लखनऊ. यूपी की रामपुर लोकसभा सीट (Lok Sabha Elections 2024) पर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) में पेंच फंस गया है. आज़म खान की सीट रही रामपुर में अबतक सपा ने कोई प्रत्याशी नहीं उतारा है. वहीं कल अर्थात बुधवार को नामांकन का आख़िरी दिन है. मंगलवार की शाम तक प्रत्याशी को लेकर जारी अनिश्चितता के बीच रामपुर की सपा की ज़िला इकाई ने कहा है कि अगर अखिलेश यादव ख़ुद चुनाव लड़ने नहीं आये तो वो चुनाव प्रचार का बहिष्कार करेंगे. माना जा रहा है कि अखिलेश यादव पर आजम खान ने रामपुर से चुनाव लड़ने का दबाव बनाया है जिसे अखिलेश यादव ने नहीं माना है. सूत्रों के अनुसार सपा एसटी हसन को रामपुर से चुनाव मैदान में उतार सकती है. खबरों के मुताबिक एसटी हसन का मुरादाबाद से सपा टिकट काट सकती है. उनकी जगह मुरादाबाद से रुचि वीरा को टिकट दिया जा सकता है. वहीं एसटी हसन को रामपुर भेजा जा सकता है.
क्या चुनाव का बहिष्कार करेगी समाजवादी पार्टी?
मंगलवार की शाम को रामपुर में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में सपा के जिला अध्यक्ष अजय सागर ने साफ कहा है अखिलेश यादव जी यहां से चुनाव नहीं लड़ रहे इसके बाद यह फैसला लिया गया है कि रामपुर के चुनाव का बहिष्कार समाजवादी पार्टी करेगी. जिला अध्यक्ष अजय सागर के अलावा इस पीसी में पूर्व प्रत्याशी और आजम खान के क़रीबी असीम राजा और चमरौआ के विधायक नासिर खान भी मौजूद थे. .
अमेठी और रायबरेली में कांग्रेस उम्मीदवारों को लेकर भी संशय
गांधी-नेहरू परिवार के सियासी गढ़ रहे रायबरेली और अमेठी लोकसभा क्षेत्र के लिए कांग्रेस की तरफ से गांधी परिवार के सदस्यों की उम्मीदवारी को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है. पार्टी द्वारा शनिवार को जारी की गई उत्तर प्रदेश की नौ सीट के लिए उम्मीदवारों की पहली सूची में रायबरेली और अमेठी को शामिल नहीं किया गया है. इससे इन दोनों ही लोकसभा क्षेत्रों में नेहरू-गांधी परिवार के सदस्यों के उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरने की आस लगाए कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं का इंतजार और बढ़ गया है. हालांकि कांग्रेस के उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अजय राय इस बात के लिए आश्वस्त है कि इन दोनों सीट पर नेहरू-गांधी परिवार के सदस्य ही चुनाव लड़ेंगे.
साभार : एनडीटीवी
भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं