पटना. दरभंगा जिले की गौरा बौराम विधानसभा सीट से आरजेडी प्रत्याशी अफजल अली खान को पार्टी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 6 साल के लिए सस्पेंड कर दिया है. दरअसल इस सीट पर महागठबंधन के अंदर सीटों के तालमेल के तहत वीआईपी पार्टी के हिस्से में यह सीट गई थी. वीआईपी ने इस सीट से अपने प्रमुख नेता और पार्टी संस्थापक मुकेश सहनी के भाई संतोष साहनी को उम्मीदवार बनाया है. इसके बावजूद आरजेडी के स्थानीय नेता अफजल अली खान पार्टी के फैसले से नाराज़ होकर चुनावी तैयारी में जुटे थे.
आरजेडी बार-बार समझाने की कोशिश करती रही, लेकिन अफजल अली खान पार्टी लाइन से हटकर बयान देते रहे और चुनाव प्रचार की तैयारी भी नहीं रोकी. पार्टी ने इसे अनुशासनहीनता मानते हुए तत्काल प्रभाव से उन्हें छह साल के लिए निष्कासित कर दिया.
कड़ी चेतावनी
पार्टी सूत्रों के मुताबिक आरजेडी नेतृत्व ने साफ कर दिया है कि महागठबंधन के उम्मीदवारों के खिलाफ काम करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी. बताया जा रहा है कि आरजेडी का यह कदम अन्य असंतुष्ट नेताओं के लिए भी एक कड़ा संदेश है कि गठबंधन धर्म से समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. बता दें कि गौरा बौराम सीट इस बार महागठबंधन के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई मानी जा रही है. अब देखना होगा कि आरजेडी की इस कार्रवाई के बाद गठबंधन की एकजुटता पर क्या असर पड़ता है.
पिछली बार के नतीजे
2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में गौरा बौराम सीट पर विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) की उम्मीदवार स्वर्णा सिंह ने जीत हासिल की थी. उन्हें 59,538 वोट मिले थे, जो कुल वोटों का 41.26% था. स्वर्णा सिंह ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के उम्मीदवार अफजल अली खान को हराया था, जिन्हें 52,258 वोट (36.21%) मिले थे. जीत का अंतर 7,280 वोटों का था. इसके अलावा लोजपा (LJP) के राजीव कुमार ठाकुर को 9,123 वोट (6.32%) मिले थे, जबकि अन्य निर्दलीय उम्मीदवारों को बहुत कम वोट मिले.
साभार : न्यूज18
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