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शिक्षक संघ ने हिन्दू त्यौहारों पर छुटियाँ कम करने का किया विरोध

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पटना. बिहार मे पिछले कुछ दिनों से शिक्षा विभाग काफी सुर्खियों मे बना हुआ है। कभी निरीक्षण के नाम पर तो कभी परीक्षा आदि के नाम पर। फिलहाल शिक्षा विभाग की ओर से स्कूलों में छुट्टियां को लेकर के 2024 का कैलेंडर जारी किया गया है। जिसमें अगले साल स्कूलों में रक्षाबंधन, मकर सक्रांति तीज, जिउतिया, गांधी जयंती की छुट्टी भी खत्म कर दी गई है। वहीं अब इस फैसले का शिक्षक संघ ने भी विरोध करना शुरू कर दिया है।

क्या बोले शिक्षक नेता

शिक्षक नेता अमित विक्रम ने कहा की शिक्षा विभाग द्वारा जो छुट्टियों को लेकर 2024 का कैलेंडर जारी किया गया है। यह बिल्कुल ही शिक्षकों को स्वीकार नहीं है। ऐसा इतिहास में पहली बार हो रहा है कि शिक्षकों को गर्मी छुट्टी से वंचित किया जा रहा है। होली, दुर्गा पूजा, दिवाली, दशहरा और छठ पूजा की छुट्टियों में भारी कटौती की गई है। तीज, जितिया जैसे महत्वपूर्ण त्यौहार की छुट्टियां रद्द कर दी गई है। जिस दिन हमारी महिला शिक्षिकाएं निर्जला व्रत रखती हैं।

शिक्षा विभाग ने इससे पहले भी छुट्टियां रद्द करने का आदेश निकाला था। तमाम शिक्षक संघ और शिक्षकों ने उसका विरोध किया था जिसके बाद आदेश वापस लिया गया था। अभी हम सरकार से मांग करते हैं कि जल्द से जल्द इस तुगलकी की आदेश को वापस ले। जो भी पदाधिकारी विभाग में बैठकर इस तरीके का आदेश निकलते हैं। उनको भी जल्द से जल्द विभाग से बाहर का रास्ता दिखाया जाए।

प्रताड़ित हो रहे हैं शिक्षक

अमित विक्रम ने आगे कहा कि इस तरीके का आदेश निकाल करके सरकार शिक्षकों को प्रताड़ित करने का काम कर रही है। उनका जो वातावरण है विद्यालयों में वह खराब करना चाहते हैं। ताकि वह मन लगाकर बच्चों को पढ़ा ना सके। मैं मांग करता हूं कि जल्द से जल्द ही सदेश को वापस लिया जाए और जैसे पहले की तरह छुट्टियां शिक्षकों को मिलती थी उसी तरीके से दिया जाए।

परिवर्तनकारी माध्यमिक-उच्चतर माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अरुण क्रांति कुशवाहा कहा है कि छुट्टियों में कटौती अलोकतांत्रिक, अधार्मिक व अवैधानिक है। यह आत्मघाती कदम महागठबंधन पार्टियों को हिट विकेट करवा देगा। शिक्षक नियोजित हों अथवा नियमित, 60 दिन अवकाश और 3 दिन निरीक्षणावकाश (माध्यमिक विद्यालय) की गारंटी नियमावली देती है।

इसमें राष्ट्रीय त्योहारों, रविवारों और जयंतियों की गिनती नहीं की जाती है। इसमें किसी भी प्रकार की छेडछाड़ नाकाबिले बर्दाश्त और सरकारी पार्टियों के विरुद्ध वोट शिफ्ट करनेवाला कदम है। सरकार इस पर संज्ञान ले और वर्ष 2024 के लिए जारी अवकाश तालिका में की गयी अवकाश-कटौतियों को वापस लेकर पूर्व की भांति संशोधित तालिका जारी करे शिक्षा विभाग।

साभार : दैनिक भास्कर

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