नई दिल्ली. केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने मंगलवार को हरियाणा भूमि सौदा मामले से जुड़े धन शोधन केस में व्यवसायी रॉबर्ट वाड्रा से पूछताछ की। 56 साल के वाड्रा पूछताछ के लिए सेंट्रल दिल्ली स्थित अपने आवास से ईडी दफ्तर दो किलोमीटर पैदल चलकर पहुंचे। वाड्रा लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के बहनोई और कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी के पति है। जांच एजेंसी की ओर से खुद को पूछताछ के लिए बुलाए जाने को वाड्रा ने राजनीतिक प्रतिशोध बताया है। क्या है पूरा मामला? गड़बड़ी कैसे की गई? इस प्रकरण में वाड्रा समेत और किन लोगों पर आरोप हैं? उनसे पहले कब-कब पूछताछ की गई? अपनी सफाई में वाड्रा ने क्या कहा है? आगे इस मामले में क्या हो सकता है? आइए जानते हैं सबकुछ।
क्या है मामला? गड़बड़ी कैसे की गई? मामला कब दर्ज हुआ?
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हरियाणा के शिकोहपुर में 2008 में हुई एक भूमि डील से जुड़े मामले में रॉबर्ट वाड्रा से पूछताछ की है। वाड्रा पर आरोप हैं कि उनसे जुड़ी कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड ने ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज से 7.5 करोड़ रुपये में 3.5 एकड़ जमीन खरीदी थी। इस सौदे का म्यूटेशन भी असामान्य तरीके से कर दिया गया। आरोप है कि हरियाणा के तत्कालीन भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार ने इस जमीन में से 2.70 एकड़ जमीन को कमर्शियल कॉलोनी के तौर पर डेवलप करने की इजाजत देते हुए रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी को इसका लाइसेंस दिया था। आवासीय परियोजना का लाइसेंस मिलने के बाद जमीन की कीमत बढ़ गई। बाद में वाड्रा से जुड़ी कंपनी ने कंपनी ने ये जमीन डीएलएफ को 58 करोड़ में बेच दी। आगे चलकर हुड्डा सरकार ने आवासीय परियोजना का लाइसेंस डीएलएफ को ट्रांसफर कर दिया। आरोप है कि इस पूरी डील में कई अनियिमताएं की गई। हरियाणा पुलिस ने 2018 में इस सौदे से जुड़े मामले में केस दर्ज किया। आगे चलकर ईडी ने भी इस मामले में केस दर्ज कर जांच शुरू की।
रॉबर्ट वाड्रा से जुड़े इस मामले का खुलासा कैसे हुआ?
राबर्ट वाड्रा से जुड़े इस मामले में हुई कथित गड़बड़ी का खुलासा आईएएस अशोक खेमका ने किया था। इसके बाद वे सुर्खियों में आ गए थे। बीते एक दशक से रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ लगे आरापों का इस्तेमाल विपक्षी पार्टियों ने अलग-अलग चुनावों में कांग्रेस पर आरोप साधने के लिए किया है।
इस मामले में और किन-किन लोगों पर आरोप लगे?
दिसंबर 2023 में ईडी ने इस मामले में यूएई स्थित व्यवसायी सीसी थंपी और ब्रिटेन के हथियार डीलर संजय भंडारी के रिश्तेदार सुमित चड्ढा के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। चार्जशीट में वाड्रा और उनकी पत्नी प्रियंका गांधी का नाम आरोपी के तौर पर नहीं है, लेकिन उनकी भूमि खरीद-बिक्री का विवरण शामिल है।
मामले से राबर्ट वाड्रा और प्रियंका गांधी का नाम कैसे जुड़ा?
ईडी ने कहा था कि वाड्रा से कथित तौर पर जुड़े थंपी ने 2005 से 2008 के बीच दिल्ली-एनसीआर स्थित रियल एस्टेट एजेंट एचएल पाहवा के जरिए हरियाणा के फरीदाबाद के अमीरपुर गांव में लगभग 486 एकड़ जमीन खरीदी थी। आरोपपत्र के अनुसार रॉबर्ट वाड्रा ने 2005-2006 में एचएल पाहवा से अमीरपुर में 334 कनाल (40.08 एकड़) जमीन के तीन टुकड़े खरीदे और दिसंबर 2010 में उसी जमीन को एचएल पाहवा को बेच दिया।” ईडी के अनुसार रॉबर्ट वाड्रा की पत्नी प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी अप्रैल 2006 में एचएल पाहवा से हरियाणा के फरीदाबाद जिले के अमीरपुर गांव में 40 कनाल (05 एकड़) कृषि भूमि खरीदी और फरवरी 2010 में उसी जमीन को एचएल पाहवा को बेच दिया।
कौन हैं रॉबर्ड वाड्रा और अपने ऊपर लगे आरोपों पर उन्होंने क्या कहा है?
रॉबर्ट वाड्रा पेशे से कारोबारी और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के बहनोई हैं। वे वायनाड से कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी के पति हैं। उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों को राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया है। केंद्रीय जांच एजेंसी की ओर से खुद को तलब करने के कदम को वाड्रा ने राजनीतिक बदले के तहत की गई कार्रवाई करार दिया है। वाड्रा ने कहा कि उन्होंने पहले भी पूछताछ के दौरान ईडी के साथ घंटों बिताए हैं, हजारों दस्तावेज साझा किए हैं, लेकिन फिर भी एजेंसी उनपर आरोप लगा रही है।
एक बार फिर यह मामला क्यों चर्चा में है?
ईडी की ओर से धनशोधन से जुड़ी जांच के तहत वाड्रा को समन भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया गया तो रॉबर्ट वाड्रा अचानक फिर से चर्चा में आ गए। इस बीच, वाड्रा ने कहा कि पिछले 20 सालों में मुझे 15 बार बुलाया गया और हर बार 10 घंटे से ज्यादा पूछताछ की गई। मैंने 23000 दस्तावेज जमा किए हैं। मुझसे जो भी पूछा जाएगा, उन्हें सब बताएंगे। ईडी कार्यालय जाते समय पत्रकारों से बातचीत में वाड्रा ने कहा, “जब भी मैं अल्पसंख्यकों के लिए बोलता हूं तो वे मुझे रोकने की कोशिश करते हैं, हमें कुचलने की कोशिश करते हैं… उन्होंने संसद में राहुल (गांधी) को भी रोकने की कोशिश की। यह एजेंसियों का दुरुपयोग है और यह राजनीतिक प्रतिशोध है। लेकिन, मैं पहले की तरह उनके (जांच एजेंसी) साथ सहयोग करूंगा।”
वाड्रा को इससे पहले पूछताछ के लिए कब बुलाया गया?
इस मामले में वाड्रा को 8 अप्रैल को पहले समन भेजा गया था, लेकिन उन्होंने नई तारीख की मांग की थी। इससे पहले भी ईडी उन्हें धन शोधन से जुड़े एक अन्य मामले में भी कई बार तलब कर चुकी है।
इस मामले में अब आगे क्या हो सकता है?
ईडी फिलहाल इस मामले में वाड्रा के बयान को आधिकारिक रूप से रिकॉर्ड कर रही है और संबंधित जमीन के सौदों की वित्तीय लेन-देन का फॉरेंसिक विश्लेषण भी किया जा रहा है। जांच जारी और और संभव है कि आने वाले हफ्तों में इसमें और भी नाम जुड़ें या समन भेजे जाएं।
साभार : अमर उजाला
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