नई दिल्ली. पहलगाम आतंकी हमले के बाद सीमा पर बढ़े तनाव के मद्देनजर विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने सोमवार (19 मई 2025) को संसदीय समिति को जानकारी दी. उन्होंने बताया कि भारत-पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष हमेशा पारंपरिक दायरे में रहा और पड़ोसी देश की ओर से परमाणु खतरे का कोई संकेत नहीं दिखा. विदेश मामलों की संसदीय समिति की बैठक के दौरान विक्रम मिसरी ने साफ तौर पर कहा कि भारत ने पाकिस्तान के किसी भी न्यूक्लियर ठिकाने पर हमला नहीं किया.
ऑपरेशन सिंदूर पर जयशंकर के बयान पर क्या कहा?
भारतीय विदेश मंत्रालय ने उन बयानों को पूरी तरह से गलत बताया जिनमें दावा किया गया था कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने माना था कि भारत ने सात मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू होने से पहले पाकिस्तान को अलर्ट किया था. विक्रम मिसरी ने कहा कि विदेश मंत्री के बयान को गलत तरीके से समझा गया, जबकि विदेश मंत्री ने जिस बात का जिक्र किया है वह ऑपरेशन सिंदूर के पहले चरण के बाद का है. उन्होंने कहा कि 6-7 मई की रात में जो 9 आतंकी ठिकानों पर हमला किया गया था उसकी जानकारी पाकिस्तान को दी गई थी.
क्या भारत के किसी फाइटर जेट को नुकसान भी पहुंचा?
सूत्रों के मुताबिक बैठक के दौरान कुछ सदस्यों ने पूछा कि क्या पाकिस्तान के साथ हुए तनाव में भारत के किसी फाइटर जेट को नुकसान भी पहुंचा? इस पर विदेश सचिव ने बताया कि यह एक ऑपरेशनल गोपनीय जानकारी है, जिसको शेयर नहीं किया जा सकता. भारत के खिलाफ तुर्किए के प्रतिकूल रुख के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि तुर्किए पारंपरिक रूप से भारत का समर्थक नहीं रहा है.
सीजफायर पर ट्रंप के दावों पर क्या बोले विक्रम मिसरी?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों देशों के बीच संघर्ष को रोकने में अपने प्रशासन की भूमिका होने का दावा किया था. समिति की बैठक में कुछ विपक्षी सदस्यों ने ट्रंप के इस दावे को लेकर भी सवाल उठाया. इस पर विक्रम मिसरी ने कहा, ‘यह सही नहीं है. यह भारत और पाकिस्तान के बीच का द्विपक्षीय मुद्दा था और उसी तरीके से सीजफायर का फैसला हुआ है. किसी अन्य देश को जम्मू-कश्मीर के मुद्दों पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है.’
‘पाकिस्तान के साथ हालात सुधरने की गुंजाइश नहीं’
संसदीय समिति की बैठक में पूछा गया कि क्या पाकिस्तान की तरफ से चीन के हथियारों का इस्तेमाल किया गया था? इस पर विदेश सचिव ने कहा कि उन्होंने जिस भी हथियार का इस्तेमाल किया उसका हमारी सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया. सूत्रों के मुताबिक भारत के विदेश सचिव ने कहा, ‘ऐतिहासिक तौर पर तुर्किए के साथ भारत के संबंध कभी भी बहुत अच्छे नहीं रहे हैं. पाकिस्तान के साथ कैसे रिश्ते रहे हैं यह तो बताने की जरूरत ही नहीं है. आने वाले दिनों में भी पाकिस्तान के साथ हालात सुधरने की गुंजाइश नहीं दिख रही है.’
कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अध्यक्षता में विदेश मामलों पर संसद की स्थायी समिति की बैठक में तृणमूल कांग्रेस के अभिषेक बनर्जी, कांग्रेस के राजीव शुक्ला और दीपेंद्र हुड्डा, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की अपराजिता सारंगी और अरुण गोविल समेत कई नेताओं ने भाग लिया.
साभार : एबीपी न्यूज
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