गुरुवार, दिसंबर 25 2025 | 08:56:11 PM
Breaking News
Home / राज्य / लद्दाख / सुप्रीम कोर्ट से सोनम वांगचुक को नहीं मिली राहत, सुनवाई टली

सुप्रीम कोर्ट से सोनम वांगचुक को नहीं मिली राहत, सुनवाई टली

Follow us on:

लेह. सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि जे. अंगमो की याचिका पर सुनवाई टल गई है। मामले की अगली सुनवाई 29 अक्टूबर को होगी। जस्टिस कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने मंगलवार को गीतांजलि की ओर से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल द्वारा स्थगन की मांग के बाद सुनवाई 15 अक्टूबर के लिए स्थगित कर दी थी। वहीं, फिर से सोनम वांगचुक की पत्नी की तरफ से वकील कपिल सिब्बल ने याचिका में संशोधन करने की इजाजत मांगी है। अब 29 अक्टूबर को मामले की सुनवाई होगी।

केंद्र को जारी किया था नोटिस

आपको बता दें कि इस मामले की सुनवाई जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एन.वी. अंजारिया की पीठ को करनी है। इससे पहले, सर्वोच्च न्यायालय ने नोटिस जारी कर केंद्र सरकार और अन्य प्राधिकारियों से इस मामले में जवाब मांगा था।

‘कानूनी रूप से’ की गई कार्रवाई

सर्वोच्च न्यायालय में दायर अपने हलफनामे में, लेह प्रशासन ने राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत वांगचुक की हिरासत का बचाव करते हुए कहा कि सभी प्रासंगिक तथ्यों पर विचार करने के बाद यह कार्रवाई ‘कानूनी रूप से’ की गई थी।

26 सितंबर को पारित हुआ हिरासत आदेश

लेह के जिलाधिकारी रोमिल सिंह डोंक ने कहा कि 26 सितंबर को हिरासत आदेश पारित किया गया था। उन्होंने कहा कि वह इस बात से “संतुष्ट थे और अभी भी संतुष्ट हैं” कि व्यक्ति को हिरासत में रखा जाए। यह आदेश राज्य की सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने और समुदाय के लिए आवश्यक सेवाओं के लिए हानिकारक गतिविधियों पर आधारित था।

विचार करने के बाद लिया फैसला

शीर्ष अदालत में दायर हलफनामे में कहा कि कानून के अनुसार, मेरे समक्ष प्रस्तुत सामग्री पर विधिवत विचार करने और स्थानीय अधिकार क्षेत्र की उन परिस्थितियों पर व्यक्तिपरक संतुष्टि प्राप्त करने के बाद, जहां सोनम वांगचुक राज्य की सुरक्षा, लोक व्यवस्था बनाए रखने और समुदाय के लिए आवश्यक सेवाओं के लिए हानिकारक गतिविधियों में लिप्त रहे थे, जैसा कि हिरासत के आधारों में उल्लेख किया गया है, मैंने हिरासत का आदेश पारित किया है।”

लेह प्रशासन ने दावों को बताया निराधार

सोनम वांगचुक को अवैध रूप से हिरासत में लिए जाने और हिरासत के दौरान उनके साथ अनुचित व्यवहार किए जाने के आरोपों का खंडन करते हुए, लेह प्रशासन ने याचिकाकर्ता के दावों को ‘निराधार’ करार दिया और कहा कि हिरासत ‘संविधान के अनुच्छेद 22 और राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम की धारा 8 के तहत प्रक्रियात्मक सुरक्षा उपायों का कड़ाई से पालन करते हुए’ की गई थी।

साभार : नवभारत टाइम्स  

‘गांधी जी की राजनीतिक यात्रा के कुछ पन्ने’ पुस्तक के बारे में जानने के लिए लिंक पर क्लिक करें :

https://matribhumisamachar.com/2025/12/10/86283/

आप इस ई-बुक को पढ़ने के लिए निम्न लिंक पर भी कॉल कर सकते हैं:

https://books.google.co.in/books?id=8-6KEQAAQBAJ

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

केंद्र सरकार ने लद्दाख हिंसा की घटना की न्यायिक जांच का दिया आदेश

लेह. लद्दाख में हुई हिंसा को लेकर केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए इस मामले …