लेह. लद्दाख के डीजीपी एस डी सिंह जामवाल ने सोनम वांगचुक को लेकर बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने शनिवार को एक बयान में आरोप लगाया कि सोनम वांगचुक के पाकिस्तान से संबंध हैं। इसके साथ ही डीजीपी ने उनकी पड़ोसी देशों की यात्राओं को लेकर भी चिंता जताई है। बता दें कि सोनम वांगचुक ने हाल ही में केंद्र शासित प्रदेश को राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर भूख हड़ताल की थी। सोनम वांगचुक को शुक्रवार को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत गिरफ्तार किया गया था और बाद में उन्हें राजस्थान की जोधपुर सेंट्रल जेल में स्थानांतरित कर दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया है कि उनकी गिरफ्तारी और उनके खिलाफ लगाए गए आरोप एक षड्यंत्र का हिस्सा हैं और लोगों की मांगों पर ध्यान देने के बजाय केंद्र उन्हें बलि का बकरा बना रहा है।
सीमा पार भेजी जा रही थी रिपोर्ट
दरअसल, लेह में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, डीजीपी एस डी सिंह जामवाल ने कहा कि पुलिस ने पहले एक पाकिस्तानी खुफिया अधिकारी को गिरफ्तार किया था, जो कथित तौर पर वांगचुक के संपर्क में था। लद्दाख के डीजीपी ने कहा, “हमने हाल ही में एक पाकिस्तानी पीआईओ को गिरफ्तार किया है जो सीमा पार रिपोर्ट भेज रहा था। हमारे पास इसके रिकॉर्ड हैं। वह (सोनम वांगचुक) पाकिस्तान में एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे और बांग्लादेश भी गए थे। इससे गंभीर सवाल उठते हैं। मामले की जांच चल रही है।” इसके अलावा डीजीपी एस डी सिंह जामवाल ने सोनम वांगचुक पर 24 सितंबर को लेह में विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़काने का आरोप लगाया। इस हिंसा में प्रदर्शनकारियों द्वारा वाहनों और स्थानीय भाजपा कार्यालय में आग लगाने से चार लोगों की मौत हो गई और लगभग 80 अन्य घायल हो गए।
वांगचुक ने भीड़ को उकसाया: केंद्र
बता दें कि सरकार ने लद्दाख में हालिया अशांति के लिए सोनम वांगचुक को जिम्मेदार ठहराया है और उन पर भड़काऊ बयान देने और अधिकारियों व लद्दाखी प्रतिनिधियों के बीच चल रही बातचीत का विरोध करने वाले राजनीतिक रूप से प्रेरित समूहों के साथ मिलकर काम करने का आरोप लगाया है। डीजीपी एसडी सिंह जामवाल ने कहा, “सोनम वांगचुक का भड़काने का इतिहास रहा है। उन्होंने अरब स्प्रिंग, नेपाल और बांग्लादेश का ज़िक्र किया है। उनके द्वारा दिए गए धन की जांच एफसीआरए के संभावित उल्लंघनों के लिए चल रही है।”
लद्दाख हिंसा में विदेशी हाथ
लेह में हुई हिंसा में विदेशी तत्वों के शामिल होने के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में, पुलिस प्रमुख ने कहा, “जांच के दौरान, दो और लोगों को गिरफ़्तार किया गया। वे किसी बड़ी साज़िश का हिस्सा हैं या नहीं, यह अभी स्पष्ट नहीं है। इस क्षेत्र में नेपाली नागरिकों के मज़दूर के रूप में काम करने का इतिहास रहा है, इसलिए हमें इसकी और जांच करनी होगी।” डीजीपी जामवाल ने आगे कहा कि “तथाकथित पर्यावरण कार्यकर्ताओं” द्वारा दिए गए भड़काऊ भाषणों ने केंद्र शासित प्रदेश में हिंसा भड़काने में भूमिका निभाई।
साभार : इंडिया टीवी
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