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पेरिस ओलंपिक में स्वप्निल कुसाले ने भारत को दिलाया तीसरा ब्रॉन्ज मेडल

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नई दिल्ली. स्वप्निल कुसाले ने पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत को तीसरा ब्रॉन्ज मेडल जिताया। स्वप्निल कुसाले ने 50 माटर राइफल 3 पोजीशन में यह पदक अपने नाम किया। इस दौरान स्वप्निल कुसाले ने इतिहास रचा। वह 50 मीटर राइफल 3 पोजीशन में मेडल जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने। फाइनल में उन्होंने 451.4 प्वाइंट्स के साथ ब्रॉन्ज मेडल को अपने नाम किया। चीन के लियु युकान ने 463.6 प्वाइंट के साथ गोल्ड जीता, जबकि युक्रेन के शूटर शेरी कुलिश ने 461.3 अंक के साथ सिल्वर मेडल अपने नाम किया।

दरअसल, पेरिस ओलंपिक 2024 में शूटर मनु भाकर ने 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर भारत के पदक का खाता खोला। इसके बाद मनु भाकर ने सरबजोत सिंह के साथ मिलकर 10 मीटर मिक्स्ड टीम इवेंट में कांस्य पदक अपने नाम किया। मनु भाकर का पेरिस ओलंपिक में यह दूसरा मेडल रहा। वहीं, आज स्वप्निल कुसाले ने 50 मीटर पुरुष राइफल 3 पोजीशन में कांस्य पदक जीता। उन्होंने ओलंपिक डेब्यू में पदक अपने नाम कर इतिहास रचा। वहीं, पहली बार ओलंपिक के किसी एक संस्करण में ही एक खेल में तीन मेडल भारत ने जीते हैं। स्वप्निल ने ब्रॉन्ज जीतकर भारत को पेरिस में ऐतिहासिक जीत दिलाई।

MS Dhoni को आदर्श मानते हैं स्वप्निल कुसाले

स्वप्निल भारत के पूर्व कप्तान एमएस धोनी को अपना आदर्श मानते हैं। उन्होंने खुद बताया कि वह शूटिंग में किसी विशेष एथलीट को फॉलो नहीं करते। शूटिंग से बाहरी दुनिया में वह धोनी को आदर्श मानते हैं। जैसे धोनी क्रिकेट के मैदान पर शांत रहते हैं, वैसे ही स्वप्निल भी इस खेल में शांत और धैर्यपूर्ण स्वभाव से खेलते हैं। उन्होंने कहा था कि मैं खुद कि कहानी धोनी से जोड़ पाता हूं, क्योंकि मैं भी उनकी तरह टिकट कलेक्टर के रूप में काम करता हूं। अगर बात करें स्वप्निल कुसाले के परिवार (Swapnil Kusale Family) की तो पेशे से उनके पिता शिक्षक हैं और उनकी मां अनीता कंबलवाड़ी गांव की सरपंच हैं।

साभार : दैनिक जागरण

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