नई दिल्ली. चीन द्वारा हालिया जारी किए गए अपने आधिकारिक नक्शे में अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन को अपना हिस्सा दिखाए जाने पर भारत में नाराजगी है। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन के दावे को खारिज करते हुए कहा कि यह नई बात नहीं है और इससे कुछ नहीं बदलने वाला। अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने भी विदेश मंत्री के बयान का समर्थन किया है लेकिन सवाल भी उठाया है कि अगर चीन ऐसा कर रहा है तो हम क्यों नहीं कर सकते? थरूर ने कहा कि भारत को भी वन चाइना पॉलिसी को समर्थन देना बंद कर देना चाहिए।
शशि थरूर ने दिए अहम सुझाव
थरूर ने कहा कि ‘चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा दिखाने पर भारत ने विरोध किया है। डॉ. जयशंकर सही कह रहे हैं कि यह चीन की पुरानी आदत है। उसकी ये भी आदत है कि वह हमारे विरोध प्रदर्शन को नजरअंदाज करता है तो क्या हमें इस बात को यहीं छोड़ देना चाहिए?’ थरूर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि ‘क्या हम अपनी नाराजगी दिखाने के लिए कुछ नहीं कर सकते? क्यों ना हमें भी चीनी पासपोर्ट धारक तिब्बत के लोगों के लिए भी स्टेपल वीजा जारी करने शुरू कर देने चाहिए? साथ ही हमें वन चाइना पॉलिसी को समर्थन देना भी बंद कर देना चाहिए।’
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कही थी ये बात
बता दें कि जब चीन के विवादित नक्शे को लेकर भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस.जयशंकर से सवाल किया गया था तो उन्होंने कहा कि इसमें कुछ भी नया नहीं है। यह चीन की पुरानी आदत है। इसकी शुरुआत 1950 से ही हो गई थी। सिर्फ अपने नक्शे में उन क्षेत्रों को शामिल करना, जो भारत का हिस्सा हैं…मुझे लगता है कि इससे कुछ भी बदलने वाला नहीं है। विदेश मंत्री ने चीन के नए नक्शे को बेतुका बताया और कहा कि सिर्फ ऐसे बेतुके दावे करने से दूसरे लोगों की जमीन आपकी नहीं हो जाएगी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, विदेश मंत्री ने कहा कि हम इसे लेकर साफ हैं कि हमारे क्षेत्र क्या हैं। यह सरकार इसे लेकर भी साफ सोच रखती है कि अपने क्षेत्रों की सुरक्षा के लिए हमें क्या करना चाहिए। आप हमारी सीमाओं पर इसे देख भी सकते हैं और इसमें कोई शक नहीं होना चाहिए।
साभार : अमर उजाला
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