इस्लामाबाद. पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर को फील्ड मार्शल की रैंक पर प्रमोट कर दिया गया है. यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब भारत के जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के तार सीधे-सीधे पाकिस्तानी सेना और ISI से जुड़े पाए गए हैं. साथ ही पाक के ही एक सेना अफसर ने माना था कि पहलगाम हमले का प्लान असीम मुनीर ने ही बनाया था. बता दें, पाकिस्तानी मीडिया और वहां के प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, मंगलवार को पाकिस्तान की कैबिनेट ने इस प्रमोशन को मंजूरी दी.
पाकिस्तान की सेना में फील्ड मार्शल का पद न केवल एक बड़ा सम्मान है, बल्कि रणनीतिक फैसलों में सबसे ऊंचा हस्तक्षेप का अधिकार भी देता है. यानी अब मुनीर के पास पाक सेना के साथ-साथ यहां की हुकूमत में भी बेशुमार ताकत होगी. यह रैंक मुनीर को न केवल सेना की कंट्रोलिंग का कंट्रोल देगी, बल्कि अब उन्हें राजनीतिक-सैन्य मामलों में निर्णायक भूमिका में भी ला देगी.
सेना के साथ अब ऐसे काम करेंगे मुनीर
फील्ड मार्शल बनने के बाद आसीम मुनीर को अब पाकिस्तान की सेना और खुफिया एजेंसियों के बीच समन्वय और मजबूत करने की खुली छूट मिल सकती है. यह भारत के खिलाफ हाइब्रिड वॉर आतंकवाद, साइबर अटैक और प्रॉक्सी युद्ध जैसी गतिविधियों को और तेज कर सकता है.
पाक हुकूमत ने क्यों किया ये प्रमोशन
पाक हुकूमत ने ये फैसला सिर्फ और सिर्फ एक प्रोपोगेंडा चलाने के लिए किया है. दरअसल हारा हुआ पाक अब दुनिया को ये झूठा मैसेज देने की कोशिश कर रहा है कि वो भारत से युद्ध में जीत गया है. इसीलिए उसने पाक के जनरल का प्रमोशन किया है. हमेशा झूठ बरगलाने वाला पाक अब दुनिया को चकमा देने की फिराक में है. हालांकि पाक की हार पूरी दुनिया देख चुकी है, और जानती है कि किसने किसको पटखनी दी. वहीं, ये भी माना जा रहा है कि सरकार जनता को ये मैसेज देना चाहती है कि उसने भारत पर जीत पाई है. जिससे भविष्य के चुनाव में भी शहबाज शरीफ इस हार पर राजनीति कर सकें.
ISI प्रमुख, आर्मी चीफ अब फील्ड मार्शल
असीम मुनीर 2022 से पाकिस्तान के सेना प्रमुख (Army Chief) के तौर पर काम रहा था. हालांकि, अब 2025 में उसे फील्ड मार्शल का प्रमोशन मिल गया है. वह पाकिस्तान का 11वें सेना प्रमुख बना था. इससे पहले वह GHQ में क्वार्टरमास्टर जनरल के पद पर तैनात था. असीम मुनीर ने 1986 में सैन्य करियर की शुरुआत की थी. वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के प्रमुख भी रह चुका है. उसे पाक देश के सर्वोच्च सैन्य सम्मानों में से निशान-ए-इम्तियाज़, हिलाल-ए-इम्तियाज़ और प्रतिष्ठित स्वॉर्ड ऑफ ऑनर से नवाजा जा चुका है.
साभार : टीवी9 भारतवर्ष
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