नई दिल्ली. अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे 104 भारतीय स्वदेश लौट आए हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश के बाद बुधवार को अमेरिकी मिलिट्री विमान यूएस सी17 ने 104 भारतीयों के साथ पंजाब के अमृतसर में लैंड किया. प्लेन ने अमृतसर एयरपोर्ट अथॉरिटी से लैंड करने की परमिशन मांगी थी, जिसके बाद उन्हें लैंड करने की मंजूरी दी गई. 104 भारतीयों के लैंड होते ही अब यह सवाल उठने लगा है कि इनका क्या हगा. क्या इन्हें जेल भेज दिया जाएगा या फिर छोड़ दिया जाएगा. पंजाब के अमृतसर में लैंड होने वाले अमेरिकी सैन्य विमान सी-17 में 104 भारतीय सवार थे, जिनमें 79 पुरुष और 25 महिलाएं शामिल थीं. अमेरिका से आने वाले इस प्लेन में गुजरात के 33, हरियाणा के 33, पंजाब के 30, महाराष्ट्र के तीन, उत्तर प्रदेश के तीन और चंडीगढ़ के दो लोग वापस आए हैं. अमेरिकी सी-17 सैन्य विमान अवैध प्रवासियों को लेकर मंगलवार को टेक्सास से भारत के लिए रवाना हुआ थे.
क्या होगा भारत आए लोगों का?
एयरपोर्ट अथॉरिटी के मुताबिक, इन लोगों की वैरिफिकेशन की जा रही है। यहां से इमिग्रेशन और कस्टम से क्लियरेंस के बाद पंजाब पुलिस को सौंप दिया गया है. बताया जा रहा है कि भारत लौटे लोगों से पहले पूछताछ होगी. जैसे कि वह कैसे भारत से अमेरिका गए थे. किन लोगों ने उन्हें अवैध तरीके से अमेरिका पहुंचाने के लिए मदद की थी. पंजाब पुलिस भारत लौटे इन सभी भारतीयों का बैकग्राउंड (कोई क्रिमिनल इतिहास तो नहीं है) चेक करेगी. बताया जा रहा है कि जहां अमेरिका से आए भारतीयों ने लैंड किया है वहां उन्हें लेने के लिए बसें आई हैं. आसपास यानी हरियाणा और हिमाचल में रहने वाले लोगों को बस से उनके घर भेज दिया जाएगा. वहीं गुजरात और उत्तर प्रदेश रहने वाले लोगों के लिए स्पेशल फ्लाइट के जरिए उनको घर भेजा जाएगा.
क्यों भारत भेजे गए भारतीय?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच 27 जनवरी को फोन पर विस्तृत चर्चा हुई थी. प्रधानमंत्री मोदी की आगामी 13-14 फरवरी की वाशिंगटन यात्रा से पहले अवैध भारतीय अप्रवासियों को वतन वापस भेजा गया है. 27 जनवरी को फोन पर हुई बातचीत के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा था कि भारत अवैध प्रवासियों के निर्वासन के मुद्दे पर ‘वही करेगा जो सही होगा. इससे पहले विदेश मंत्री (ईएएम) एस. जयशंकर ने कहा था कि नई दिल्ली अमेरिका सहित विदेशों में ‘अवैध रूप से’ रह रहे भारतीय नागरिकों की ‘वैध वापसी’ के लिए तैयार है.
उल्लेखनीय है कि डोनाल्ड ट्रंप के पिछले महीने राष्ट्रपति पद संभालने के बाद अवैध भारतीय प्रवासियों के खिलाफ वॉशिंगटन की यह पहली कार्रवाई है. ट्रंप ने दूसरी बार पदभार संभालने के कुछ ही घंटों के भीतर जन्मजात नागरिकता को समाप्त करने और अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर सैनिकों को तैनात करने का फैसला किया था. अमेरिकी राष्ट्रपति ने अवैध प्रवासन पर नकेल कसने की कसम खाई है, जो उनके राष्ट्रपति चुनाव अभियान का मुख्य मुद्दा भी रहा है. इसी के चलते 24 जनवरी से ग्वाटेमाला, पेरू, होंडुरास और अन्य देशों के लिए भी अवैध अप्रवासियों को लेकर इसी तरह की निर्वासन उड़ानें रवाना हुई थीं.
साभार : न्यूज18
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