शनिवार, अप्रैल 26 2025 | 10:12:34 AM
Breaking News
Home / अंतर्राष्ट्रीय / थाईलैंड के सदियों पुराने संबंध हमारे गहरे सांस्कृतिक और अध्यात्मिक सूत्रों से जुड़े हैं : नरेंद्र मोदी

थाईलैंड के सदियों पुराने संबंध हमारे गहरे सांस्कृतिक और अध्यात्मिक सूत्रों से जुड़े हैं : नरेंद्र मोदी

Follow us on:

बैंकाक. पीएम मोदी ने थाईलैंड में भूंकप से हुई मौतों पर गहरा दुःख जताया है। इसके साथ ही उन्होंने भारत की “एक्ट ईस्ट पॉलिसी” में बैंकाक का विशेष स्थान बताया है। पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत थाईलैंड में आए भूकंप पीड़ितों को याद करते हुए की। उन्होंने कहा कि 28 मार्च को आए भूकंप में हुई जनहानि के लिए भारत के लोगों की ओर से मैं गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं और घायल हुए लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि भारत और थाईलैंड के सदियों पुराने संबंध हमारे गहरे सांस्कृतिक और अध्यात्मिक सूत्रों से जुड़े हैं। बौद्ध धर्म के प्रसार ने हमारे जन-जन को जोड़ा है। अयोध्या से नालंदा तक विद्वानों का आदान-प्रदान हुआ है। रामायण की कथा थाई लोग के जीवन में रची बसी है। संस्कृत पाली का प्रभाव आज भी भाषाओं और परंपराओं में झलकते हैं। बैंकॉक: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “मैं थाईलैंड सरकार का आभारी हूं कि मेरी यात्रा के उपलक्ष्य में 18वीं शताब्दी रामायण म्यूरल पेंटिंग पर आधारित एक विशेष डाक टिकट जारी किया गया है। पीएम शिनावात्रा ने अभी मुझे तिपिटक की भेंट की है।”

रणनीतिक साझेदारी में बदलेंगे भारत-थाईलैंड के रिश्ते

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ” भारत की एक्ट ईस्ट’ पॉलिसी और हमारे इंडो-पैसिफिक विजन में थाईलैंड का विशेष स्थान है। आज हमने अपने संबंधों को रणनीतिक साझेदारियां का रूप देने का निर्णय लिया है। सुरक्षा एजेंसियों के बीच ‘‘रणनीतिक वार्ता’ स्थापित करने पर भी चर्चा की। साइबर क्राइम के शिकार भारतीयों को वापस भारत भेजने में थाईलैंड सरकार से मिले सहयोग के लिए हमने थाईलैंड सरकार का आभार प्रकट किया।” बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और थाईलैंड प्रधानमंत्री पैतोंगटार्न शिनावात्रा की मौजूदगी में भारत और थाईलैंड ने MoUs का आदान-प्रदान किया।

साभार : इंडिया टीवी

भारत : 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि) व/या भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

सारांश कनौजिया की पुस्तकें

ऑडियो बुक : भारत 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि)

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

तुर्किये में आया 6.2 तीव्रता का भूकंप, 1 घंटे में महसूस किये गए 3 बड़े झटके

इस्तांबुल. तुर्किये के इस्तांबुल में आज 6.2 तीव्रता का एक बड़ा भूकंप आया। इसका केंद्र …