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नरेंद्र मोदी ने मन की बात में सुनाये आंबेडकर, राजेंद्र प्रसाद और श्यामा प्रसाद मुखर्जी के पुराने संबोधन

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नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के जरिए लोगों को संबोधित किया। कार्यक्रम के 118वें एपिसोड में पीएम मोदी ने लोगों से कई अहम बातें कीं। पीएम मोदी ने बाबासाहब भीमराव आंबेडकर, राजेंद्र प्रसाद और श्यामा प्रसाद मुखर्जी के पुराने संबोधनों के कुछ अहम अंश भी सुनाए। साल 2025 की पहली ‘मन की बात’ में पीएम मोदी ने कहा कि आज 2025 की पहली मन की बात हो रही है। आप लोगों ने एक बात नोटिस की होगी कि हर बार मन की बात महीने की आखिरी रविवार को होती है, लेकिन इस बार हम एक सप्ताह पहले चौथे रविवार के बजाय तीसरे रविवार को ही मिल रहे हैं, क्योंकि अगले सप्ताह रविवार के दिन ही गणतंत्र दिवस है, मैं सभी देशवासियों को गणतंत्र दिवस की अग्रिम शुभकामनाएं देता हूं।  उन्होंने कहा कि इस बार का ‘गणतंत्र दिवस’ बहुत विशेष है। ये भारतीय गणतंत्र की 75वीं वर्षगांठ है। इस वर्ष संविधान लागू होने के 75 साल हो रहे हैं। मैं संविधान सभा के उन सभी महान व्यक्तित्वों को नमन करता हूं, जिन्होंने हमें हमारा पवित्र संविधान दिया।

बाबासाहब आंबेडकर के संबोधन के अंश सुनाए

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘जब संविधान सभा ने अपना काम शुरू किया तो बाबासाहब आंबेडकर ने परस्पर सहयोग को लेकर एक बहुत महत्वपूर्ण बात कही थी। मैं उसका एक अंश आपको सुनाता हूं…’

डॉ. राजेंद्र प्रसाद के संबोधन के अंश सुनाए

पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं आपको संविधान सभा की एक और ऑडियो क्लिप सुनाता हूं। ये ऑडियां डॉ. राजेंद्र प्रसाद का है, जो हमारी संविधान सभा के प्रमुख थे। आइए डॉ. राजेंद्र प्रसाद जी को सुनते हैं…’

श्यामा प्रसाद मुखर्जी के संबोधन के अंश सुनाए

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘अब मैं आपको डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की आवाज सुनाता हूँ। उन्होंने अवसरों की समानता का विषय उठाया…’

पीएम मोदी ने कहा कि मैं संविधान सभा के उन सभी महान व्यक्तित्वों को नमन करता हूं, जिन्होंने हमें हमारा पवित्र संविधान दिया। संविधान सभा के दौरान अनेक विषयों पर लंबी-लंबी चर्चाएं हुईं। वो चर्चाएं संविधान सभा के सदस्यों के विचार, उनकी वो वाणी, हमारी बहुत बड़ी धरोहर है। देश में जब 1951-52 में पहली बार चुनाव हुए, तो कुछ लोगों को संशय था, कि क्या देश का लोकतंत्र जीवित रहेगा? इन सब के बीच हमारे लोकतंत्र ने सारी आशंकाओं को गलत साबित किया। आखिर भारत लोकतंत्र की जननी है। मैं देशवासियों से कहूंगा कि वो ज्यादा-से-ज्यादा संख्या में अपने मत के अधिकार का उपयोग करें, हमेशा करें, और देश के लोकतांत्रिक प्रक्रिसा का हिस्सा भी बनें और इस प्रकिया को सशक्त भी करें।

प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ पर बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हजारों वर्षों से चली आ रही इस परंपरा में कहीं भी कोई भेदभाव नहीं, जातिवाद नहीं। इसमें भारत के दक्षिण से लोग आते हैं, भारत के पूर्व और पश्चिम से लोग आते हैं। कुंभ में गरीब-अमीर सब एक हो जाते हैं। एक तरफ प्रयागराज, उज्जैन, नासिक और हरिद्वार में कुंभ का आयोजन होता है, वैसे ही, दक्षिण भू-भाग में, गोदावरी, कृष्णा, नर्मदा और कावेरी नदी के तटों पर पुष्करम होते हैं। इसी तरह कुंभकोणम से तिरुक्कड-यूर, कूड़-वासल से तिरुचेरई अनेक ऐसे मंदिर हैं, जिनकी परम्पराएं कुंभ से जुड़ी हुई हैं। ‘कुंभ’, ‘पुष्करम’ और ‘गंगा सागर मेला’ – हमारे ये पर्व, हमारे सामाजिक मेल-जोल को, सद्भाव को, एकता को बढ़ाने वाले पर्व हैं।

अयोध्या में बीते वर्ष हुई रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा की ये द्वादशी, भारत की सांस्कृतिक चेतना की पुनः प्रतिष्ठा की द्वादशी है। इसलिए पौष शुक्ल द्वादशी का ये दिन एक तरह से प्रतिष्ठा द्वादशी का दिन भी बन गया है। उन्होंने कहा कि मुझे ये बताते हुए गर्व है कि एक भारतीय स्पेस-टेक स्टार्टअप बंगलूरू के पिक्सल ने भारत का पहला निजी satellite constellation (उपग्रह तारामंडल) ‘फायरफ्लाई’ सफलतापूर्वक लॉन्च किया है। यह उपग्रह तारामंडल दुनिया का सबसे हाई-रिजॉल्यूशन हाइपर स्पेक्ट्रल सैटेलाइट तारामंडल है। कुछ दिन पहले हमारे वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष सेक्टर में ही एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की। हमारे वैज्ञानिकों ने सैटेलाइट्स की स्पेस डॉकिंग कराई है। जब अंतरिक्ष में दो उपग्रहों को जोड़ा जाता है तो इस प्रक्रिया को स्पेस डॉकिंग कहते हैं। यह तकनीक अंतरिक्ष में स्पेस स्टेशन तक सप्लाई भेजने और क्रू मिशन के लिए अहम है। भारत ऐसा चौथा देश बना है, जिसने ये सफलता हासिल की है।

उन्होंने कहा कि आईआईटी मद्रास का ExTeM केंद्र अंतरिक्ष में उत्पादन के लिए नई तकनीकों पर काम कर रहा है। ये केंद्र अंतरिक्ष में 3डी-मुद्रित इमारतें, धातु फोम और ऑप्टिकल फाइबर जैसे तकनीकों पर रिसर्च कर रहा है। ये सेंटर बिना पानी के कॉन्क्रीट निर्माण जैसी क्रांतिकारी विधियों को भी विकसित कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहरा कि असम में एक जगह है ‘नौगांव’। ‘नौगांव’ हमारे देश की महान विभूति श्रीमंत शंकरदेव का जन्म स्थान भी है। ये जगह बहुत ही सुंदर है। यहां हाथियों का भी एक बड़ा ठिकाना है। इस क्षेत्र में कई घटनाएं देखी जा रही थी, जहां हाथियों के झुंड फसलों को बर्बाद कर देते थे, किसान परेशान रहते थे, जिससे आस-पास के करीब 100 गांवों के लोग, बहुत परेशान थे, लेकिन गांव वाले, हाथियों की भी मजबूरी समझते थे। उन्होंने कहा, ‘उन्हें पता था कि हाथी, भूख मिटाने के लिए, खेतों का रूख कर रहे हैं, इसलिए गांववालों ने इसका समाधान निकालने की सोची। गावंवालों की एक टीम बनी, जिसका नाम था ‘हाथी बंधु’। हाथी बंधुओं ने सूझ-बूझ दिखाते हुए करीब 800 बीघा बंजर भूमि पर एक अनूठी कोशिश की। यहाँ गांववालों ने आपस में मिल-जुल कर नैपियर घास लगाई। इस घास को हाथी बहुत पसंद करते हैं। इसका असर ये हुआ कि हाथियों ने खेतों की ओर जाना कम कर दिया।’

मोदी ने कहा कि हमारी संस्कृति और विरासत हमें आस-पास के पशु-पक्षियों के साथ प्यार से रहना सिखाती है। ये हम सभी के लिए बहुत खुशी की बात है, कि बीते दो महीनों में हमारे देश में दो नए टाइगर रिजर्व जुड़े हैं। इनमें से एक है छत्तीसगढ़ में गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व और दूसरा है मध्य प्रदेश का रातापानी टाइगर रिजर्व। प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ दिन पहले ही स्टार्टअप इंडिया के 9 साल पूरे हुए हैं। हमारे देश में जितने स्टार्टअप 9 साल में बने हैं उनमें से आधे से ज्यादा टियर 2 और टियर 3 शहरों से हैं और जब यह सुनते हैं तो हर हिन्दुस्तानी का दिल खुश हो जाता है यानि हमारा स्टार्टअप कल्चर बड़े शहरों तक ही सीमित नहीं है। जब यह सुनने को मिलता है कि अंबाला, हिसार, कांगड़ा, चेंगलपट्टू, बिलासपुर, ग्वालियर और वाशिम जैसे शहर स्टार्टअप के केंद्र बन रहे हैं, तो ‘मन’ आनंद से भर जाता है। नागालैंड जैसे राज्य में, पिछले साल स्टार्टअप के पंजीकरण में 200% से अधिक की वृद्धि हुई है।

उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश में दीपक नाबाम ने सेवा की अनूठी मिसाल पेश की है। दीपक यहां लिविंग होम चलाते हैं। जहां मानसिक रूप से बीमार, शरीर से असमर्थ लोगों और बुजुर्गों की सेवा की जाती है, यहां पर ड्रग की लत के शिकार लोगों की देख-भाल की जाती है। दीपक नाबाम ने बिना किसी सहायता के समाज के वंचित लोगों, हिंसा पीड़ित परिवारों, और बेघर लोगों को, सहारा देने का अभियान शुरू किया। आज उनकी सेवा ने एक संस्था का रूप ले लिया है। उनकी संस्था को कई अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया है।

पीएम मोदी ने कहा कि लक्षद्वीप के कवरत्ती द्वीप पर नर्स के रूप में काम करने वाली के. हिंडुम्बी उनका काम भी बहुत प्रेरित करने वाला है। आपको ये जानकर हैरानी होगी कि वो 18 वर्ष पहले सरकारी नौकरी से सेवानिवृत्त हो चुकी हैं, लेकिन आज भी उसी करुणा, और स्नेह के साथ, लोगों की सेवा में जुटी हैं जैसे वो पहले करती थीं। लक्षद्वीप के ही केजी मोहम्मद के प्रयास ये भी अद्भुत हैं। उनकी मेहनत से मिनीकॉय द्वीप का समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र मजबूत हो रहा है। उन्होनें पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए कई गीत लिखे हैं। उन्हें लक्षद्वीप साहित्य कला अकादमी की तरफ से सर्वश्रेष्ठ लोकगीत पुरस्कार भी मिल चुका है। केजी मोहम्मद रिटायर होने के बाद वहां के म्यूजियम के साथ जुड़कर भी काम कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि निकोबार जिले में वरजिन कोकोनट ऑयल को हाल ही में जीआई टैग मिला है। इसके बाद एक और नई पहल हुई है। इस तेल के उत्पादन से जुड़ी महिलाओं को संगठित कर स्वयं सहायता समूह बनाए जा रहे हैं, उन्हें मार्केटिंग और ब्रांडिंग की विशेष ट्रेनिंग भी दी जा रही है। ये हमारे आदिवासी समुदायों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

साभार : अमर उजाला

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