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बोकारो में सुरक्षाबलों ने 1 करोड़ के इनामी सहित 8 नक्सलियों को किया ढेर

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रांची. बोकारो जिले के लुगु पहाड़ पर सोमवार की सुबह सुरक्षा बलों से मुठभेड़ में एक करोड़ के इनामी नक्सली प्रयाग मांझी उर्फ विवेक सहित आठ माओवादी मारे गए हैं। मारे गए नक्सलियों में तीन की पहचान हो चुकी है।

तीन की हुई पहचान

जिनकी पहचान हुई है, उनमें माओवादियों का सेंट्रल कमेटी सदस्य सह एक करोड़ का इनामी प्रयाग मांझी उर्फ विवेक, स्पेशल एरिया कमेटी सदस्य अरविंद यादव व जोनल कमेटी सदस्य सह दस लाख रुपये का इनामी साहब राम मांझी शामिल हैं। अरविंद यादव उर्फ अविनाश मूल रूप से बिहार के जमुई जिले के सोनू थाना क्षेत्र के ढेलगा, मोहनपुर का रहने वाला था और झारखंड में सक्रिय था। उसपर इनाम की घोषणा अभी नहीं हुई थी। उसके रैंक के अनुसार उसपर 25 लाख रुपये का इनाम रखा जाना था। वर्तमान में अरविंद यादव पर बिहार में तीन लाख का इनाम है। शेष पांच नक्सलियों के शव की पहचान की कोशिश चल रही है।

हथियार भी हुए बरामद

सुरक्षा बलों का अभियान जारी है। अब तक सर्च अभियान में मारे गए नक्सलियों के पास से चार इंसास राइफल, एक एसएलआर व एक रिवाल्वर की बरामदगी हुई है। प्रयाग मांझी का पूरा नाम प्रयाग मांझी उर्फ विवेक उर्फ फुचना उर्फ नागो मांझी उर्फ करण उर्फ लेतरा है। वह धनबाद के टुंडी थाना क्षेत्र के दलुबुढ़ा का रहने वाला था। वह टेरर फंडिंग के मामले में एनआइए का भी वांटेड था। डीजीपी ने कहा कि अभियान में शामिल जवानों में इनाम के एक करोड़ रुपये बंटेंगे।

सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ के बाद गृह मंत्रालय ने ट्वीट कर लिखा कि ‘नक्सलवाद को खत्म करने की हमारी मुहिम निरंतर जारी है। आज सुरक्षा बलों को नक्सलवाद को जड़ से उखाड़ने के लिए चल रहे अभियान में एक और बड़ी सफलता मिली। झारखंड के बोकारो में लुगु हिल्स में मुठभेड़ में 8 माओवादी मारे गए, जिनमें एक शीर्ष स्तर का नक्सली नेता विवेक, जिस पर 1 करोड़ रुपये का इनाम था, और दो अन्य कुख्यात नक्सली शामिल हैं। ऑपरेशन जारी है। हमारे सुरक्षा बलों की सराहना करें।’

डीजीपी ने की प्रेस कांफ्रेंस

डीजीपी अनुराग गुप्ता ने पुलिस मुख्यालय में सोमवार की दोपहर प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि गुप्त सूचना मिली थी कि माओवादियों का सेंट्रल कमेटी सदस्य प्रयाग मांझी उर्फ विवेक व केंद्रीय कमेटी सदस्य सहदेव सोरेन तथा अन्य 20-25 नक्सलियों का सशस्त्र दस्ता लुगु पहाड़ पर मौजूद है।

बड़ी घटना को अंजाम देने की बना रहे थे योजना

ये किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की योजना बना रहे हैं। इसी सूचना पर संयुक्त बलों की एक टीम बनाई गई। टीम में 209 कोबरा बटालियन, बोकारो पुलिस, झारखंड जगुआर व सीआरपीएफ के जवानों को शामिल किया गया। अभियान का नाम दिया गया था ‘ऑपरेशन डाकाबेड़ा’। यह अभियान बोकारो जिले के लुगु पहाड़ इलाके में चलाया गया। सोमवार की सुबह करीब साढ़े पांच बजे माओवादियों के दस्ते के साथ सुरक्षा बलों की कई बार मुठभेड़ हुई। अभियान अभी जारी है। इस अभियान के दौरान अब तक नक्सलियों के आठ शव बरामद हुए हैं। इनमें से तीन की पहचान हो चुकी है, पांच की शिनाख्त की कोशिश चल रही है। मौके से भारी मात्रा में हथियार व दैनिक उपयोग की सामग्री बरामद किए गए हैं।

डीजीपी ने कहा, बचे हुए नक्सली आत्मसमर्पण करें नहीं उनका भी हाल यही होगा

डीजीपी ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि जो भी बचे हुए नक्सली हैं, वे आत्मसमर्पण करें नहीं तो उनका भी हाल यही होगा। उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों ने माओवादियों के गढ़ में घुसकर आठ माओवादियों को मारा है। इस पूरे अभियान का श्रेय जेजे, जिला पुलिस व सीआरपीएफ को जाता है। अभियान डेढ़-दो घंटे तक चला। यह मुठभेड़ माओवादियों के मुख्य समूह के साथ हुआ है। सुरक्षा बलों की मुख्य स्ट्राइक फोर्स कोबरा थी। झारखंड पुलिस ने जो वादा किया था, उसे पूरा किया। पुलिस ने वादा किया था कि सभी शहीद जवानों का बदला लेंगे और नक्सलियों को झारखंड से उखाड़ फेंकेंगे। यह बड़ी सफलता मिली है।

पुलिस के पास बचे हुए सभी नक्सलियों के पल-पल की जानकारी

डीजीपी अनुराग गुप्ता ने कहा कि झारखंड पुलिस को राज्य के बचे हुए सभी नक्सलियों की जानकारी है, कोई बचेगा नहीं। बचे खुचे नक्सली या चाईबासा के सारंडा के जो नक्सली हैं उनसे डीजीपी ने अपील की है और चेतावनी दी है कि अगर उन्हें अपनी जान प्यारी है तो वे आत्मसमर्पण करें। झारखंड पुलिस की खूबसूरत आत्मसमर्पण नीति है, उसके तहत वे सरेंडर करें। उन्हें नियमित जेल में नहीं, बल्कि उनके लिए एक अलग स्पेशल जेल है। रिवार्ड की राशि उन्हें ही मिलती है। शिक्षा, आवास सहित उन्हें अनेक सुविधाएं मिलती है। यह मुठभेड़ उन्हें चेतावनी भी है और सुझाव भी है। डीजीपी ने अब चाईबासा के सारंडा में अभियान को और तेज करने की बात कही है। जवान वहां चप्पे-चप्पे पर तैनात होंगे। बरसात तक नक्सलियों की समाप्ति की तैयारी है।

राज्य में अब भी चार सेंट्रल कमेटी व पोलित ब्यूरो सदस्य मौजूद

डीजीपी ने कहा कि राज्य में अब भी चार पोलित ब्यूरो सदस्य, सेंट्रल कमेटी सदस्य मौजूद हैं। इनमें पोलित ब्यूरो सदस्य मिसिर बेसरा, सेंट्रल कमेटी सदस्य असीम मंडल व अनल उर्फ तूफान शामिल हैं। माओवादियों की उत्तरी छोटानागपुर टीम प्रयाग मांझी के बाद दूसरे नंबर पर स्पेशल एरिया कमेटी सदस्य सह 25 लाख रुपये का इनामी प्रवेश उर्फ अमलेश उर्फ अनुज उर्फ सहदेव सोरेन है जो इस मुठभेड़ में बच निकला है। वह भी एक करोड़ के इनामी सेंट्रल कमेटी सदस्य के रूप में कार्यरत है। उसपर भी इनाम की राशि एक करोड़ करने का प्रस्ताव है।

साभार : दैनिक जागरण

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