मुंबई. विपक्ष के कुछ नेताओं ने एक बार फिर केंद्र सरकार और बीजेपी पर जासूसी के गंभीर आरोप लगाए हैं। विपक्षी नेता टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा, शिव सेना (यूबीटी) की प्रियंका चतुर्वेदी और कांग्रेस नेता शशि थरूर और पवन खेड़ा ने अपने पर आए वार्निंग मैसेज के स्क्रीनशॉट्स शेयर किए। ऐसे में नेताओं की ओर से शेयर किए गए एप्पल अलर्ट नोटिफिकेशन पर एप्पल कंपनी का बड़ा बयान आया है। नेताओं की तरफ से किए जा रहे जासूसी के दावों पर एप्पल कंपनी ने कहा कि वो हैकिंग के खतरे को लेकर चेतावनी की प्रक्रिया के बारे में नहीं बता सकता है।
दरअसल, कांग्रेस नेताओं- शशि थरूर, केसी वेणुगोपाल, पवन खेड़ा समेत तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा, शिवसेना (UBT) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी, AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी समेत कई नेताओं ने स्क्रीनशॉट्स शेयर करते हुए दावा किया कि उनकी मोबाइल कंपनी (एप्पल ) ने उन्हें वॉर्निंग मैसेज भेजा है।, जिसमें राज्य-प्रायोजित हमले (स्टेट-स्पॉन्सर्ड अटैक्स) का दावा किया गया। इतना ही नहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी दावा करते हुए बताया कि उनके ऑफिस में सभी लोगों को एप्पल यह नोटिफिकेशन मिला है। जिसके बाद अब इस पूरे मामले में मोबाइल कंपनी एप्पल की प्रतिक्रिया सामने आई है।
“अलर्ट कभी-कभी गलत भी हो सकते हैं” देश में कुछ विपक्षी नेताओं द्वारा कथित तौर पर फोन पर ‘राज्य-प्रायोजित’ हमले पर एप्पल कंपनी ने कहा कि “Apple किसी विशिष्ट राज्य-प्रायोजित हमलावर को खतरे की सूचनाओं का श्रेय नहीं देता है। उनके हमले समय के साथ विकसित होते हैं। ऐसे हमलों का पता लगाना खतरे के खुफिया संकेतों पर निर्भर करता है जो अक्सर गलत भी हो सकते हैं। यह संभव है कि कुछ Apple वार्निंग की सूचनाएं गलत अलार्म हो सकती हैं। कंपनी ने आगे कहा कि हम इस बारे में जानकारी देने में असमर्थ हैं कि किस कारण से हमें खतरे की सूचनाएं जारी करनी पड़ रही हैं, क्योंकि इससे राज्य-प्रायोजित हमलावर भविष्य में सचेत हो जाएंगे।
साभार : वन इंडिया
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