भोपाल. आयकर विभाग ने सोमवार सुबह दिलीप बिल्डकॉन (DBL) और उससे जुड़े सहयोगियों के ठिकानों पर रेड मारी है। अमृतसर से आई इनकम टैक्स टीम भोपाल में दो जगहों पर दस्तावेज खंगाल रही है। दिलीप बिल्डकॉन ग्रुप के मालिक दिलीप सूर्यवंशी के चूनाभट्टी स्थित दफ्तर पर भी सर्चिंग की जा रही है। पंजाब के चंडीगढ़ रीजन के आयकर विभाग की डीजी इन्वेस्टिगेशन बत्सला झा ने बातचीत में दिलीप बिल्डकॉन के भोपाल में दो ठिकानों में छापे की पुष्टि की है। देर रात तक सर्चिंग जारी थी। इसके मंगलवार तक चलने की संभावना है।
अमृतसर की आईटी टीम ने एमपी एसएएफ की मदद ली है। लोकल पुलिस या केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों को नहीं बुलाया है। अमृतसर से आई टीम ने इस छापेमारी में भोपाल के विभागीय अफसरों को साथ नहीं लिया है। सोमवार सुबह से चल रही इस कार्रवाई की जानकारी मीडिया में आने के बाद स्थानीय अफसरों के संज्ञान में आई है। आयकर विभाग की टीम ने इंदौर से लगे धार जिले के पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में आर्निल टेक्नोक्राफ्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी पर भी छापा मारा है। बताया जा रहा है कि यह कंपनी दिलीप बिल्डकॉन ग्रुप से जुड़ी हुई है और मुख्य रूप से रोड फर्नीचर बनाने का काम करती है।
कंपनी के पास भोपाल मेट्रो समेत कई बड़े प्रोजेक्ट
भोपाल मेट्रो रेल का ठेका दिलीप बिल्डकॉन के पास है। कंपनी को हाल ही में केरल में बड़ा प्रोजेक्ट मिला है। इसके अलावा गुरुग्राम मेट्रो का काम दिलीप बिल्डकॉन और रंजीत बिल्डकॉन को 1,503.63 करोड़ में मिला है, जिसमें मिलेनियम सिटी सेंटर से साइबर सिटी तक 26.65 किमी के कॉरिडोर में वायडक्ट और 14 एलिवेटेड स्टेशन का निर्माण शामिल है।
100 मेगावॉट का सोलर पावर का ठेका मिला
डीबीएल को मध्य प्रदेश जल निगम मर्यादित (एमपीजेएनएम) से स्वीकृति पत्र (एलओए) मिला है। यह कैप्टिव मोड के तहत 100 मेगावाट की ग्रिड-कनेक्टेड ग्राउंड-माउंटेड सौर फोटोवोल्टिक परियोजना के विकास के लिए है। दिलीप बिल्डकॉन के कार्यक्षेत्र में सौर परियोजना की डिजाइन, इंजीनियरिंग, आपूर्ति, निर्माण, स्थापना, परीक्षण और कमीशनिंग शामिल है। इसमें 25 वर्षों तक संचालन और रखरखाव सेवाएं प्रदान करना भी शामिल है। चालू होने के बाद, यह परियोजना 25 वर्षों तक एमपीजेएनएम को 2.09 रुपए प्रति किलोवाट घंटे की दर से बिजली की आपूर्ति करेगी। प्रोजेक्ट का काम मंदसौर जिले के रामनगर और धनवाडा गांवों में होगा।
ऐसे बनाई कंपनी और लिया काम
दिलीप बिल्डकॉन का कंस्ट्रक्शन का काम है। यह कंपनी देशभर में हाईवे और रेल प्रोजेक्ट से जुड़े ठेके लेती है। दिलीप सूर्यवंशी ने 1988 में दिलीप बिल्डकॉन के नाम से कंपनी बनाई। पहले तो उन्होंने छोटे रिहायशी प्रोजेक्ट, सरकारी इमारतों और पेट्रोल पंपों का निर्माण किया। इसके बाद 1995 में 21 वर्षीय इंजीनियर देवेंद्र जैन को काम पर रखा। जैन अब उनकी कंपनी में एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर हैं। 2000 के दशक की शुरुआत में NDA सरकार ने सड़क निर्माण के टेंडर निकालने शुरू किए। तब उन्होंने तय किया कि उनकी कंपनी सड़क निर्माण भी करेगी।
एमपी समेत 17 से ज्यादा राज्यों में फैला काम
कंपनी एमपी समेत देश के 17 से अधिक राज्यों में काम कर रही है। इनमें केरल, राजस्थान, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और तमिलनाडु राज्य भी शामिल हैं। दिलीप बिल्डकॉन के प्रोजेक्ट सड़क, रेलवे, सुरंग, औद्योगिक गलियारा, मेट्रो रेल और शहरी विकास परियोजनाओं सहित विभिन्न क्षेत्रों में फैले हुए हैं। कंपनी में 17 हजार से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं।
1993 में पहला बड़ा प्रोजेक्ट मिला था
दिलीप बिल्डकॉन कंपनी को 1993-94 में पहला बड़ा प्रोजेक्ट मिला था। यह चार करोड़ रुपए का था। इसके बाद कंपनी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। फिर 20 करोड़ और 80 करोड़ के प्रोजेक्ट किए। 2007 के पहले 120 करोड़ रुपए तक के बड़े प्रोजेक्ट किए। 2007 से 2010 के बीच कंपनी को सबसे बड़ा जंप मिला। दिलीप बिल्डकॉन को अहमदाबाद-गोधरा का एक हजार करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट मिला।
मध्य प्रदेश में दूसरे सबसे अमीर शख्स
हाल ही में जारी हुई हुरुन रिच लिस्ट में एमपी के 13 कारोबारियों में दिलीप सूर्यवंशी का नाम दूसरे नंबर पर है। दिलीप बिल्डकॉन के मालिक दिलीप सूर्यवंशी की संपत्ति 4430 करोड़ रुपए आंकी गई थी। सूर्यवंशी की संपत्ति में 630 करोड़ रुपए का इजाफा हुआ है। सूर्यवंशी 10 पायदान ऊपर चढ़े हैं।
सीबीआई ने एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर को घूस देते पकड़ा था
सीबीआई की दिल्ली की टीम ने करीब चार साल पहले दिलीप बिल्डकॉन के साउथ इंडिया में एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर को राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के एक अफसर को 20 लाख रुपए की रिश्वत देते हुए पकड़ा था। इसके बाद रात करीब 9 बजे दिलीप बिल्डकॉन के ऑफिस और घर पर छापा मारा था। चूनाभट्टी स्थित ऑफिस पर 12 से 15 और कंपनी के मालिक दिलीप सूर्यवंशी के अरेरा कॉलोनी स्थित घर पर छह से सात अफसरों की टीम ने जांच की थी। कंपनी के पार्टनर समेत तीन लोगों से पूछताछ की थी। तब टीम ने कंपनी के भोपाल सहित नई दिल्ली, बेंगलुरु, कोच्चि, गुड़गांव आदि जगह भी छापे मारे थे। कंपनी के चार्टर्ड अकाउंटेंट और अकाउंटेंट के कम्प्यूटर भी जब्त किए थे। इसके अलावा उनके मुख्य सीए मयंक का कम्प्यूटर भी जब्त किया था।
साभार : दैनिक भास्कर
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