कोलकाता. भूपतिनगर मामले में एनआईए अधिकारियों को कलकत्ता हाई कोर्ट ने बुधवार को राहत दे दी। भूपतिनगर कांड में एनआईए अफसरों के खिलाफ दर्ज मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट ने पुलिस की किसी भी सख्त कार्रवाई पर रोक लगा दी है।
हाई कोर्ट ने निर्देश दिया है कि पुलिस निचली अदालत में अपनी रिपोर्ट दाखिल नहीं करेगी, लेकिन जांच जारी रहेगी। जांच की प्रगति रिपोर्ट पुलिस को हाई कोर्ट को देनी होगी। भूपतिनगर के दो मामलों में केस डायरी जमा करने का भी निर्देश दिया गया है। दिसंबर 2022 में भूपतिनगर के नादुविला गांव के राजकुमार मन्ना के दो मंजिला मकान में विस्फोट हुआ था और तीन लोगों की जान चली गई। हाई कोर्ट के आदेश पर एनआईए घटना की जांच कर रही है।
क्या है पूरा मामला?
केंद्रीय जांच एजेंसी के अधिकारी शनिवार को भूपतिनगर ब्लास्ट मामले की जांच के लिए पूर्व मेदिनीपुर के नादुविला गांव गए थे। संदेशखाली में ईडी अधिकारियों की तरह भूपतिनगर में भी तलाशी के दौरान एनआईए अधिकारियों पर हमला किया गया। कथित तौर पर ग्रामीणों के एक वर्ग ने एनआईए अधिकारियों पर हमला किया। कार में भी तोड़फोड़ की गई। बदले में गिरफ्तार तृणमूल नेता मनोब्रत जाना की पत्नी ने एनआईए के खिलाफ थाने में छेड़छाड़ की शिकायत दर्ज कराई।
गिरफ्तार तृणमूल नेता मनोब्रत जाना के परिवार ने भूपतिनगर थाने में एनआईए अधिकारियों के खिलाफ छेड़छाड़ की शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर घटना की जांच शुरू कर दी। जिसके बाद एनआईए ने एक बयान जारी कर दावा किया कि सभी आरोप झूठे हैं। एनआईए की छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है।
बयान में कहा गया है कि एनआईए हाई कोर्ट के निर्देशानुसार, भूपतिनगर विस्फोटों की जांच कर रही है। कानून के अनुसार कार्रवाई की गई। एजेंसी के अधिकारियों पर शनिवार को नादुविला गांव में बिना उकसावे के अप्रत्याशित रूप से हमला किया गया। उनके काम में बाधा डालने की कोशिश की गई। तटस्थ व्यक्तियों की उपस्थिति में पांच स्थानों पर तलाशी ली गई। फिर जब गिरफ्तार मनोब्रत जाना को स्थानीय थाने में ले जाया जा रहा था, तो हमले में एक अधिकारी घायल हो गया। एनआईए ने इस घटना की स्थानीय थाने में शिकायत दर्ज कराई है।
NIA ने बताई पूरी कहानी
एनआईए की ओर से दावा किया गया कि तलाशी शुरू होने से पहले एनआईए के अधिकारी अधिकृत थाने पहुंचे थे। पुलिस बल को ड्यूटी अधिकारी से पूछें। इसके बाद पांच ठिकानों पर तलाशी शुरू हुई। एनआईए सुबह साढ़े चार बजे से पहले ही थाने पहुंच गई थी। तलाशी के लिए सीआरपीएफ के लगभग 30 जवानों को तैनात किया गया था। छह टीमें बैक अप में थीं। केंद्रीय बल भी तैनात किया गया था। इस ऑपरेशन के लिए कुल आठ गाड़ियां थीं। उपद्रव शुरू होने के बाद मौके पर फोर्स बुला ली गई। जब हमला सुबह करीब साढ़े छह बजे हुआ, तो एनआईए ने थाने को काफी पहले ही सूचित कर दिया था कि वे तलाशी लेने जा रहे हैं।
साभार : दैनिक जागरण
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