अहमदाबाद. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भाजपा के कार्यक्रम संविधान गौरव अभियान के लिए अहमदाबाद पहुंचे। यहां उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा- 75 में 65 साल कांग्रेस ने इस देश पर राज किया। उन्होंने संविधान खिलवाड़ किया। संसद में बिना पास कराए ही अनुच्छेद 35ए लागू कर दिया। नड्डा ने कहा कि अंबेडकर ने संविधान में सेक्युलर शब्द नहीं जोड़ा था। उन्होंने कहा था कि देश में सभी धर्मों को बराबर माना है, इसलिए सेक्युलर शब्द लगाने की आवश्यकता नहीं है। इस्लामिक स्टेट को संविधान में यह शब्द लगाने की जरूरत है। अंबेडकर ने यह भी कहा था कि भारत में कैसी सरकार हो, इसका फैसला जनता करेगी। इसलिए संविधान में सोशलिज्म और सेक्युलर शब्द नहीं जोड़ना चाहिए, लेकिन इंदिरा ने इन शब्दों को जोड़ा। इंदिरा ने ही इमरजेंसी लगाकर क्रूरता की।
नड्डा ने आगे कहा;- राहुल को न तो इतिहास की जानकारी है और न ही यह पता है कि राजीव, इंदिरा और नेहरू ने संविधान के साथ किस तरह छेड़छाड़ की थी। दरअसल, संसद के शीतकालीन सत्र में अमित शाह के अंबेडकर को दिए बयान की कांग्रेस ने आलोचना की थी। इसकी के जवाब में भाजपा ने संविधान गौरव अभियान शुरू किया। भाजपा के मुताबिक, इसका मकसद जनता के बीच संविधान के बारे में चर्चा करना है।
नड्डा की स्पीच की 3 बातें…
1. इंदिरा ने कुर्सी बचाने के लिए इमरजेंसी लगाई नड्डा ने कहा कि इंदिरा गांधी की कुर्सी को खतरा था। इसलिए भारत में इमरजेंसी 25 जून को लगाई गई। इसमें फंडामेंटल राइट सस्पेंड कर दिए गए। अटल-आडवाणी, मोरारजी देसाई सब जेल में बंद हुए। हमारी विचारधारा से जुड़े हुए लोगों ने इमरजेंसी और आजादी के लिए लड़ने में पूरी ताकत लगाई गई।
2. इमरजेंसी में कई अखबार ब्लैंक हुए स्टेट्समेन और इंडियन एक्सप्रेस के एडिटोरियल ब्लैंक हो गए। ऐसी क्रूरता इंदिरा गांधी ने सिर्फ अपने कुर्सी के लिए की। इंदिरा गांधी एक कानून लेकर आई थी, जिसमें प्राइम मिनिस्टर, प्रेसिडेंट और वाइस प्रेसिडेंट को ज्यूडिशियल रिव्यू से बाहर निकाल दिया। इसका मतलब इन लोगों पर कानूनी कार्रवाई नहीं होगी।
3. कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर के लोगों के अधिकार छीने कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर के लोगों को उनके अधिकारों से हमेशा वंचित रखने का काम किया, लेकिन PM मोदी की ईच्छाशक्ति और अमित शाह की गणनीति ने धारा 370 को धाराशायी कर वंचितों को अधिकार दिया।
शाह के बयान से शुरू हुआ था विवाद, कांग्रेस ने शाह का इस्तीफा मांगा था
गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में संविधान पर चर्चा को लेकर बयान जिसे लेकर कांग्रेस ने कहा था कि शाह ने अंबेडकर का अपमान किया है। कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा- शाह के बयान से सभी आहत हैं। अब तक अमित शाह या प्रधानमंत्री ने इसके लिए माफी मांगने की कोशिश नहीं की। कांग्रेस गणतंत्र दिवस यानी 26 जनवरी तक इस मुद्दे को देशभर में उठाएगी।’
अंबेडकर विवाद पर शाह सफाई दे चुके
अंबेडकर पर दिए बयान पर अमित शाह सफाई दे चुके हैं। उन्होंने 18 दिसंबर को कहा था- ‘संसद में बात तथ्य और सत्य के आधार पर होनी चाहिए। भाजपा के सदस्यों ने ऐसा ही किया। जब साबित हो गया कि कांग्रेस अंबेडकर विरोधी पार्टी है, आरक्षण विरोधी है, संविधान विरोधी है, तो कांग्रेस ने अपनी पुरानी रणनीति अपनाते हुए बयानों को तोड़ना-मरोड़ना शुरू कर दिया।’ शाह ने कहा था कि खड़गेजी इस्तीफा मांग रहे हैं, उन्हें आनंद हो रहा है तो शायद मैं दे भी दूं पर उससे उनका काम नहीं बनना है। अभी 15 साल तक उन्हें जहां हैं, वहीं बैठना है, मेरे इस्तीफे से उनकी दाल नहीं गलने वाली।
साभार : दैनिक भास्कर
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