वाशिंगटन. पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। भारत का शीर्ष नेतृत्व विगत दस दिनों में कई बार इस कायराना हमले को अंजाम देने वालों और उन्हें पनाह देने वालों को सबक सिखाने की चेतावनी दे चुका है। पाकिस्तान में हड़कंप मचा हुआ है। ऐसे में अगर यह तनाव यूं ही जारी रहता है या यह युद्ध में तब्दील हो जाता है तो इसका पाकिस्तान की इकोनॉमी पर बहुत ही ज्यादा असर होगा। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था भारत से ज्यादा प्रभावित होगी। यह बात प्रसिद्ध रेटिंग एजेंसी मूडीज ने सोमवार को जारी अपने एक रिपोर्ट में कही है।
पाकिस्तान को होगा आर्थिक नुकसान
- रिपोर्ट में कहा गया है कि लंबे अरसे तक काफी बुरी स्थिति से गुजर रहे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में अब सुधार के लक्षण दिखाई दे रहे थे। लेकिन मौजूदा तनावपूर्ण स्थिति उसकी विकास दर को भी प्रभावित कर सकती है और राजकोषीय संतुलन स्थापित करने की पाकिस्तान सरकार की नीतियों को भी धत्ता बता सकती है।
- मूडीज का आकलन यह भी कहता है कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बना रहेगा। दोनों देशों के बीच तनाव की वजह से कई बार सैन्य कार्रवाई भी होती है। आजादी के बाद से ही दोनों देशों के बीच ऐसा होता रहा है लेकिन इससे कोई व्यापक युद्ध में तब्दील होने की गुंजाइश कम है।
पाक के मुकाबले भारतीय इकोनॉमी मजबूत
मूडीज की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान की तुलना में भारतीय इकोनॉमी के आधारभूत तत्व ज्यादा मजबूत नजर आते हैं। यहां स्थिरता है, विकास की दर कम होने के बावजूद काफी ऊच्च स्तर पर है क्योंकि सरकारी खर्चे में इजाफा हो रहा है और निजी खपत की स्थिति भी अच्छी है। स्थानीय तनाव बने रहने की स्थिति में भारत की आर्थिक गतिविधियों पर बहुत खास असर पड़ने की संभावना नहीं होने की बात मूडीज ने कही है। कारण यह बताया है कि भारत का पाकिस्तान के साथ बेहद सीमिति आर्थिक संबंध हैं। लेकिन रक्षा क्षेत्र पर ज्यादा खर्च होने का राजकोषीय संतुलन पर असर होगा और भारत सरकार ने राजकोषीय प्रबंधन का जो रोडमैप बनाया है वह प्रभावित हो सकती है।
पाकिस्तान को कर्ज जुटाने में भी समस्याएं आएंगी
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के प्रभावित होने की बात इसलिए भी कही गई है कि वहां लंबे अरसे बाद अब कुछ स्थिति सुधरनी शुरू हुई थी। विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ रहा था, महंगाई भी काबू में आ रही थी और आर्थिक विकास दर के तेज होने की संभावना बनी थी। वहां की सरकार अभी भी आइएमएफ से नया कर्ज लेने की कोशिश में है। लेकिन भारत से तनाव लंबा खींचने की स्थिति में विदेशी मुद्रा भंडार पर भी असर होगा और पाकिस्तान के लिए बाहर से कर्ज जुटाने में भी समस्याएं आएंगी। सनद रहे कि हाल ही में आइएमएफ व विश्व बैंक ने पाकिस्तान की वर्ष 2025 के लिए आर्थिक विकास दर की संभावना को 3.2 फीसद से घटा कर 3 फीसद कर दिया है। जबकि इन एजेंसियों ने भारत की विकास दर में कमी होने के बावजूद 6.2 फीसद रहने का अनुमान लगाया है। भारत का विदेसी मुद्रा भंडार 688 अरब डॉलर का है जबकि पाकिस्तान का सिर्फ 15 अरब डॉलर का है।
साभार : दैनिक जागरण
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