लखनऊ. मेरठ में अष्टमी व नवमी पर कन्या भोज के दौरान एक मुस्लिम बच्ची को भी जिमाने के लिए बैठा लिया गया। इसका कुछ हिंदू महिलाओं ने विरोध किया। वाद-विवाद में दोनों पक्ष की महिलाओं में मारपीट हो गई। दोनों पक्ष के लोग भी आमने-सामने आ गए। इसके बाद दोनों पक्षों में पत्थर चले। सूचना पर पहुंची पुलिस ने दोनों पक्षों को खदेड़ा। दो महिलाओं को पुलिस हिरासत में लेकर थाने ले आई। बाद में उन्हें झगड़ा नहीं करने व जिम्मेदार लोगों की जिम्मेदारी पर छोड़ा गया।
जागृति विहार सेक्टर एक में एक खाली प्लाट है। इसमें दोनों ही समुदाय के लोग झुग्गी बनाकर रहते हैं। अष्टमी व नवमी पर हिंदू परिवारों में कन्या भोज किया जा रहा था। इसमें कुछ मुस्लिम बच्ची व बच्चे भी पहुंच गए। इस पर पास में बैठे हिंदू पक्ष के बच्चों के स्वजन ने एतराज जताया। मुस्लिम पक्ष की महिलाओं ने भी विरोध कर रही महिलाओं से नाराजगी जताई। हिंदू पक्ष ने इसे गलत बताते हुए बच्चों को जिमाना जारी रखा।
एक पक्ष ये भी…
दूसरी ओर, कुछ लोगों का कहना है कि कन्या भोज के दौरान बच्चों को टीका लगाने पर मुस्लिम बच्चों के स्वजन ने एतराज जताया। इस पर विवाद हुआ। दोनों पक्ष की महिलाओं में कहासुनी के बाद मारपीट हुई। फिर दोनों पक्ष के पुरुष व अन्य लोग शामिल हो गए। उनमें पथराव होने लगा। पुलिस के पहुंचने पर मामला शांत हुआ। जानकारी पर हिंदू जागरण मंच के पूर्व महानगर अध्यक्ष सचिन सिरोही ने इंस्पेक्टर मेडिकल शीलेश कुमार से बातचीत कर पथराव करने वाले दूसरे समुदाय के लोगों पर कार्रवाई की मांग की। हिंदू पक्ष का उत्पीड़न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी।
इंस्पेक्टर ने क्या बताया?
इंस्पेक्टर ने बताया कि मामला टीका लगाने का नहीं है। कन्या भोज में पुराने बच्चों को बुलाया गया था। नए पहुंचे बच्चों को शामिल नहीं किया तो उन्होंने घर जाकर शिकायत की। इस पर विवाद हुआ। कुछ लोग मुस्लिम बच्चों को कन्या भोज में बैठाने का भी विरोध कर रहे थे।
साभार : दैनिक जागरण
भारत : 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि) व/या भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं