अहमदाबाद. सूरत लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार नीलेश कुंभानी का नामांकन फॉर्म जिला निर्वाचन अधिकारी ने रद्द कर दिया है। नामांकन दाखिल करने के तीन दिन बाद शनिवार को एक हाई वोल्टेज ड्रामा चला। बीजेपी के दिनेश जोधानी ने कांग्रेस के कैंडिडेट निलेश कुम्भानी के फॉर्म में उनके तीन प्रस्तावकों के हस्ताक्षर को लेकर सवाल उठाए थे। जिसके बाद दिनेश जोधानी ने कांग्रेस उम्मीदवार निलेश कुम्भानी के तीनों प्रस्तावक के हस्ताक्षर को लेकर चुनाव अधिकारी से शिकायत की थी। वहीं, अपने साथ प्रस्तावकों को न रख पाने पर कांग्रेस कैंडिडेट निलेश कुम्भानी ने कहा, मेरी सुबह प्रस्तावकों से बात हुई थी, उन्होंने कहा था कि 9 बजे तक कलेक्टर ऑफिस आ जाएंगे, हमें उम्मीद थी वो आएंगे लेकिन अब सभी के फोन बंद है।
दरअसल, नीलेश कुंभानी के प्रस्तावक में उनके बहनोई, भांजे और भागीदार के हस्ताक्षर होने का दावा किया गया था। लेकिन तीनों प्रस्तावकों ने चुनाव अधिकारी के सामने शनिवार को एफिडेविट देकर कहा कि निलेश कुम्भानी के फॉर्म में उनके हस्ताक्षर नहीं है, जिसके बाद से तीनों प्रस्तावक गायब है। इस मामले में आज रविवार को चुनाव अधिकारी की ओर से सुनवाई की गई। हालांकि, सुनवाई के दौरान मौजूद कांग्रेस उम्मीदवार नीलेश कुंभानी के साथ झड़प हो गई। यह भी पता चला कि प्रस्तावक आज सुबह से अपना प्रस्ताव नहीं उठा रहे हैं। सुनवाई के बाद चुनाव अधिकारी ने उनका नामांकन रद्द कर दिया।
गौरतलब है कि बीजेपी प्रत्याशी मुकेश दलाल के चुनाव एजेंट दिनेश जोधानी ने फॉर्म वेरिफिकेशन के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी नीलेश कुम्भानी के फॉर्म को लेकर आपत्ति जताई थी और कहा था, “मुझे जानकारी है कि कांग्रेस प्रत्याशी के तीनों प्रस्तावक के हस्ताक्षर सही नहीं है।” इसकी जानकारी कांग्रेस प्रत्याशी के चुनाव एजेंट फिजिक कोल्डी को दी गई। इस पूरे घटनाक्रम में सुनवाई शनिवार को हुई थी। जिसके बाद कांग्रेस उम्मीदवार के फॉर्म पर प्रस्ताव के तौर पर हस्ताक्षर करने वाले जगदीश सावलिया, रमेश पोलारा और ध्रुविन धमेलिया ने चुनाव अधिकारी के सामने पेश होकर कहा कि उन्होंने फॉर्म पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं, और इसके संबंध में तीनों ने एक हलफनामा भी दाखिल किया। नतीजा ये हुआ कि पूरे मामले में हाईवोल्टेज ड्रामा मच गया।
साभार : दैनिक जागरण
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