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नारायणपुर में 7 महिलाओं समेत 16 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया

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रायपुर. छत्तीसगढ़ में नक्सलियों को मुख्यधारा में लाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. सुरक्षाबलों के लगातार प्रयासों के फलस्वरूप 70 लाख रुपये के ईनामी 7 महिला सहित कुल 16 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है. पीएलजीए मिलिट्री कंपनी नंबर-1 डिप्टी कमांडर, पीएलजीए मिलिट्री कंपनी नंबर-1 सदस्य, उत्तर ब्यूरो टेक्निकल टीम (डीवीसीएम), माड़ डिवीजन स्टाप टीम एसीएम, पार्टी सदस्य, कुतुल एलजीएस सदस्य, जनताना सरकार सदस्य और मिलिशिया सदस्य सहित 16 माओवादियों/नक्सलियों ने समाज की मुख्यधारा में जुड़ने की शपथ ली.
साल 2025 में अब तक कुल 192 छोटे-बड़े कैडर के माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है. सरेंडर करने वाले माओवादियों को प्रोत्साहन राशि 50 हजार रुपये का चेक दिया गया और उन्हें नक्सल उन्मूलन नीति के तहत मिलने वाली सभी प्रकार की सुविधाएं दी जाएंगी.

झूठे सपने दिखाकर बनाते हैं गुलाम

सरेंडर करने वाले नक्सलियों ने पूछताछ में खुलासा किया कि शीर्ष कैडर के माओवादी लीडर्स आदिवासियों के सबसे बड़े और असली दुश्मन हैं. वे समानता और न्याय के झूठे सपने दिखाकर बस्तर के लोगों को गुलाम बनाते हैं.

मुठभेड़ में कोसा और राजू ढेर

बताते चलें कि पिछले महीने अबूझमाड़ में सुरक्षाबलों को नक्सल विरोधी अभियान को लेकर बड़ी सफलता मिली थी. मुठभेड़ में CPI (माओवादी) केंद्रीय समिति के वरिष्ठ सदस्य कोसा और राजू उर्फ विकल्प को ढेर कर दिया था. कोसा पर एक करोड़ रुपये का इनाम था. वह जनताना कमेटी का प्रभारी और दंडकारण्य क्षेत्र का सचिव रह चुका था. वहीं राजू पर 40 लाख रुपये का इनाम था. दोनों कई दशकों से माओवादी हिंसक गतिविधियों में शामिल थे. घटनास्थल से कई हथियार, विस्फोटक और माओवादी साहित्य बरामद मिला था. अफसरों ने इसे नक्सल संगठन के लिए बड़ा झटका बताया था और छोटे कैडरों के जल्द सरेंडर करने की उम्मीद जताई थी.

इस साल कोसा और राजू समेत 5 बड़े नक्सली ढेर

ऐसा माना जा रहा है कि कोसा की मौत से नक्सलियों का जनताना कमेटी पर नियंत्रण खत्म होगा और छोटे कैडर सरेंडर की ओर बढ़ सकते हैं. सुरक्षाबलों ने बताया कि इस साल कोसा और राजू समेत पांच केंद्रीय समिति सदस्य मारे जा चुके हैं, जिनमें महासचिव बसवराजु, मॉडम बालकृष्ण और चलपती शामिल हैं. पिछले दो साल में छत्तीसगढ़ में 500 से ज्यादा नक्सली मारे गए हैं. वहीं 1300 ने आत्मसमर्पण किया और 1250 अरेस्ट हुए हैं. अब सिर्फ चार पोलित ब्यूरो सदस्य और पांच केंद्रीय समिति सदस्य जिंदा बचे हैं.
साभार : न्यूज18
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