को संबोधित किया। केंद्रीय मंत्री के अलावा, इस कार्यक्रम में केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे, केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री सुसाध्वी निरंजन ज्योति, उपभोक्ता मामलों के विभाग में सचिव रोहित कुमार सिंह, सीओपीओएलसीओ की चेयरपर्सन सुसैडी डेंटन, आईएसओ महासचिव सर्गिओ मुजिका और आईएसओ एवं विभिन्न देशों के मानक संगठनों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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