ढाका. बांग्लादेश में छात्र आंदोलन के दौरान हिंदू व अन्य अल्पसंख्यक समुदायों, राजनीतिक दलों व पुलिसकर्मियों के नरसंहार का आरोप लगाते हुए अवामी लीग के एक नेता ने अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय में शिकायत दर्ज कराई है। अवामी लीग के नेता व सिलहट के पूर्व मेयर अनवरुज्जमां चौधरी ने अपनी शिकायत में यूनुस के अलावा उनकी कैबिनेट के सभी सदस्यों समेत 61 अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया है। अवामी लीग के फेसबुक पेज के जरिये साझा किए गए एक वीडियो संदेश में अनवरुज्जमां चौधरी ने कहा, 5 से 8 अगस्त तक बांग्लादेश में छात्र आंदोलन के नाम पर अवामी लीग व इसके विभिन्न सहयोगियों के सभी नेता तथा कार्यकर्ता, देश में रहने वाले अल्पसंख्यक हिंदू, ईसाई व बौद्ध तथा देश का पुलिस बल, क्रूर नरसंहार व मानवता के खिलाफ अपराध के शिकार हुए हैं। इस संबंध में हमने अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (आईसीसी) के समक्ष सभी तथ्य व साक्ष्य प्रस्तुत किए हैं।
आईसीसी में दर्ज कराएंगे 15 हजार शिकायतें
61 आरोपियों में यूनुस के मंत्रिमंडल के सभी सदस्य व भेदभाव विरोधी गठबंधन के छात्र नेता शामिल हैं। वीडियो संदेश के अनुसार मूल शिकायत के साथ करीब 800 पन्नों के दस्तावेज संलग्न किए गए हैं। चौधरी ने कहा कि आईसीसी में जल्द ही 15 हजार और शिकायतें दर्ज कराने के लिए व्यापक तैयारियां चल रही हैं। प्रभावित व्यक्ति एक-एक करके शिकायतें दर्ज कराएंगे।
हसीना को लेनी पड़ी थी भारत में शरण
आरक्षण विरोधी छात्र आंदोलन में 600 से अधिक लोगों की मौत के बाद पांच अगस्त को प्रधानमंत्री शेख हसीना को पद छोड़ना पड़ा था। बांग्लादेश अवामी लीग की नेता शेख हसीना को भारत में शरण लेनी पड़ी। इसके बाद नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में बांग्लादेश में अंतरिम सरकार बनी है।
अवामी लीग के प्रदर्शन के विरोध में सड़कों पर उतरे हजारों लोग
वहीं, शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग की तरफ से रविवार को घोषित प्रदर्शन के विरोध में देश के विभिन्न दलों के हजारों कार्यकर्ता शनिवार रात से ही सड़कों पर उतर गए। इनमें भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन, बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी, जमात-ए-इस्लामी व कई अन्य राजनीतिक दलों के नेता व कार्यकर्ता शामिल थे। यूनुस के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, अवामी लीग एक फासीवादी पार्टी है। इसे बांग्लादेश में विरोध-प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी जाएगी। कोई भी शेख हसीना के आदेश पर रैली, सभा या जुलूस आयोजित करने की कोशिश करेगा, उसे कानून प्रवर्तन एजेंसियों का सामना करना पड़ेगा। अंतरिम सरकार हिंसा या कानून-व्यवस्था को ध्वस्त करने के प्रयासों को बर्दाश्त नहीं करेगी।
साभार : अमर उजाला
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