लखनऊ. हमीरपुर जिले में मतांतरण रोकने को बनाए गए नियम कानूनों के बाद भी जिले में मामले थम नहीं रहे है। बीते तीन वर्षो में कुल छह मामले दर्ज हुए। जिनमें पांच मामले मौजूदा वर्ष के है। मतांतरण को लेकर शासन सख्त है, जिसे रोकने के लिए नए कानून भी लागू किए गए है।इसके बाद भी जिले में ऐसे मामले थम नहीं रहे है। वर्ष 2021 में मौदहा कोतवाली क्षेत्र से एक नाबालिग को बलरामपुर निवासी युवक भगा ले गए। जिन पर दुष्कर्म व पॉक्सो एक्ट के साथ मतांतरण का मुकदमा दर्ज किया गया था। इसी प्रकार 18 मई 2023 को मौदहा कस्बा निवासी एक युवती का मतांतरण कराने के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया। 19 मई 2023 को मौदहा कोतवाली में एक पीड़िता ने बहन का मतांतरण कराने का मुकदमा दर्ज कराया। 16 अगस्त 2023 को फतेहपुर जनपद के चांदपुर थाने में मतांतरण का मुकदमा दर्ज किया गया। जिसमें मौदहा कस्बे एक स्कूल से जुड़े युवक उपेंद्र निषाद को आरोपी बनाया गया।
11 लोगों पर मतांतरण व सामूहिक दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया
इसके बाद में एक मिशन स्कूल के प्रधानाचार्य अभिनवदास को भी आरोपी बनाया गया, जिसके बाद में आरोपी की बेल हो गई। चार नवंबर को बिवांर थानाक्षेत्र के एक गांव निवासी युवती ने शुआट्स प्रयागराज से जुड़े 11 लोगों पर मतांतरण व सामूहिक दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया। छठवां मामला मंगलवार रात सदर कोतवाली में मौदहा में तैनात नायब तहसीलदार समेत अन्य पर दर्ज कराया गया।
आरोपी नायब तहसीलदार के खिलाफ विभागीय जांच
नायब तहसीलदार द्वारा नियम विरुद्ध ढंग से धर्म परिवर्तन कर बिना तलाक दिए दूसरी शादी करने के मामले में जांच शुरू हो गई है। अपर जिलाधिकारी अरुण कुमार मिश्रा ने बताया कि जांच रिपोर्ट आने पर उसे राजस्व परिषद भेजा जाएगा। जहां से कार्रवाई की जाएगी।
रागौल स्थित मस्जिद में रविवार तड़के कराया गया निकाह
पुलिस सूत्रों के अनुसार जांच में रागौल स्थित एक मस्जिद में रविवार तड़के निकाह कराए जाने की बात सामने आई है। जिसमें शामिल मुस्लिम महिला के मौसा व मौलाना को पुलिस ने आधी रात हिरासत में ले लिया।
खंगाला जा रहा निकाह कराने वाले मौलवियों का रजिस्टर
नायब तहसीलदार का मामला चर्चा का विषय बना है। जिसमें प्रशासन व पुलिस विभाग अपनी जांच में जुटा है। पुलिस निकाह कराने वाले मौलवियों का रजिस्टर खंगाल रही है। पुलिस मामले में शामिल एक और मौलाना की तलाश कर रही है।
हिरासत दौरान प्रेमिका को बचाने की फरियाद
पुलिस हिरासत के दौरान नायब तहसीलदार के मोबाइल पर प्रेमिका का फोन घनघनाता रहा, लेकिन पुलिस ने बात नहीं करने दी। पूछताछ के दौरान वह पुलिस से प्रेमिका के बचाने की गुहार लगाता रहा।
बवाल से बचने को सदर कोतवाली में की गई कार्रवाई
पूरा मामला मौदहा कोतवाली क्षेत्र का है, लेकिन नायब तहसीलदार की पत्नी के आने के बाद कार्रवाई सदर कोतवाली में की गई। इसके पीछे किसी प्रकार के बवाल से बचने का कारण बताया जा रहा है।
साभार : अमर उजाला
भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं