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कांग्रेस में ऐसे अध्यक्ष हैं, जिनका एक लड़का सपा व दूसरा भाजपा में है : आलोक मिश्रा

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अहमदाबाद. कानपुर में कांग्रेस के भीतर चल रही अंतर्कलह गुजरात के अहमदाबाद में 84वें अधिवेशन में खुलकर सामने आई। दो बार कानपुर लोकसभा से उम्मीदवार रहे आलोक मिश्रा ने मौजूदा महानगर अध्यक्ष पवन गुप्ता पर गंभीर आरोप लगाए। आलोक ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और सांसद राहुल गांधी से कहा, मैं आपसे कहने आया हूं कि आप बीजेपी को हटाना चाहते हैं और कांग्रेस के अंदर जो बीजेपी के लोग हैं, उन्हें हटाना चाहते हैं। तो मैं पूछना चाहता हूं कि अगर कोई शहर अध्यक्ष है, जिसका एक लड़का सपा में हो और एक लड़का बीजेपी में हो…क्या वो शहर अध्यक्ष होने लायक है? आलोक मिश्रा ने सीधे तौर पर नवनियुक्त जिलाध्यक्ष पवन गुप्ता पर आरोप लगाए। पवन गुप्ता ने भी पलटवार करते हुए कहा, आलोक मिश्रा का बयान राजनैतिक हताशा और कुंठा का प्रतीक है। मेरा कोई बेटा भाजपा में नहीं है।

संगठन में जिन्हें नियुक्त किया, उनका इतिहास भी जानना जरूरी

आलोक मिश्रा ने कहा, एक कार्यकर्ता के तौर पर 1982 से मैंने कांग्रेस की सेवा की। पार्टी को कानपुर के अलावा आसपास के जनपदों में मजबूत किया। लेकिन, संगठन में जिन्हें नियुक्त किया है, उनका इतिहास भी जानना जरूरी है। अगर वो (पवन गुप्ता) शहर अध्यक्ष होने लायक है तो हम भी आपको स्वीकार करते हैं। लेकिन एक बात और आपसे कहना चाहते हैं आपने मुझे मौका दिया। कानपुर में मैंने 4 लाख 22 हजार वोट हासिल किए। ये मौका मुझे मिला, जो इतिहास में 1947 से किसी को नहीं मिला। मैं आज आपको कांग्रेस की दुहाई देता हूं और आपसे आह्वान करने आया हूं कि कि हम लोग बीजेपी से बाद में लड़ते हैं, पहले कांग्रेसी आपस में लड़ते हैं। एक बार तय कर लीजिए कि कोई भी फैसला, जो ऊपर से तय होकर आएगा, उसे हम सहर्ष स्वीकार करेंगे। तब तक आपस में नहीं लड़ेंगे, जब तक कांग्रेस पार्टी को सत्ता में नहीं ले आते हैं। पार्टी को सत्ता में लाकर ही दम लेंगे। आलोक मिश्रा ने कहा, हम सब को एक होकर बीजेपी के खिलाफ सड़क पर उतरना है। जिताऊ उम्मीदवार को टिकट देना है।

यूपी में क्यों हार रहे चुनाव, बताया कारण

आलोक मिश्रा ने कहा, कानपुर ही नहीं बल्कि यूपी में कांग्रेस मजबूत है। पर कांग्रेसी बीजेपी के बजाय आपस में लड़ रहे हैं। इसी के कारण हम चुनाव हार रहे हैं। कानपुर में अगर कांग्रेसी नहीं लड़ते तो लोकसभा और विधानसभा में पार्टी को प्रचंड जीत मिलती।

तय कीजिए, शहर या जिलाध्यक्ष चुनाव नहीं लड़ेगा

आलोक मिश्रा ने कहा, मैं आपसे अनुरोध करने आया हूं कि शहर अध्यक्षों को जो आपने सत्ता दी है, हम उसे स्वीकार करते हैं। लेकिन उसके साथ-साथ ये भी फैसला कर लीजिए कि शहर या जिला अध्यक्ष जो भी होगा, वो चुनाव के लिए आवेदन नहीं करेगा। वो सिर्फ संगठन का काम करेगा। ये भी तय कर लीजिए। वरना हर शहर अध्यक्ष और हर जिला अध्यक्ष खुद चुनाव का कैंडिडेट बन जाएगा।

मैं सबकुछ छोड़ना चाहता हूं

आलोक ने कहा, जिन लोगों ने 1982 से मेरी तरह कांग्रेस नहीं छोड़ी है, मैं आपको यहां वचन देता हूं कि मैं अपना सर्वस्व न्यौछावर करना चाहता हूं, आपके लिए और कांग्रेस पार्टी की सत्ता के लिए। मैं सबकुछ छोड़ना चाहता हूं। किसी तरह कांग्रेस सत्ता में आ जाए। जब सत्ता में आ जाए तो आपस में फैसला कर लेंगे।

2024 के चुनाव में बीजेपी को दी थी कड़ी टक्कर

2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने आलोक मिश्रा को कानपुर लोकसभा सीट से टिकट दिया था। वे इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवार थे। सपा और कांग्रेस के सहयोग से मिश्रा को 422,087 वोट मिले और दूसरे नंबर पर आए। बीजेपी के रमेश अवस्थी को 443,055 वोट मिले थे और उन्होंने 20 हजार 968 वोटों से चुनाव जीता था। इससे पहले 2019 के चुनाव में कांग्रेस के श्रीप्रकाश जायसवाल ने चुनाव लड़ा था और 313,003 वोट हासिल किए थे। बीजेपी के सत्यदेव पचौरी को 468,937 वोट मिले थे और जीत हासिल की थी।

साभार : दैनिक भास्कर

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