शनिवार, दिसंबर 06 2025 | 07:08:47 AM
Breaking News
Home / राष्ट्रीय / डीआरआई ने न्हावा शेवा बंदरगाह पर “ऑपरेशन फायर ट्रेल” में 35 करोड़ रुपये के चीनी पटाखे जब्त किए

डीआरआई ने न्हावा शेवा बंदरगाह पर “ऑपरेशन फायर ट्रेल” में 35 करोड़ रुपये के चीनी पटाखे जब्त किए

Follow us on:

भारत में चीनी पटाखों और आतिशबाजी की तस्करी पर एक बड़ी कार्रवाई में राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने ऑपरेशन फायर ट्रेल” नामक एक अभियान में न्हावा शेवा बन्दरगाह, मुंद्रा बंदरगाह और कांडला एसईजेड के लिए निर्धारित या वहां पड़े सात कंटेनरों में छिपाए गए 35 करोड़ रुपये मूल्य के चीनी पटाखों/आतिशबाजी की भारी मात्रा का सफलतापूर्वक पता लगाया, उसे रोका और जब्त किया।

100 मीट्रिक टन वजन के इन चीनी पटाखों को एक केएएसईजैड (कांडला विशेष आर्थिक क्षेत्र) इकाई और कुछ आईईसी (आयात-निर्यात संहिता) धारकों के नाम पर अवैध रूप से आयात किया गया था, जिसमें उन्हें “मिनी सजावटी पौधे”, “कृत्रिम फूल” और “प्लास्टिक मैट” जैसी वस्तुओं के रूप में गलत तरीके से घोषित किया गया था।

विशेष रूप से, इनमें से कुछ खेपों को घरेलू टैरिफ क्षेत्र (डीटीए) में भेजने के इरादे से एक केएएसईजेड इकाई द्वारा कांडला एसईजेड के माध्यम से भेजा गया था। एसईजेड इकाई का मुख्य व्यक्ति, जो गलत घोषणा और (एसईजेड) प्रावधानों के दुरुपयोग के माध्यम से चीनी पटाखों/आतिशबाजी की तस्करी में सक्रिय रूप से शामिल पाया गया, उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। माननीय न्यायालय ने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

विदेशी व्यापार नीति के आईटीसी (एचएस) वर्गीकरण के तहत पटाखों का आयात ‘प्रतिबंधित’ है और इसके लिए विस्फोटक नियम 2008 के तहत डीजीएफटी (विदेश व्यापार महानिदेशालय) और पीईएसओ (पेट्रोलियम एवं विस्फोटक सुरक्षा संगठन) से लाइसेंस की आवश्यकता होती है। पटाखे और आतिशबाजी हानिकारक होते हैं क्योंकि उनमें लाल सीसा, कॉपर ऑक्साइड, लिथियम आदि जैसे प्रतिबंधित रसायन होते हैं। अपनी अत्यधिक ज्वलनशील प्रकृति के कारण पटाखे सार्वजनिक सुरक्षा, बंदरगाह के बुनियादी ढांचे और व्यापक रसद आपूर्ति श्रृंखला के लिए एक महत्वपूर्ण जोखिम पैदा करते हैं।

यह सावधानीपूर्वक नियोजित और त्रुटिहीन रूप से निष्पादित ऑपरेशन तस्करी से निपटने, राष्ट्र के महत्वपूर्ण बुनियादी ढाँचे की सुरक्षा करने और सार्वजनिक सुरक्षा की रक्षा करने के लिए डीआरआई के अटूट संकल्प को रेखांकित करता है। इन अवैध खतरनाक शिपमेंट्स को देश के बाज़ारों में प्रवेश करने से रोककर डीआरआई ने आकस्मिक विस्फोटों से लेकर आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान तक, संभावित खतरों को टाल दिया है।

डीआरआई अवैध नेटवर्क का पता लगाने, उन्हें रोकने और उन्हें खत्म करने के अपने मिशन के प्रति प्रतिबद्ध है जो एक्जिम (निर्यात-आयात) व्यापार इको-सिस्टम को कमजोर करते हैं और सार्वजनिक सुरक्षा को खतरे में डालते हैं।

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

किसी भी धर्म में लाउडस्पीकर का इस्तेमाल अनिवार्य नहीं है: बॉम्बे हाईकोर्ट

मुंबई. बॉम्बे हाई कोर्ट में मस्जिद की एक कमेटी ने लाउडस्पीकर लगाने को लेकर एक …