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80 साल के बुजुर्ग के एचएमपीवी वायरस की चपेट में आने से डॉक्टर हैरान

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अहमदाबाद. बेंगलुरु और अहमदाबाद में एएमपीवी वायरस के कई मामले सामने आए हैं। सोमवार से अब तक दो बच्चों और एक 80 वर्षीय व्यक्ति में इस वायरस की पुष्टि हुई है। बेंगलुरु के एक अस्पताल में सबसे पहले दो मामले सामने आए। यहां 3 महीने और 8 महीने के दो बच्चों में इस वायरस की पुष्टि हुई। इसके बाद गुजरात के अहमदाबाद शहर के एक 80 वर्षीय व्यक्ति में भी एचएमपीवी पाया गया। अहमदाबाद नगर निगम के बयान के अनुसार, बुजुर्ग व्यक्ति को पहले से ही अस्थमा की बीमारी थी। उन्हें बुधवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और गुरुवार को उनकी जांच रिपोर्ट में एचएमपीवी पॉजिटिव आया। वर्तमान में उनका इलाज एक निजी अस्पताल में चल रहा है और उनकी कोई विदेश यात्रा का इतिहास नहीं है। अहमदाबाद नगर निगम ने बताया कि उनकी हालत स्थिर है। पहले जिन शिशुओं में एचएमपीवी पाया गया था, उनकी हालत भी स्थिर बताई जा रही है।

बच्चों और बुजुर्ग को खतरा

एचपीएमवी यानी ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस, एक श्वसन वायरस है जो खासकर बुजुर्गों और बच्चों को प्रभावित करता है। संक्रमित व्यक्ति में आमतौर पर खांसी, नाक बंद, नाक बहना, गले में खराश और सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। बुखार और थकान भी हो सकती है। स्वच्छता बरतकर और बीमार लोगों से दूरी बनाकर इससे बचा जा सकता है। शिशुओं में ये वायरस आमतौर पर हल्के सर्दी-जुकाम जैसे लक्षणों से लेकर गंभीर सांस की तकलीफ तक, कई तरह के श्वसन संबंधी लक्षण पैदा करता है।

बच्चों में पाए जाते हैं ये लक्षण

सामान्य लक्षणों में खांसी, नाक बहना, नाक बंद होना और बुखार शामिल हैं। शिशु चिड़चिड़ेपन, कम दूध पीने और सुस्ती भी दिखा सकते हैं। गंभीर मामलों में ब्रोंकियोलाइटिस या निमोनिया हो सकता है, जिसके लक्षणों में घरघराहट, तेजी से सांस लेना, छाती का धंसना और त्वचा का नीला पड़ना शामिल हैं। समय से पहले जन्मे बच्चे, जिन बच्चों को पहले से ही कोई स्वास्थ्य समस्या है, या जिनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर है, उनमें जटिलताओं का खतरा ज्यादा होता है। एचएमपीवी के लक्षण RSV जैसे अन्य वायरल संक्रमणों के समान हो सकते हैं, जिससे इसका निदान मुश्किल हो जाता है। सांस लेने में तकलीफ या डिहाइड्रेशन के लक्षण दिखाने वाले शिशुओं को तुरंत चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता होती है।

साभार : नवभारत टाइम्स

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